यह धन कभी चोरी नहीं होता!
क्या ऐसा संभव है कि व्यक्ति हमेशा धनवान बना रहे और उसके धन की न हानि हो, न चोरी? चूंकि इंसानी जीवन में धन की अहमियत मात्र शारीरिक सुख और सुविधाओं को पाने तक ही नहीं बल्कि यह विचार और व्यवहार को भी नियत करने वाला होता है। इसलिए धन हानि इच्छापूर्ति, रोग या चोरी के रूप में हो ही जाती है। किंतु शास्त्रों में ऐसा ही धन बताया गया है, जिससे व्यक्ति हमेशा अमीर बना रहता है। जानते हैं कौन-सा है वह धन -
शास्त्रों में विद्या को ऐसा धन बताया गया है जो गुप्त भी होता है और सुरक्षित भी। विद्या या ज्ञान इंसान के चरित्र, आचरण और व्यक्तित्व को उजला बनाने वाली होती है। शास्त्रों में लिखी यह बात साफतौर पर जीवन में विद्या के महत्व को उजागर करती है-
लिखा है कि -
विद्या नाम कुरूपरूपमधिकं विद्यापति गुप्तं धनं।
विद्या साधुकरी जनप्रियकरी विद्या गुरूणां गुरु:।।
विद्या बन्धुजनार्तिनाशनकरी विद्या परं दैवतं।
विद्या राजसु पूजिता हि मनुजो विद्याविहीन: पशु:।।
सरल शब्दों में जानें तो विद्या बदसूरत व्यक्ति को भी खूबसूरत बना देती है। यही नहीं यह व्यक्ति के चरित्र और व्यवहार को पावन कर लोकप्रिय व भरोसेमंद भी बनाती है। यह व्यक्ति की ही नहीं बल्कि परिवार को भी संकट से बचाती है। विद्वान के आगे ऊंचे पद पर बैठा व्यक्ति भी झुक जाता है।
इस तरह विद्या से दूर इंसान पशु के समान माना गया है। किंतु विद्या या विद्वानता ऐसा धन है, जिसे कोई दूसरा किसी भी तरह से चुरा नहीं सकता।

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