रिफाइंड तेल स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है जानिए कैसे

रिफाइंड तेल स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है जानिए कैसे

* स्वस्थ रहने के तरीके: यदि व्यक्ति को स्वस्थ रहना है, तो उसको अपने खान-पान में उन हर बात का ध्यान रखना होगा, जो उनके  सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। जैसे- वात के सभी रोगों को संतुलित रखने के लिए, तेल। पित्त के सभी रोगों को संतुलित रखने के लिए देसी घी और कफ के सभी रोगों को संतुलित रखने के लिए, शहद। यह तीन चीजों का सेवन अति आवश्यक है। अगर शहद ना मिले तो उसकी जगह गुड का उपयोग किया जा सकता है।
      तेल में भी सर्वोत्तम तेल उस तेल को माना जाता है, जो ताजा घानी से निकला हुआ हो, जैसे- सरसों का तेल, तिल का तेल, नारियल का तेल या फिर मूंगफली का तेल। बाजार में उपलब्ध रिफाइंड तेल या डबल रिफाइनरी किया गया रिफाइंड तेल का सेवन बहुत नुकसानदायक होता है, क्योंकि तेल को रिफाइन करने में जिन केमिकल का यूज किया जाता हैं, वो केमिकल शरीर के लिए जहर का काम करते हैं।

      ताजा निकला हुआ तेल सरसों का तेल, नारियल का तेल, तिल का तेल जो भी हो, वो ही खाएं। तेल जितना गाढ़ा होगा उतना ही अच्छा होगा, क्योंकि तेल जितना गाढ़ा होगा, उतना ही उसका प्रोटीन कंटेंट ज्यादा होगा और तेल खाया जाता है, प्रोटीन के लिए और यदि उसका गाढ़ापन ही निकाल दिया जाए तो वो पानी हो जाएगा, तेल नहीं रह जाएगा। रिफाइंड और डबल रिफाइंड तेल में यही किया जाता है कि उसका गाढ़ापन खत्म कर देते हैं और फिर वह तेल पानी जैसा तेल हो जाता है। जो कि बहुत खतरनाक हो जाता है।

      आजकल के समय में जो हार्टअटैक की प्रॉब्लम बढ़ती जा रही है, वो बाजार के रिफाइनरी तेल के कारण ही है, इसलिए आप बाजार का रिफाइनरी ऑयल की जगह घानी में ताजा निकला हुआ नारियल का तेल, सरसों का तेल तिल का तेल या मूंगफली का तेल को ही यूज करें। सिर्फ ऐसे ही तेलों का खाने में सेवन करें और डालडा का सेवन तो बिल्कुल भी मत करें।

      डालडा रिफाइंड से भी काफी ज्यादा जहरीला होता है, जो शरीर के लिए नुकसान दायक होता है। इन तेलों में से सबसे ज्यादा तिल का तेल लाभदायक सिद्ध होता है, तिल के तेल का खाने में सेवन अति फायदेमंद साबित होता है। स्पष्ट शब्दों में कहें तो तेल शब्द भी तिल में से ही निकला है, और शरीर के लिए सबसे ज्यादा दुरुस्त भी होता है। इसके साथ ही गाय का देसी घी सर्वोत्तम माना गया है। गाय के देसी घी का उपयोग दाल या चावल में डाल कर भी किया जा सकता है तथा इसके साथ शहद का भी उपयोग करें।

      शहद का उपयोग गुनगुने दूध में या ठण्डे दूध में एक चम्मच शहद डालकर ले सकते है और अगर शहद ना हो तो उसके जगह पर गुड़ का भी प्रयोग किया जा सकता है। शहद को पानी में भी डाल कर लिया जा सकता है या खाली शहद को भी चाट़ा जा सकता है। चीनी के स्थान पर भी गुड़ को रिप्लेस कर दे, क्योंकि चीनी की रिफाइनरी के प्रोसेस में जो भी केमिकल डाले जाते हैं, वो शरीर के लिए बेहद हानिकारक होते हैं।
      स्पष्ट शब्दों में कहूं तो चीनी की रिफाइनरी में यूज़ किए गए केमिकल बहुत  सारे मरे हुए जानवरों की हड्डियों से बनते है और यदि आप शाकाहारी हैं और आपकी चीनी खा रहे हैं, तो आप एक तरीके से मांस खा रहे हैं। क्योंकि रिफाइनरी में यूज किए गए केमिकल का निर्माण जानवरों की हड्डियों के चूर्ण से ही होता है। उस रिफाइनरी से तैयार चीनी आपके पास आती है और आप उसका सेवन करते हैं। इसलिए चीनी का सेवन बिल्कुल भी मत करिए, इसको गुड़ के साथ रिप्लेस कर दीजिए और गुड़ मे भी गाढ़े लाल रंग का गुड सबसे ज्यादा अच्छा माना गया है, हल्के लाल रंग का गुण सेहत के लिए अच्छा नहीं होता,  क्योंकि वह निम्मा पाउडर से धोया जाता है। यही कुछ छोटी-छोटी बातें हैं, जिससे हम अपना स्वास्थ्य को ठीक रख सकते हैं और स्वस्थ रह सकते हैं, तो आज से ही इन बातों को अपने जीवन में लाइए और स्वस्थ रहे, आनंदित रहें।
रिफाइंड तेल स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है जानिए कैसे रिफाइंड तेल स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है जानिए कैसे Reviewed by Chandra Sharma on September 23, 2020 Rating: 5

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