डिलीवरी के बाद स्त्रियों का वजन बढ़ने के कारण और इसका इलाज
* डिलीवरी के बाद स्त्रियों का वजन बढ़ने के कारण: बीमारी से नहीं, डॉक्टर से बचो। बीमारी खतरनाक नहीं, डॉक्टर खतरनाक है। जो दवाई वह देते हैं, आपको बीमारी में। वह एक बीमारी से दूसरी बीमारी में आपको लेकर जाएंगी, दूसरी से तीसरी बीमारी और तीसरी से चौथी बीमारी में। इससे जिंदगी आपकी हराम हो जाएगी। ऐसा ही गर्भवती स्त्रियों के साथ ये डॉक्टर करते है और ना जाने कितनी गर्भवती स्त्रियां यह जानती होगी, कि उनके मोटापे का कारण डॉक्टर की बेईमानी ही है।
ज्यादातर गर्भवती स्त्रियों की यह शिकायत होती है, कि उनका वजन बढ़ रहा है और उनका वजन बढ़ना तब से शुरू हुआ है, जब से उन्हें बच्चा पैदा हुआ है। उसका कारण बच्चे के पैदा होने में उनका ऑपरेशन का होना है। जिन स्त्रियों के बच्चे सीजेरियन से होंते है, उन स्त्रियों का वजन का बढ़ना तो भगवान भी नहीं रोक सकता। वह तो बढ़ने ही वाला है, कोई नहीं रोक सकता।
यदि उन गर्भवती स्त्रियों का बच्चा नॉर्मल डिलीवरी से हो जाता है। तब उनका वजन नहीं बढ़ता है। ज्यादातर स्त्रियां अपना सीजर लगवाने के चक्कर में अपनी जिंदगी खुद खराब कर लेती हैं, क्योंकि उनको पता ही नहीं होता, कि ऑपरेशन कराने से क्या-क्या परेशानियां आ सकती है। यदि वह नॉर्मल डिलीवरी के लिए तैयार भी हो और नॉर्मल डिलीवरी उनकी हो भी सकती हो। तब यह डॉक्टर लोग उन्हें डरा देते है। ऑपरेशन अभी नहीं किया तो बच्चें को दिक्कत हो जाएगी, ऐसी बाते करके सब को डरा देते है।
उनके ऐसा कहने पर हम लोग ड़रकर ही फिर डॉक्टर को कह देते हैं, कि आप ऑपरेशन ही कर दो। जबकि भगवान ने ऐसी व्यवस्था की है, कि हर बच्चे का जन्म प्राकृतिक तरीके से हो। सारी व्यवस्था भगवान ने कर रखी है। लेकिन यह बईमान डॉक्टर होने ही नहीं देते। क्योंकि अगर नॉर्मल डिलीवरी हो तो ज्यादा पैसे नहीं मिलते।
जबकि गर्भवती महिलांए गर्भ धारण करने के सातवें महीनें तक चक्की चलाती है या ऐसा काम करती है, जिससे उनकी नाभि के आस-पास हलन चलन पैदा हो और गर्भाश्य में उनके मुलायित यानी गर्भाश्य बच्चे के हिसाब से आकार को बदलता रहें, ऐसा हो जाए, तो ऐसी गर्भवती स्त्रियों के बच्चे नॉर्मल डिलीवरी से ही हो जाते है।
डिलीवरी के बाद स्त्रियों का वजन बढ़ने के कारण और इसका इलाज
Reviewed by Chandra Sharma
on
September 21, 2020
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