खाना खाने के बाद पानी पीना जहर के समान है। जानिए क्यों?
* खाने के तुरन्त बाद पानी पीने के नुकसान: आयुर्वेद में वागभट्ट जी ने अपने सूत्रों में लिखा है, कि खाने की महता नहीं होता, बल्कि खाने के पचने की महता होती है, क्योंकि; अगर भोजन पचेगा तो ही रस बनेगा। फिर उसी रस में से मांस, रक्त, मेद, अस्थि, मज्जा शुक्र बनेगा और वही आपके शरीर के लिए उपयोगी होती है। पहला सूत्र में भोजन के बाद पानी पीना विष पीने के बराबर होता है यानी भोजन के तुरंत बाद पानी पीना।
वागभट्ट जी ने एक सूत्र में यह कहा है, कि हमारा जो शरीर होता है, उसका एक मुख्य स्थान पेट के अंदर नाभि के लेफ्ट साइड में थोड़ा-सा ऊपर होता है। इस स्थान को जठर कहते हैं। हिंदी में 'आमाशय' कहा जाता है। वागभट्ट जी कहते हैं कि इसमें अग्नि प्रदीप्त होती है। जिसको जठराग्नि कहते हैं और जो कुछ भी भोजन हम करते हैं, वह सबसे पहले जठर में ही जाता है। आपने जैसे ही खाने का पहला निवाला मुंह में डाला और जैसे ही अपने निवाले को चबाना शुरू किया, लार बनना शुरू हुआ, वैसे ही अग्नि प्रदीप्त होने लग जाती है।
अब आप जो भी भोजन कर रहे हैं, वह इस अग्नि के प्रभाव में पचेगा। इसके पचने की क्रिया में पहले भोजन का पेस्ट बनेगा, फिर उसमें से रस बनेगा और फिर रस में से बाकी की सभी धातु बनेगी। अब यह अग्नि भोजन को पचा रही है और आपने भोजन पूरा करते ही ऊपर से गट-गट करके फटाफट से पानी पी लिया। तो इससे आपकी अग्नि बिल्कुल शांत हो जाएगी। अग्नि का पानी से बिल्कुल भी मेल नहीं होता, बल्कि दुश्मनी होती है और कई-कई लोग तो भोजन से ज्यादा पानी पी लेते हैं।
तब वागभट्ट जी कहते है, कि भोजन तब पचेगा नहीं, बल्कि सढ़ेगा और वो ये कहते हैं कि भोजन अगर सढ़ना शुरू हुआ, तो सबसे पहले गैस बनेगी और यह गैस आपकी जिंदगी हराम कर देगी और जब इस गैस की तीव्रता बढ़ेगी, तब आपके गले में जलन होगी, सीने में जलन होगी, पेट में जलन होगी और जब यह वायु पूरे शरीर में घूमेगी। तब आपका सिर भी घूमेगा, चक्कर भी आएंगे, सिर में दर्द भी होगा, ह्रदय स्थान में भी भयंकर दर्द हो सकता है। कई बार तो इतना दर्द होता है, कि आपको लगेगा कि हार्ट अटैक आ गया। लेकिन वह वायु का दर्द होता है, हार्टअटैक नहीं और यह वायु बनने से कम से कम 103 रोग भी पैदा होते हैं।
एसिडिटी, हाइपर एसिडिटी, और अगर आप कई सालों से लगातार ऐसे ही खाने के बाद पानी पी रहे हैं, तो आपको अल्सर, बवासीर, भंगदर और अंत का एक रोग होता है, कैंसर, 'कर्करोग'। मानो एसिडिटी से शुरू होकर आप कैंसर तक की यात्रा कर सकते हैं और बाद में वागभट्ट जी कहते हैं कि आपका भोजन जब सढ़ेगा, तभी कोलेस्ट्रॉल बढ़ेगा। अगर भोजन का पाचन होता है, तभी ही कोलेस्ट्रॉल शून्य रहता है।
आप जानते ही होंगे, कि शरीर में दो तरह का कोलेस्ट्रॉल होता है, एक Good और एक Bad. यानी एचडीएल और वीडीएल और एलडीएल। जिन लोगों का कोलेस्ट्रॉल बढ़ रहा है या बढ़ा हुआ है, वो लोग ध्यान दें, उन लोगों का भोजन पच नहीं रहा है, उनका भोजन बल्कि सड़ रहा है। तो कोलेस्ट्रॉल के बढ़ेने से हार्टअटैक, घुटने के जाम होने जैसी दिक्कते भी आएगी। सारी संन्धियाँ आपकी एकदम कड़क हो जाएगी, आपका चलना-फिरना बिल्कुल मुश्किल हो जाएगा। जब 103 बीमारियां एक छोटी-सी गलती से आती हो, तो वह गलती कभी नहीं करनी चाहिए। इसलिए हमेशा इस बात का ध्यान रखें, कि खाने के बाद कभी भी तुरन्त पानी मत पिए।
खाना खाने के बाद पानी पीना जहर के समान है। जानिए क्यों?
Reviewed by Chandra Sharma
on
September 22, 2020
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