giloy ke fayde / गिलोय के फायदे और औषधीय गुण

नमस्कार मित्रों
आज आपको जिस औषधि के बारे में बताने जा रहे हैं उसका नाम है गिलोय। गिलोय को अमृता भी कहा जाता है क्योंकि अगर इसके गुणों को देखा जाए तो यह अमृत के समान ही है। यह शरीर का कायाकल्प करने वाली औषधि है। जिस प्रकार अमृत शरीर को दीर्घायु और स्वस्थ बना देता है उसी प्रकार यह गिलोय भी शरीर को दीर्घायु एवं स्वस्थ बना देती है।
यह गिलोय गुणों का भंडार है। अगर इसके गुणों के बारे में व्याख्या की जाए तो इसके गुणों का बखान एक आर्टिकल में नहीं किया जा सकता अर्थात इसके हजारों गुण है। हम आपको इस आर्टिकल में गिलोय के कुछ महत्वपूर्ण गुण बताने जा रहे हैं जो की निम्नलिखित हैं।

giloy ke fayde / गिलोय के फायदे और औषधीय गुण

गिलोय की हजारों गुण और फायदे हैं। इसमें से कुछ अति महत्वपूर्ण फायदे और गुण हम आपको बता रहे हैं।

1. गिलोय का काढ़ा लगभग 100 बीमारियों को ठीक करता है। गिलोय का काढा सर्दी, जुकाम, कफ, एलर्जी, अस्थमा, स्वाइन फ्लू, डेंगू, चिकनगुनिया, प्लेटलेट्स, ओबेसिटी डायबिटीज, किसी भी तरह का इन्फेक्शन, किसी भी तरह की न्यूट्रिएंट्स और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी को दूर करने में अति उत्तम है।

2. गिलोय रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में अति महत्वपूर्ण है। इसका सेवन करने से हमारी इम्यूनिटी पावर बढ़ जाती है। जिन लोगों को बार-बार सर्दी जुकाम बुखार होता रहता है या मौसम के थोड़े बहुत परिवर्तन से ही सर्दी जुकाम बुखार आदि समस्याएं हो जाती हैं उनको गिलोय का सेवन अवश्य करना चाहिए।

3. जिन लोगों को मौसम के बदलाव के कारण बार-बार उल्टी दस्त आदि होते हैं। उनको भी गिलोय का सेवन अवश्य करना चाहिए।

4. गिलोय, एलोवेरा, पपीते के पत्ते, अनार और थोड़ा सा तुलसी। इनके सेवन से बुखार और प्लेटलेट्स तुरंत ठीक हो जाते हैं।

5. platelets ki kami होने से ब्लड कैंसर भी हो सकता है। विटामिन डी, विटामिन b12 की कमी से भी ब्लड 
कैंसर हो सकता है क्योंकि इनकी कमी से टीएलसी डीएलसी गड़बड़ हो जाता है।

6. गिलोय प्लेटलेट्स बढ़ाने का 100% अचूक उपाय है। यह डेंगू का 100% अचूक उपचार है।जैसा कि सभी जानते हैं कि डेंगू बुखार में  प्लेटलेट्स की संख्या में काफी कमी आ जाती है और गिलोय प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए अचूक है इसलिए गिलोय डेंगू बुखार का अचूक उपचार है।

7. जो लोग गिलोय पीते हैं उनको मोटापा नहीं आता है और जो मोटे हैं वो पतले हो जाते हैं।

8. गिलोय के सेवन से डायबिटीज के रोगी non-diabetic हो जाते हैं। इसके लिए किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्श के अनुसार गिलोय का सुबह-शाम सेवन करना चाहिए।

9. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेद में गिलोय से अच्छी कोई दूसरी चीज नहीं है। यह अद्भुत है इम्यूनिटी पॉवर बढ़ाने के लिए।

10. गिलोय त्रिदोष नाशक है। अर्थात वात पित्त कफ तीनों को बैलेंस करती है। वात पित्त कफ तीनों से संबंधित रोगों को ठीक करती है।

11. गिलोय अर्थराइटिस रोग में बहुत अच्छा काम करती है। यह आर्थराइटिस को ठीक कर देती है।

12. गिलोय अस्थमा रोगियों के लिए भी बहुत लाभदायक है क्योंकि यह फेफड़ों को मजबूती देता है। आप जानते ही हैं कि अस्थमा का रोग फेफड़ों से संबंधित है।

13. गिलोय पीने वालों को हार्ट की प्रॉब्लम नहीं होती है। गिलोय पीने वालों का कोलस्ट्रोल नहीं बढ़ता है। गिलोय पीने वालों का ब्लड प्रेशर नॉर्मल रहता है।

14. गिलोय पीने वालों को थायराइड की प्रॉब्लम नहीं होती है। गिलोय पीने वालों को मोटापे की समस्या नहीं होती है।

15. गिलोय पीने वालों काम मेटाबॉलिज्म अच्छा रहता है। गिलोय पीने वालों को डायबिटीज की समस्या धीरे-धीरे खत्म हो जाती है।

16. आप यह बात जानकर हैरान हो जाएंगे कि गिलोय कैंसर नाशक भी है। कैंसर में गिलोय, एलोवेरा, गेहूं का जवारा, तुलसी और नीम इन पांच चीजों का जूस पीना चाहिए। इनको पंचामृत कहा जाता है। यह पंचामृत कैंसर में बहुत ही कारगर है।

17. जिन व्यक्तियों को कोई भी रोग नहीं है अर्थात वे स्वस्थ हैं। वह लोग भी प्रतिदिन गिलोय का सेवन कर सकते हैं।

18. प्रदूषण से होने वाली बीमारियां, बैक्टीरिया, वायरस, इंफेक्शन आदि को दूर करने के लिए भी गिलोय अमृत के समान है।

19. जिन को दस्त लगते हो, बार-बार पाखाना जाना पड़ता हो, आंव की समस्या हो, इन समस्याओं में भी गिलोय बहुत ही कारगर है।

20. हिचकी की समस्या में गिलोय लाभकारी है। इस समस्या में गिलोय के काढ़े में थोड़ी सी मिश्री मिलाकर लेने से हिचकी की समस्या समाप्त हो जाती है।

21. पीलिया के रोग में पुनर्वा और गिलोय के रस को मिलाकर पीने से बहुत लाभ मिलता है और पीलिया रोग जड़ से समाप्त हो जाता है और आगे होने की संभावना भी खत्म हो जाती है।

22. गिलोय यकृत को ताकत देने वाली होती है। यह यकृत से संबंधित रोगों में बहुत लाभकारी है। यकृत से संबंधित एक रोग है भूख ना लगना। यह धीरे-धीरे यकृत की क्रिया विधि को ठीक कर देती है जिससे भूख अच्छी लगनी शुरू हो जाती है।

23. अगर शरीर में ब्लूरोबिन बढ़ा हुआ है तो गिलोय का सेवन इस समस्या में लाभकारी है। इसके सेवन से निश्चित रूप से ब्लूरोबिन ठीक हो जाता है।

24. जो व्यक्ति प्रमेय के रोगी हैं। जिनमें कमजोरी है। जिनमें धातु क्षीणता है। उनको रात को गिलोय को कूटना है और पानी में भिगोकर रख देना है। सुबह उठकर उस गिलोय युक्त पानी को छानकर पी लेना है। इससे प्रमेय, कमजोरी धातु क्षीणता आदि की समस्या दूर हो सकती है।

25. गिलोय के लगातार प्रयोग करने से चेहरे पर झाइयां और झुरिया नहीं होती हैं। चेहरा धीरे-धीरे निखरने लगता है और त्वचा की रंगत भी बढ़ने लगती है।

26. गिलोय बुढ़ापे को रोकने वाली है क्योंकि इसमें एंटी एजिंग प्रॉपर्टीज होती हैं इसलिए यह जवानी को बना करके रखने वाली है।

27. यह त्रिदोष नाशक है। जिन व्यक्तियों की प्रकृति ठंडी है वह भी इसका सेवन कर सकते हैं और जिन व्यक्तियों की प्रकृति गर्म है वह भी इसका सेवन कर सकते हैं।

28. ऐसे लोग जिनको बहुत प्यास लगती है चाहे वह किसी भी कारण से हो चाहे वह डायबिटीज के कारण से हो या किसी अन्य कारण से हो। ऐसे लोग जिनका रात को मुंह सूखता हो। पानी पीने के बाद तुरंत प्यास लग जाती है। इस तरह की समस्या में गिलोय का प्रयोग अवश्य करना चाहिए।

29. जिन व्यक्तियों को उल्टी की समस्या हो जैसे की यात्रा के दौरान या बदहजमी के कारण। कई लोगों को खाना खाने के बाद एसिडिटी और उल्टी की समस्या होती है। इस समस्या में भी गिलोय बहुत ही कारगर है।

30. गिलोय भूख बढ़ाने में बहुत ही लाभदायक है। खाने को आसानी से पचाने में भी लाभदायक है। चर्म रोगों में भी लाभदायक है।

31. फंगस की समस्या में भी गिलोय बहुत ही फायदेमंद है क्योंकि यह सभी तरह के बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करती है।

32. जिनको एसिडिटी बहुत ज्यादा होती हो। बहुत ज्यादा तीखा खाने से होती हो या मीठा खाने से होती हो। दूध के किसी प्रोडक्ट का प्रयोग करने से होती हो या किसी भी कारण से हो। गिलोय सभी प्रकार की एसिडिटी को दूर करने में बहुत ही सहायक होती है।

33. ब्लड रिलेटेड जितने भी डिसऑर्डर्स हैं उनमें गिलोय बहुत ही कारगर रूप से काम करती है। जैसे कि खून की गंदगी को साफ करना, यूरिक एसिड बढ़ गया हो आदि।

34. गिलोय गाउट नाम के रोग में भी बहुत ही कारगर है। गाउट को वात रक्त भी कहा जाता है। इस रोग में joints टेडे होने लग जाते हैं। गिलोय वात रक्त में सर्वश्रेष्ठ औषधि मानी जाती है।

35. कफ से संबंधित रोगों में गिलोय बहुत अधिक लाभदायक है। आजकल जैसे देखा गया है जैसे फैटी लीवर हो जाता है इसका अर्थ यह है कि लीवर के अंदर कफ के गुण बढ़ गए है। इस रोग में गिलोय लाभकारी है।

36. गिलोय शुक्र धातु बढ़ाने में सहायक होती है। यह गुण इसके लिए बहुत खास है जो कि बहुत ही कम जड़ी बूटियों में पाया जाता है।

37. गिलोय यूरिनरी सिस्टम की बीमारियों में भी बहुत कारगर है। जिन व्यक्तियों का शुगर लेवल बड़ा हुआ है या यूरिन शुगर बड़ी हुई है। जिनको बार बार पेशाब जाना पड़ता है या पेशाब बहुत ज्यादा मात्रा में आता है। यूरिन से संबंधित रोगों में गिलोय पक्का फायदेमंद साबित होती है।

38. सभी तरह के चर्म रोगों में गिलोय लाभदायक है। जैसे कि दाद खाज खुजली आदि में यह बहुत उपयोगी है। यह खून को साफ करती है क्योंकि अक्सर देखा गया है कि जब खून गंदा हो जाता है तो कई तरह के चर्म रोग होने शुरू हो जाते हैं और जैसा कि कहा गया है कि यह खून को साफ करती है और जब खून साफ हो जाएगा तो चर्म रोग स्वत ही समाप्त हो जाएंगे।

39. सभी तरह के बुखारों में गिलोय उपयोगी है। जब रोगी का शरीर बुखार के कारण तप रहा हो तब इसका काढ़ा पीना या इसकी गोली खाना बहुत ही उपयोगी है।

40. अगर आपको कोई भी बीमारी नहीं है तब भी आप गिलोय का सेवन कर सकते हैं। यह आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा देती है। अर्थात आपको बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करेगी और आपको कोई रोग नहीं होने देगी।

निष्कर्ष

मित्रों, आपने इस आर्टिकल में giloy ke fayde और गिलोय के गुणों के बारे में जानना है। गिलोय के गुणों को जानने के बाद यदि इस धरती का अमृत कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, मधुमेह, हाइपरटेंशन, बुखार, खून की कमी को दूर करना, प्लेटलेट्स बढ़ाना इस तरह के हजारों गुणों के कारण हमें गिलोय का प्रयोग अवश्य करना चाहिए।

गिलोय शरीर का कायाकल्प करके हमें नया जीवन देने वाली परम औषधि है। हमें इसे अपने घरों में अवश्य उगाना चाहिए और किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक के सानिध्य में इसका उपयोग करते रहना चाहिए ताकि हम स्वस्थ और निरोगी जीवन जी सकें।
धन्यवाद।
giloy ke fayde / गिलोय के फायदे और औषधीय गुण giloy ke fayde / गिलोय के फायदे और औषधीय गुण Reviewed by Chandra Sharma on June 01, 2020 Rating: 5

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