* मानसिक क्षमता में वृद्धि: आज मेडिकल और वैज्ञानिक सबूत है, कि अगर आप खुश रहे, 24 घंटे के लिए। एक पल भी चिंता, क्रोध और बैचेनी के बिना। अगर आप सिर्फ 24 घंटे के लिए आनंदित रहें तो आपकी बुद्धि 101% तेज हो सकती है। आपका शरीर और दिमाग बहुत बेहतर तरीके से काम करेगा, मेडिकल और वैज्ञानिक रूप से आज हम इसे साबित कर सकते हैं। आप की ब्लड केमिस्ट्री बदल जाएगी और आपके बारे में सब कुछ बदल जाएगा, अगर आप सिर्फ 24 घंटे बहुत खुश रहे।
मानसिक क्षमता को बढ़ाने के लिए केवल योग ही काफी नहीं है। योग करना एक सूक्ष्म तकनीक है, एक्सरसाइज नहीं। अगर आप बस फिट रहना चाहते हैं, तो टेनिस खेलिए, तैरिए, पहाड़ पर चढ़िए, तब आप फिट रहेंगे। उसके लिए योग करने की जरूरत नहीं है। योगिक प्रणाली एक गहन अध्ययन विज्ञान है, जो आपके शरीर के ज्यामिति को ब्रह्मांड की ज्यामिति से मिलाता है।
ब्राह्मण की ज्यामिति के साथ आपके शरीर की ज्यामिति मिलने से मेरा मतलब है, कि सौर प्रणाली इस शरीर को तैयार करने के लिए, कुमार के पहिए की तरह काम कर रही है। आदि योगी, महायोगी ने 15000 साल पहले कहा था, कि जब तक मानव शरीर आगे विकसित नहीं होगा, तब तक कोई दूसरा तरीका नहीं है और मानव शरीर तब तक आगे विकसित नहीं हो सकता, जब तक कि सौरमंडल और ग्रहों की अवस्था में कुछ बुनियादी बदलाव नहीं होते। आज मॉर्डन न्यूरोलिजिस्ट कुछ हद तक ऐसे ही बात करें हैं, यह अजीब बात है कि वह 15000 साल बाद कुछ ऐसी बात कह रहे हैं।
बहुत से लोगों के मन में यह सवाल होता है, कि क्या इंसानी दिमाग और विकसित हो सकता है। तो अब वो कह रहे हैं, कि भौतिक नियम, न्यूरोलॉजी के नियम नहीं। भौतिक नियम इंसान के दिमाग को और अधिक विकसित नहीं होने देंगे, क्योंकि यह सिर्फ ऐसे विकसित हो सकता है या तो आप न्यूरॉन के आकार को या न्यूरॉन की संख्या को बढ़ा सकते हैं, दिमाग में।
अगर आप न्यूरॉन के आकार को बढ़ाते हैं, तो उनको जितनी ऊर्जा की आवश्यकता होगी, उतनी ऊर्जा शरीर नहीं दे पाएगा। जब आप आराम से बैठे होते हैं, तो आपकी ऊर्जा का 20% हिस्सा दिमाग लेता रहता है। हालांकि दिमाग का आकार बहुत छोटा-सा होता है। तब भी यह 20% ऊर्जा का उपयोग कर रहा है। 80% शरीर के बाकी भाग कर रहे है।
आपने देखा होगा होगा, कि किसी को अगर बहुत चिंता है, तो उनका वजन कम हो जाता है। जो लोग बहुत स्लिम होते हैं, शायद वो एक्सरसाइज से नहीं, बल्कि वो बहुत चिंता करते हैं। तो अगर आप न्यूरॉन के आकार को बढ़ाना चाहेंगे तो भौतिक नियम यह होने नहीं देंगे और अगर आप न्यूरॉन की संख्या बढ़ाना चाहे, तो आपकी स्पष्टता चली जाएगी। तो वो कह रहे हैं, कि भौतिक नियमों के अनुसार, भौतिक नियम मूल रूप से धरती के सूर्य और दूसरे ग्रहों के संबंध में घूमने का नतीजा है। तो जब तक कि भौतिक नियम नहीं बदलते यानी जब तक कि सौर प्रणाली में कुछ बड़े परिवर्तन नहीं होते, तब तक इंसानी दिमाग आगे विकसित नहीं हो सकता। यह मॉर्डन न्यूरोलॉजी है।
यह आदि योगी ने 15000 साल पहले कहा था, कि जब तक सौरमंडल में कुछ बुनियादी बदलाव नहीं होंगे, तब तक इंसान दिमाग विकसित नहीं हो सकता। सिर्फ यही तरीके हैं, जिनसे आप यह कर सकते हैं। उन्होंने कहा आप बस इसका ज्यादा से ज्यादा बेहतर इस्तेमाल करना सीख सकते हैं, पर इसको और विकसित नहीं कर सकते।
24 घंटे में अपनी मानसिक क्षमता बढ़ाने का तरीका
Reviewed by Chandra Sharma
on
September 22, 2020
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