इन 6 बुराईयों को दूर कर बने सफल व धनवान

इन 6 बुराईयों को दूर कर बने सफल व धनवान


धन-संपत्ति या सुख-सुविधाओं की चमक किसी न किसी रूप में अपना असर दूसरों पर भी छोड़ती है। इनका प्रभाव या आकर्षण किसी के भी मन में वैसे ही सुखों को पाने की चाहत पैदा करता है। गुणी व्यक्ति में यह चाहत प्रेरणा के रूप दिखाई देती है, तो गलत व्यक्ति किसी छोटे रास्ते इनको पाने के लिए गलत कामों को चुनते हैं। वहीं धर्म की नजरिए से सुख पाने का सबसे अच्छा उपाय है- कर्म।

धर्म शास्त्रों में ऐश्वर्य और ऊंचाई पाने के लिए कर्म से ही जुड़े कुछ व्यावहारिक दोषों को दूर करना भी अहम माना है। जिसके बिना कोई भी व्यक्ति दु:ख और पतन की खाई में गिर सकता है। खासतौर पर सफलता के लिए बेताब आज की युवा पीढ़ी के लिए यह छ: दोष दूर करना बहुत जरूरी है।

हिन्दू धर्म शास्त्र महाभारत में लिखा है कि -
षड् दोषा: पुरुषेणेह हातव्या भूतिमिच्छता।
निद्रा तन्द्रा भयं क्रोध आलस्यं दीर्घसूत्रता।।

यहां बताए ये छ: दोष या दुर्गुणों का व्यावहारिक अर्थ कुछ ऐसा है -

नींद - अधिक सोना समय को खोना माना जाता है, साथ ही यह दरिद्रता का कारण बनता है, इसलिए नींद भी संयमित, नियमित और वक्त के मुताबिक हो।
तन्द्रा - तन्द्रा यानि ऊँघना निष्क्रियता की पहचान है। यह कर्म और कामयाबी में सबसे बड़ी बाधा है।
डर - भय व्यक्ति के आत्मविश्वास को कम करता है। जिसके बिना सफलता संभव नहीं।
क्रोध - क्रोध व्यक्ति के स्वभाव, गुणों और चरित्र पर बुरा असर डालता है।
आलस्य - आलस्य लक्ष्य को पाने में सबसे बड़ी कमजोरी है। संकल्पों को पूरा करने के लिए जरूरी है आलस्य को दूर ही रखें।
दीर्घसूत्रता - इसका सीधा मतलब है जल्दी हो जाने वाले काम में अधिक देर नहीं होना चाहिए।

इन 6 बुराईयों को दूर कर बने सफल व धनवान इन 6 बुराईयों को दूर कर बने सफल व धनवान Reviewed by Naresh Ji on February 10, 2022 Rating: 5

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