स्त्री की कामयाबी तय करते हैं ये सूत्र

स्त्री की कामयाबी तय करते हैं ये सूत्र


आज महिलाएं हर क्षेत्र में अपने गुण, योग्यता और ताकत का लोहा मनवा रही है। जिससे वे सारी दकियानूसी सोच और परंपराएं पीछे छूटती चली जा रही हैं, जिससे घर की दहलीज के अंदर स्त्री की जिंदगी तमाम हो जाती है। इस बात का मतलब यह नहीं है कि आज कामकाजी स्त्रियां बेहतर और गृहस्थ महिला कमतर है। बल्कि यही बताना है कि स्त्रियां दोनों ही रूपों में समान रूप और जज्बे से जिम्मेदारियों को पूरा करती है।

धर्म शास्त्रों में भी ऐसी ही अनेक गृहस्थ और पतिव्रता स्त्रियों के बारे में लिखा गया है, जो आज भी हर नारी के लिए आदर्श और प्रेरणा है। भारतीय संस्कृति में ही ऐसे ही गुणों के लिए शक्ति रूपा माता सीता को याद किया जाता है। अनेक लोगों माता सीता के जीवन को संघर्ष से भरा भी मानते हैं, लेकिन असल में उनके ऐसे ही जीवन में हर कामकाजी या गृहस्थ स्त्री के लिए बेहतर और संतुलित जीवन के अनमोल सूत्र छुपे हैं। जानते हैं ये संदेश -

- माता सीता ने असाधारण पातिव्रत धर्म का पालन किया। वनवास श्रीराम को मिला, किंतु सीता ने महल के सारे सुख ओर दौलत के ऊपर पति का साथ सही माना।
- वनवास के दौरान रावण द्वारा अपहरण और अशोक वाटिका में रहने के दौरान शील, सहनशीलता, साहस और धर्म का पालन करने से नहीं चूकीं। उन्होंने रावण की ताकत और वैभव के आगे अपने पति श्रीराम और शक्ति के प्रति पूरा विश्वास ही नहीं रखा बल्कि अपने शील और साहस के बल पर रावण को भी झुकने को मजबूर किया।
- श्रीराम के द्वारा त्याग करने पर भी उस फैसले को कुल के सम्मान के लिए बिना किसी को दोषी ठहराए सीता ने पूरी सहनशीलता के साथ स्वीकार कर धर्म का पालन किया।
इन बातों का निचोड़ यही है कि आज की स्त्री भी सीता के पावन चरित्र की तरह ही सेवा, संयम, त्याग, शालीनता, अच्छे व्यवहार, हिम्मत, शांति, निर्भयता, क्षमा और शांति को जीवन में स्थान देकर कामकाजी और दाम्पत्य जीवन के बीच संतुलन के साथ सफलता और सम्मान भी पा सकती है।

स्त्री की कामयाबी तय करते हैं ये सूत्र स्त्री की कामयाबी तय करते हैं ये सूत्र Reviewed by Naresh Ji on February 11, 2022 Rating: 5

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