इस क्रिया से अपनी स्मरण शक्ति को 10 गुना बढ़ा सकते है

  इस क्रिया से अपनी स्मरण शक्ति को 10 गुना बढ़ा सकते है

* जीनियस कैसे बने: आपने Eidetic Memory, जिसे फोटोग्राफी मेमोरी भी कहा जाता है, इसके बारे में कहीं ना कहीं कभी ना कभी सुना जरूर होगा। फोटोग्राफी मेमोरी एक ऐसी रेयर टाइप की मेमोरी होती है। जो भी लोग इस मेमोरी का यूज करते हैं। वो मात्र एक बार पढ़ने से ही पूरी बुक, कॉपी-किताब की तरह उनके ब्रेन में छप जाती है।

      केवल एक बार किसी चीज को देख लेने से उसका फोटो उनके ब्रेन में हमेशा के लिए सेव हो जाता है यानी कि अनब्रेकेबल मेमोरी। जैसे कि निकोला टेस्ला, स्वामी विवेकानंद की थी। 

       पहले हमारे देश में एक प्रथा थी, गुरुकुल प्रथा। जिसमें कि बच्चे जैसे ही 13 साल का होता था, उसे पढ़ने के लिए गुरुकुल भेज दिया जाता था और जब तक वह 25 साल का होता था, तब तक वो वहीं रहता था। उसके पीछे का साइंटिफिक रीजन पता क्या है। 13 साल का होते ही बॉडी सीमन बनाना शुरु कर देती है और जब तक हम 25 साल के होते हैं, तब तक हमारे दिमाग का वो हिस्सा जो हमें इंटेलिजेंट और जीनीयस बनाता है, वो डेवलप होता है। इसलिए गुरुकुल में 25 साल तक ब्रह्मचर्य का पालन करना अनिवार्य होता था।

       स्वामी जी बोलते हैं कि हमारे दिमाग में केवल एक सेक्स के विचार से यानी की केवल एक सेक्स का विचार ब्रेन में आने से 8 दिनों का बना हुआ 'ओजस' यानी कि Intelligence नष्ट हो जाती है और केवल एक बार सेक्सयुल एक्टिविटी में इनवोल्व होने से लगभग 45 दिनों का बना हुए 'ओजस' नष्ट हो जाता है। इसी बात को आगे बढ़ाते हुए विवेकानंद जी कहते हैं कि शरीर में Ida, Pingala, Sushmna यह तीन महत्वपूर्ण शैल्स होते हैं। जिसके माध्यम से एनर्जी हमारे शरीर में फलो करती है।

      एक साधारण इंसान में केवल Ida और Pingala ही एक्टिवेट होते हैं। लेकिन ब्रह्मचर्य और Intense Meditation के करने से Sushmna भी एक्टिवेट हो जाती है। Sushmna नाभि से एनर्जी हर एक चक्र को खोलती हुई, ऊपर की तरफ बहना शुरू कर देती है और लगभग 12 साल की ब्रह्मचर्य के बाद शरीर में मेधानाड़ी जिसे Nerve Memory भी कहा जाता है, Activate हो जाती है और मेधानाड़ी के एक्टीवेट होने के बाद, इंसान का दिमाग इतना शार्प हो जाता है, कि दुनिया में ऐसी कोई भी चीज़ नहीं है, ऐसा कोई भी गोल नहीं है, जिसे वो इंसान हासिल ना कर सके।

      ना केवल विवेकानंद जी, बल्कि Gama Joseph, Pythagoras, Nicalo Texla और भी दुनिया के Great  Genious और भी काफी बड़े लोग हैं, जिन्होंने Sexual की Importance को समझते हुए, उसे वेस्ट करने की बजाय दुनिया को बदलने में लगाया है।

      मैं आपको इसके पीछे का साइटिंफिक रीजन बताता हूँ, कि How does it worked? 
      फूड डाइजेशन के प्रोसेस में सबसे पहले हमारी छोटी आंतो में Body Fluid बनता है, फिर इससे बनता है, Blood और ऐसे ही Blood से बनता है, Flesh और फिर बनते है, Fat, Bones, Bone Marrow और फिर अंत में बनता है, Semen. Semen जिसे वीर्य भी कहा जाता है। इस प्रोसेस को पूरा होने में लगभग 64 दिनों का टाइम लगता है और 64 दिनों के बाद अगर बॉडी से सीमन अगर बाहर नहीं निकलता। तब अगले 3 हफ्ते तक सीमन Aprendiz में स्टोर रहता है और लगभग 84 दिनों के बाद बॉडी सीमन को ब्लड में एबसोर्ब करना शुरू कर देती है। जिससे बनता है,  Finastic Brain & Body.

      कंसंट्रेशन के आधार पर तीन तरह के माइंड होते हैं-
* 1:  Monkey Mind
* 2: Concentrated Mind
* 3:  Blessed Mind

      दुनिया में 92 से 95 फ़ीसदी लोगों का दिमाग मंकी माइंड के कैटेगरी में आता है। मंकी माइंड आप नाम से ही समझ गए होंगे। जैसे की एक बंदर कभी शांति से नहीं बैठ सकता। ऐसा ही Monkey Mind. मंकी मांइड़ में एक थॉट के बाद दूसरे थॉट। कभी यहां तो कभी आसमान में, कभी ये विचार तो कभी ये विचार। अकॉर्डिंग टू स्टडी एक साधारण इंसान में आने वाली 95 परसेंट थॉट्स बिल्कुल बेकार के होते हैं।

      अब आप खुद सोचो, इतनी सारी बेकार थॉट के साथ कोई इंसान कैसे इंटेलिजेंट हो सकता है। अच्छी बात तो यह है कि मंकी माइंड को कॉन्सन्ट्रेट मांइड़ में बदला जा सकता है। Concentrated Mind का नेचर ऐसा होता है कि वो फलो में वर्क करता है। Concentrated Mind वाले इंसान का  दिमाग अगर किसी चीज़ में लग जाए तो समझो लग गया। फिर उसके दिमाग में कोई फालतू के विचार नहीं आएंगे। ऐसे दिमाग वाले इंसान घंटों तक बिना रुके काम कर सकते हैं।

      Concentrated Mind से भी ज्यादातर पॉवरफुल होता है, Blessed Mind. इसे भी आप नाम से ही समझ गए होंगे। ऐसा दिमाग दुनिया में कुछ गिने चुने लोगों के पास ही होता है और ऐसे लोगों का अपने दिमाग पर पूरा कंट्रोल होता है। ज्यादातर ऐसे दिमाग वाले लोग शून्य की स्टेज में रहते हैं, यानी कि Thought less stage. जब ऐसे लोग कोई भी वर्क करते हैं तो इनका कंसंट्रेशन इतना Intense होता है कि एक बार उस वर्क को करने के बाद फिर दोबारा उन्हें उस काम को करने की जरूरत नहीं पड़ती।

      महर्षि पतंजलि के अष्ठांग योग सूत्र यानी कि यम, नियम, आसन, प्राणायाम प्रत्याहार, धरणा, ध्यान और समाधि। यदि कोई इंसान इन क्रियाओं को पूरे डिसीप्लीन के साथ फॉलो कर ले तो वो इंसान Blessed Mind की स्टेज़ तक पहुंच सकता है।

इस क्रिया से अपनी स्मरण शक्ति को 10 गुना बढ़ा सकते है इस क्रिया से अपनी स्मरण शक्ति को 10 गुना बढ़ा सकते है Reviewed by Chandra Sharma on September 23, 2020 Rating: 5

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