आपकी आंखों की रोशनी बढ़ती जाएगी इन 9 नियमों के पालन से

आपकी आंखों की रोशनी बढ़ती जाएगी इन 9 नियमों के पालन से 

* आंखों को ठीक रखने के नियम: अगर आप चाहते हैं, कि आपकी जो आंखें हैं, वो जिंदगी भर सुरक्षित रहें, तो महर्षि वाग्भट्ट ऋषि द्वारा बताए गए 9 चीजों का पालन आपको जरूर करना चाहिए।

      जैसा कि हम सब जानते हैं कि हमारे शरीर में पांच ज्ञानेंद्रियां होती है, आंख, कान, नाक, मुंह और त्वचा। इनमें से अगर कोई सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण कोई इंद्रियां है, तो वो है, हमारी आंखें। आयुर्वेद में ऐसा कहा गया है, कि अगर आंखें ना हो तो सब संसार बेकार है। इस बात को अगर आप सच में एक्सपीरियंस करना चाहें, तो आप सिर्फ कुछ घंटों के लिए आंख पर पट्टी बांध लीजिए और कुछ काम कर कर देखिए, आपको पता चल जाएगा कि ये आंखें कितनी ज्यादा जरूरी है।

* नंबर 1: वेगो को कभी मत रोको- वेगो को रोकने का अर्थ यह होता है, कि हमारे शरीर मे जो भी नेचुरल अर्जस आते हैं, जैसे- पेशाब आना, मल आना,  नींद आना, भूख, प्यास इस तरह की जो नेचुरल चीजें हैं, उन्हें कभी नहीं रुकना चाहिए और अगर आप चरक संहिता पड़ेंगे तो वो तो सबसे ज्यादा फोकस एक ही जगह पर करते हैं, और कहते है कि जितनी कोशिश हो सके, उतना वेगो को मत रखो।

      इस मामले में जानवर हमारे से कई गुना ज्यादा एक्सपीरियंस है और हम से कई गुना ज्यादा समझदार हैं। जब भी जानवरों को यूरिन, लैट्रीन, इस तरह के संशन आते हैं तो वो कभी उनको रोकते नहीं, वो उन्हें निकाल देते हैं। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, तो कई बार यह पॉसिबल नहीं हो पाता और फिर भी जब भी आपको वेग आए। चाहे वो मल का हो, मूत्र का हो, अपान वायु का हो, नींद, भूख, प्यास, श्वास का वेग अर्थात बहुत बार भाग-दौड़ करने के बाद श्वास आती है, इस तरह के वेग या फिर आंसू का वेग, छीक का वेग, उल्टी का वेग ऐसे कोई भी वेगो को आपको नहीं रोकना चाहिए, क्योंकि वो सबसे ज्यादा आपकी आंखों पर असर ड़ालते हैं।

      खासकर के अगर आप मल का वेग रोक रहे हैं, तो। वो सबसे ज्यादा आपकी आंखों को खराब करता है। तो कभी-भी आपको वेगो को नहीं रुकना चाहिए।

* नंबर 2: अर्जीणा अध्यासन: खाना हजम ना हुआ हो, ऐसे टाइम पर खाना खाना। हम में से बहुत सारे लोगों को आदत होती है कि हर एक-दो घंटे में कुछ ना कुछ खाते रहने की। वाग्भट्ट ऋषि कहते हैं कि यह आदत आपके पेट के साथ-साथ आपकी आंखों के लिए भी बहुत खतरनाक है। अगर आपने पहले भोजन किया है, और वो भोजन हजम नहीं हुआ है तो जब तक वो भोजन हजम नहीं होता, तब तक दूसरी चीज मत खाओ।

      बहुत से लोग ऐसे करते होंगे, कि जैसे ही खाना हुआ और खाना खाना के बाद तुरंत बाद चाय पी ली, आधे घंटे बाद बिस्किट खा लिए वगैरह कुछ ऐसी चीजें खाली, ऐसे कुछ ना कुछ इनकमिंग चालू रखते हैं, तो यह इनकमिंग आपकी आंखों के लिए बिल्कुल भी अच्छी नहीं है। इसीलिए जब तक पहला खाया हुआ अन्न हजम ना हो, तब तक कोई भी चीज खाना, वो आपकी सेहत के लिए अच्छी नहीं है। वो आपके पेट के साथ-साथ आपकी आंखो को भी बिगाड़ेगी। अगर आपको आंखें अच्छी चाहिए तो जब पहला खाना हजम हो जाए, तब ही आपको दूसरा खाना चाहिए।

* नंबर 3:  शोक अर्थात बहुत ज्यादा दुख मनाना- अब संसार में किसी ना किसी का तरह का दुख रहता ही है। किसी के पास पैसे नहीं है, तो किसी के पास बहुत ज्यादा पैसे हैं, किसी की शादी नहीं हो रही, तो किसी की शादी होने के कारण दुख है, तो कोई ना कोई दुख चलता ही रहता है। तो वाग्भट ऋषि कहते हैं कि बहुत ज्यादा दुख मनाना, शोक मनाना वो आंखों के लिए अच्छा नहीं है। तो अगर आपको किसी भी प्रकार का दुख है, तनाव है, चिंता है, तो वो दुख केवल 24 घंटे के लिए मनाइए, 24 घंटे से ज्यादा उसको लंबा मत कीजिए, क्योंकि वो दुख मनाने से शायद आप की बीमारी तो ठीक ना हो, पर आपकी आंखें जरूर खराब हो सकती है।

* नंबर 4:  ज्यादा गुस्सा करना- ऐसे लोग जो बात-बात पर बहुत गुस्सा होते रहते हैं, आग होते रहते हैं, जो हमेशा फटने के लिए तैयार रहते हैं। जिनका जो दिमाग है, वो हमेशा गर्म हुआ रहता है और हमेशा किसी ना किसी पर वो बम की तरह फटने को तैयार रहते हैं। खास करके पित्त प्रकृति या वात प्रकृति वाले लोग। ऐसे लोग जिनको गुस्सा बहुत ज्यादा आता है। वो गुस्सा आपके पित्त को बिगड़ता है, 'पित्त' रक्त को बिगाड़ता है और रक्त और पित्त यह दोनों बिगड़ा तो उसका इफेक्ट आपकी आंखों के ऊपर होता है।

      इसलिए क्रोध, अति क्रोध, अति गुस्सा इसलिए नहीं करना चाहिए, पर यह एक और वजह है, गुस्सा ना करने की। क्योंकि यह आपकी आंखों को खराब करता है और आंखों की जो 76 बीमारियां है, इस तरह की कई सारे रोग आपको दे सकता है।

* नंबर 5: दिन में सोना- अब बहुत से लोग हैं, जिनको दिन में सोना बहुत अच्छा लगता है। खाने के बाद थोड़ी-सी झपकी मारने को मिल जाए, तो उसका मजा ही अलग है। पर ये आंखों के लिए अच्छी नहीं है। आयुर्वेद में, दिन में सोने के लिए केवल ग्रीष्म ऋतु में ही बोला गया है, बाकी अन्य ऋतु में या अन्य सीजन में दिन में नहीं सोना चाहिए। तो अगर आप दिन में सो रहे हैं, तो वो आपकी आंखों के लिए अच्छा नहीं है, क्योंकि दिन में सोने से त्रिदोष प्रकोप होता है। जिससे कफ भी बढ़ता है और कफ को आंखों के लिए नेचुरल दुश्मन कहा गया है। क्योंकि आंखें जो है, वो पित्त का स्थान है।

      आलोचक पित्त की जगह है और जो पित्त को कफ की एक लेयर आ जाती है, तब उसके कारण हमें आंखों की बहुत ज्यादा समस्या होती है। जैसे कि, मोतियाबिंद जैसी समस्या। इसलिए दिन में सोना आंखों के लिए अच्छा नहीं है और दिन में सोने से आपको नेत्र के कई सारे रोग होते हैं। दिन में सोना आपको अवायड़ करना चाहिए।

      इसके पीछे एक लॉजिक यह भी होता है कि जो आंखें हैं, वो सूर्य को रिप्रेजेंट करती हैं, पित्त को रिप्रेजेंट करती हैं। दिन में सोने से आंखों की शक्ति कमजोर होती है, इसीलिए दिन में सोना आंखों के लिए अच्छा नहीं है।

* नंबर 6: रात में जागना- बहुत से लोग ऐसा करते हैं, कि दिन में सो लेते हैं और रात में जागते रहते हैं। कुछ लोगों की मजबूरी है, जैसे कि- नाइट वर्क करते हैं या नाइट शिफ्ट करने का काम करते हैं। उनको तो रात में जागना ही पड़ता है, क्योंकि पेट का सवाल है। बहुत से लोग ऐसे होते हैं, खास करके यंग जनरेशन। उन लोगों की भी ऐसी आदत है कि दिन में सो कर और रात में स्मार्टफोन, इंटरनेट या इन सब के चक्कर में पड़े रहते हैं। तो अगर आप दिन में सो रहे हैं, तो आंखों को खराब कर ही रहे और रात को जागना भी आपकी आंखों को और भी ज्यादा खराब करेगा।

      क्योंकि रात को जागने से वात और पित्त का प्रकोप होता है अर्थात यह दो चीजें आपके शरीर में बिगड़ जाती हैं और उस वात, पित्त के प्रकोप के कारण आजकल आपने आंखों की सूखने के बारे में बहुत कुछ सुना होगा अर्थात आंखों के अंदर का लिक्विड सूख जाने के कारण, डॉक्टर आपको एक आई डॉप दे देता है और उसको जिंदगी भर डालते रहो, क्योंकि आंखों की नसें सूख गई है। तो यह जो आंखों की नसें सूखती हैं, उसके सूखने का मेन कारण है, रात में जागना। क्योंकि रात्रि जागरण से पित्त का प्रकोप होता है, वात का प्रकोप होता है और यह दोनों चीजें मिलकर आंखों के अंदर का जो नेचुरल कफ है, उसको सूखा देने का काम करता है। इसीलिए रात्रि जागरण या रात में लंबे समय तक जागते रहना आपकी आंखों के लिए बिल्कुल भी अच्छी चीज नहीं है।

* नंबर 7: विदाही चीजों का सेवन-  विदाहकर आहार खाना अर्थात ऐसी चीजें जो हमारे शरीर में जलन करती है, एसिडिटी पैदा करने का काम करती है। ऐसी सभी चीजों से आपको दूर रहना चाहिए, अगर आप आंख के रोगी है, आंख के पेशेंट है या आप अपनी आंखों को सुरक्षित रखना चाहते हैं। जैसा कि, सभी तरह के ऑयली फास्टफूड।

      हम में से बहुत से लोगों को समोसा, वडापाव, कचोरी इस तरह की तली हुई चीजें बहुत अच्छी लगती हैं। खासकर के तेल में तली हुई चीजें। अब वो चाहे घानी का तेल हो या रिफाइंड तेल हो। किसी भी तरह की तेल में तली हुई चीजें, आपकी आंखों के लिए अच्छी नहीं है। क्योंकि आंखों को वह समस्या करती है और तेल वाली चीजें खाने के बाद आपके सीने में जलन होती है और आंखों की समस्या बढ़ती है। तो तेल की चीजें या ऐसी चीजें जिन से आपको एसिडिटी होती है। जैसे कि- तला, भुना, नमक, खट्टा, चाय। यह सारी चीजें आपकी आंखों के लिए अच्छी नहीं है या आंखों के पेशेंट है तो इन चीजों से आपको बच कर रहना चाहिए।

* नंबर 8 : विष्टम्भककारी चीजें खाना अर्थात ऐसी चीजें खाना, जो कि शरीर में कब्ज करने का काम करते हैं। अब कौन-कौन सी चीजें कब्ज का काम करती है। सबसे पहले चाय, चाय पीने में क्या होता है, कि बहुत सारे लोगों का अनुभव भी होगा कि चाय पीने से बहुत ज्यादा पेशाब आने लग जाता है और मल सूखने लग जाता है। 

      बहुत ज्यादा सुखी हुई चीजें खाना। जैसे कि, कई लोगों को यह अनुभव होगा, भुनी हुई मूंगफली खाने के बाद भी कब्ज   जैसा लगता है या पेट में बहुत ज्यादा भारीपन लगता है। तो इस तरह की चीजें खाना जो आपके शरीर में कॉन्स्टिपेशन करती है या पेट साफ नहीं होने देती। वो वह आपकी आंखों के लिए अच्छी नहीं है।

* नंबर 9: रात को लेट खाना- रात के समय में भोजन करना। आयुर्वेद में कहा जाता है कि हम अपने समय पर जो भी चीज खाते पीते हैं, वो अलग-अलग समय पर शरीर पर अलग-अलग इफेक्ट करती है। जैसे कि, आप कोई भी औषधि भोजन से पहले लेते हैं, तो वो जो नाभि के नीचे के रोग है, उसमें बहुत फायदेमंद है। ऐसे ही जब आप रात के समय या शाम के समय कोई भी औषधि खाते हैं तो उसका आपके गले के ऊपर का जो भी सिस्टम है, उस पर बहुत ज्यादा इंफेक्ट पड़ता है। तो ऐसे लोग जो लेट नाइट खाना खाते हैं, बहुत देर से खाना खाते हैं और वो भी उस टाइम पर पिज्जा, बर्गर इस तरह की चीजें खाते हैं। तो लेट नाइट फूड खाना, आपकी आंखों के लिए बहुत खराब है। इन चीजों से बचना चाहिए।

      साथ ही वह कहते हैं, कि हाइजीन मेंटेन करना चाहिए अर्थात आंखों को हमेशा क्लीन करना चाहिए, जो लोग ऐसे हैं कि हथेली की भी साफ सफाई नहीं करते, आंखों की भी सफाई नहीं करते तो ऐसे सभी लोगों की आंखें खराब हो सकती है और उन लोगों के लिए संसार अंधकारमय बन सकता है।
आपकी आंखों की रोशनी बढ़ती जाएगी इन 9 नियमों के पालन से आपकी आंखों की रोशनी बढ़ती जाएगी इन 9 नियमों के पालन से Reviewed by Chandra Sharma on September 22, 2020 Rating: 5

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