पीलिया (जॉन्डिस)
पीलिया रोग अधिकांशतः पानी की अशुद्धि के कारण होता है। इसका मुख्य कारण शरीर में सही ढंग से खून ना बनना है। इस कारण शरीर में पीलापन आ जाता है। सबसे पहले आखों में पीलापन आता है उसके बाद शरीर और मूत्र पीला होता है। भूख न लगना, भोजन को देखकर उल्टी आना, मुह का स्वाद कड़वा होना, नाड़ी की गति धीरे चलना आदि लक्षण हैं। इसके साथ-साथ शरीर में खुजली अनिद्रा और कमजोरी महसूस होती है। पीलिया के घरेलू उपचार निम्न लिखित हैं।
1) गिलोय का चूर्ण एक-एक चम्मच सुबह-शाम सादे पानी के साथ लेने से पीलिया रोग में लाभ मिलता है।
2) मूली और गाजर के कोमल पत्ते नमक लगाकर खाने चाहिये। और ताजे गन्ने का रस दिन में 2-3 बार निंबू डालकर पीना चाहिये।
3) कडवे नीम के कोमल पत्तों का रस निकालकर उसमें मिश्री मिलाकर गरम करें। ठंडा होने पर रोगी को पिलायें। पीलिया जड़ से खत्म हो जायेगा। इसके अलावा रस और घी और शहद के साथ चाटने पर आराम मिलता है।
4) त्रिफला चूर्ण शहद में मिलाकर सुबह-शाम चाटने से पीलिया में काफी लाभ मिलता है।
5) गिलोय चूर्णशहद में मिलाकर चाटने से भी पीलिया में आराम मिलता है इसके साथ साथ काली मिर्च का चूर्ण भी शहद में मिलाकर ले सकते हैं।
6) बडे हरड़ का पाउडर गुड के साथ मिलाकर खाने से आराम मिलता है।
7) त्रिफला चूर्ण का काढा बनाएँ उसमें मिश्री और घी मिलाकर सेवन करें।
8) गिलोय के पत्तों को पीसकर मट्टे के साथ मिलाकर पीने से भी आराम मिलता है।
9) एक चुटकी छोटी हरड़ का चूर्ण शहद के साथ चाटने से पीलिया में आराम मिलता है।
10) बेल के पत्तों का रस निकालकर उसमें चुटकी भर काली मिर्च का चूर्ण मिलाएं और सुबह-शाम दो-दो चम्मच पीयें।
11) सौ ग्राम गुड के साथ पान में खाने वाला एक तोला चूना मिलाकर खाने से पीलिया में तत्काल आराम मिलता है। एक-एक हफ्ते के अन्तराल पर लगातार तीन-चार बार लेन से पीलिया समाप्त हो जाता है।
12) एक तोला सौंठ का चूर्ण शहद के साथ मिलाकर सुबह-शाम उपयोग करें।
13) त्रिफला + गिलोय + अडूलसा + कुटकी + चिरायता इन पाँचों का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम लेने से पीलिया में आराम मिलता है।
14) बथुए के बीज का चूर्ण बनाकर सुबह-शाम एक-एक चम्मच सादा पानी के साथ सेवन करें।
15) प्याज को बारीक काटकर नींबू के रस या सिरके में डालकर खाने से लाभ होता है।
16) आलुबुखारा खाने से पीलिया में आराम मिलता है। खरबुजा खाने से भी रोगी को आराम मिलता है।

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