जानिए दूध पीना क्यों है जरूरी
* गाय, भैंस का दूध निकालना होता है, जरूरी: हमारे देश में गाय, भैंस और अन्य पशु जानवर होते हैं, जो सुबह-शाम दूध देते है और हमारे देश में ऐसे भी गाय होती हैं, जो 60 - 70 लीटर दूध रोज देती है। तो ऐसी गाय का दूध निकालकर पीना अति आवश्यक होता है, क्योंकि गाय का बछड़ा अपने वजन का 1/10 वां भाग के जितना ही पूरे दिन में दूध पी सकता है। यह विज्ञान का नियम होता है। मान लीजिए, किसी बछड़े या बछियां का वजन 10 किलो है, तो वह पूरे दिन में 1 - 2 लीटर ही दूध को पी सकता है। अगर ज्यादा दूध पिएगा, तो उसको दस्त लग जाएंगे।
लेकिन उसकी मां को 15 लीटर दूध उतरता है। अब क्या हो सकता है। अगर हम बछड़े को ज्यादा दूध पिलाते हैं, तो उसको दस्त लग जाएंगे और अगर बाकी दूध को गाय के थनों में ही छोड़ते हैं, तो गाय को दिक्कत हो जाएगी, क्योंकि; दूध में प्रोटीन होता है और यदि बाकी दूध हम नहीं निकालते है और दूध गाय के थनों में ही सूख जाता है, तो गाय को ट्यूमर हो सकता है यानी कैंसर। जिससे गाय मर जाएगी।
आपको पता होगा, जब गाय का दूध नहीं निकल पाता, उसको इतनी वेदना, दुख और कष्ट होते हैं, कि वह चिल्लाना शुरु कर देती है। जैसे- मान लो, किसी स्त्री को बच्चा पैदा हुआ और उसका बच्चा पैदा होते ही मर गया। फिर उसका दूध नहीं निकल पाएगा, तो उसको कितना तकलीफें और दर्द होता है। ठीक वैसे ही यदि गाय का बछड़ा पैदा होते ही मर जाए और गाय का दूध ना निकल पाए, तब उसको बहुत तकलीफों का सामना करना पड़ता है और बछड़ा मरने के बाद आप तो उसका दूध निकालेगे नहीं.. क्योंकि आप नैतिक और अनैतिक को मानते हो। तो दूध ना निकलने से वह गाय कैंसर से पीडित होकर मर जाएगी। गाय का दूध निकालकर पीना अति आवश्यक होता है। जिससे स्थिति सामान्य बनी रहे।
इसीलिए हमारे शास्त्रों में भी कहा गया है, कि बछड़ों और बछियां के लिए दूध वजन के अनुपात के हिसाब से छोड़ दीजिए। इसलिए हमारे किसान आज तक यही करते रहे हैं, कि एक थन का दूध बछड़ा और बछियां के लिए छोड़ दिया और बाकी तीनो थनों का दूध अपने लिए निकाल लिया। यह बैलेंस की व्यवस्था होती है। जिसे गाय भी जिंदा रहे और बछड़ा, बछियां भी जिंदा रहे।
लेकिन इसके विपरीत कुछ ऐसे लोग भी होते हैं, जो यह कहते हैं, कि दूध पर सिर्फ बछड़े का अधिकार है और आप यदि दूध पिएगे, तो यह अनैतिक होगा। अब यदि आप दूध पीना बंद करते हैं, तो उसकी जगह आप पर पियोगे, क्या। हिंदुस्तानियों के पास कैल्शियम की पूर्ति के लिए दूध के अलावा और कोई दूसरा स्त्रोत ही नहीं है। दूध, दही, मक्खन, मट्ठा यह सब चीजें ही हमारी कैल्शियम का सबसे बड़ा भंडार होता है। इसके अलावा हमारे पास कुछ भी नहीं होता। दालों में प्रोटीन होता है। गेहूं, चावल में वसा, कार्बोहाइड्रेट जैसी दूसरी चीजें होती है। अगर दूध नहीं पिएंगे तो कैल्शियम मिलेगा, कहा से। कैल्शियम नहीं मिलेगा तो हड्डी नहीं बनेगी और हड्डी नहीं बनेगी, तो शरीर चलेगा नहीं।
इसलिए भारतीय भोजन व्यवस्था में दूध सबसे महत्वपूर्ण स्थान पर है और बच्चों के लिए तो सबसे बड़ा भोजन ही दूध होता है, क्योंकि; बढ़ते हुए बच्चे को कैलशियम सबसे ज्यादा चाहिए होता है। इसके विपरीत अमेरिका और यूरोप में दूध की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि; उनके कैल्शियम की पूर्ति के लिए उनके पास कोई और दूसरी चीजें है। वो लोग कैल्शियम के लिए मांस, मटन, चिकन और सूअर का मांस खाकर अपनी पूर्ति कर लेते है।
हम लोग शाकाहारी है, तो हमारे पास एक ही चीज होती है, दूध। दूसरी कोई और चीज नहीं होती। इसलिए भारतीय व्यवस्था में तो दूध की सबसे बड़ी जरूरत होती है। आप नहीं पिएंगे, तो जानवर मर जाएंगे, क्योंकि; फिर उनका दूध नहीं निकलेंगा। इसलिए गाय का दूध का बचा हुआ हिस्सा सिर्फ और सिर्फ आपके लिए ही होता है। बस 1 से 2 लीटर दूध की जरूरत पूरे दिन में गाय के बछड़े की होती है। इससे ज्यादा की नहीं।
जानिए दूध पीना क्यों है जरूरी
Reviewed by Chandra Sharma
on
September 21, 2020
Rating:

No comments: