एलुमिनियम के बर्तनों का इस्तेमाल है बहुत खतरनाक

एलुमिनियम के बर्तनों का इस्तेमाल है बहुत खतरनाक

* एल्युमिनियम के पात्रो का कभी इस्तेमाल मत करिंए: आज से लगभग  15 - 20 साल पहले हमारे देश में एक टेक्नोलॉजी आयी। प्रेशर कुकर बनाने की टेक्नोलॉजी। यह हम विदेशों से लाए। हमने अपने देश में तो प्रेशर कुकर कभी बनाया ही नहीं। इसका कारण यह था, कि हम को इसकी कभी जरूरत ही नहीं पडी़ थी। किसी भी चीज का निर्माण जरूरत के हिसाब से ही होता है। प्रेशर कुकर की हमें जरूरत ही नहीं थी। वैसे आपने सुना भी होगा, 'आवश्यक्ता ही अविष्कार की जननी होती है। आवश्यकता, जरूरतें होती है, तभी अविष्कार भी होता है।


      आजकल हम उसी टेक्नोलॉजी से निर्माण प्रेशर कुकर में खाना पकाते हैं। प्रेशर कुकर एल्युमिनियम से बने होते हैं और एल्युमिनियम खाना बनाने और शरीर के लिए सबसे खराब धातु होती है और उसमें बनाया हुआ खाना स्वास्थ्य के लिए बहुत खराब होता है। सारे वैज्ञानिकों की शोध इस बात पर केंद्रित होती है, कि एल्युमिनियम के पात्रों में यदि आप खाना बनाकर खा रहे हैं, तो आप धीमा जहर खा रहे हैं और यह जहर एक दिन जानलेवा साबित होगा।

      एल्युमिनियम भारी तत्व होता है। हैवी मैटल होता है। वह शरीर में डिपॉजिट होता रहता है और शरीर का जो एक्सरिट्रा सिस्टम होता है। शरीर के जहर को बाहर निकालने वाला सिस्टम, वो एल्युमिनियम को कभी भी निकाल नहीं पाता, क्योंकि; एल्युमिनियम बहुत भारी है और हैवी मैटल होता है। वह जमा होता रहता है और जमा होते-होते अस्थमा, दमा, ट्यूबरक्लोसिस जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बनता है।

       जिन लोगों को अस्थमा, दमा, टीबी होते हैं। उसका कारण यह हो सकता है, कि वह लोग एल्युमिनियम में बने पात्रों में खाना पकाते और खाते हैं। आप जानते होंगे, कि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में एल्युमिनियम का उपयोग वर्जित होता है। ऐलोपैथिक में भी एल्युमिनियम का इस्तेमाल वर्जित होता है। लेकिन उसी एल्युमिनियम का हम करोड़ो टर्न में इंपोर्ट करके, प्रेशर कुकर बनाकर घर-घर में इस्तेमाल कर रहे हैं और खुद दमा, अस्थमा, ट्यूबरक्लोसिस के शिकार हो रहे हैं। हमारे दमा, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण वही एल्युमिनियम है, जिससे प्रेशर कुकर बनता है। किडनी फेल होने का कारण भी एल्युमिनियम ही है।

      इसकी भयावहता को समझने के लिए, जब अंग्रेजों की सरकार इस भारत में चलती थी और क्रांतिकारी अंग्रेजो के खिलाफ धरना प्रदर्शन करते थे और उनके सत्याग्रह होते थे और आंदोलन चलते थे। अग्रेंज सरकार उन क्रांतिकारियों को जेल में बंद कर देती थी और अंग्रेज सरकार का यही उद्देश्य रहता था, कि यह क्रांतिकारी जल्दी से मरे। तो इसके लिए जेलों में जितने भी क्रांतिकारियों को बंद किया जाता था, उन सबको एल्युमिनियम के पात्रों में ही भोजन दिया जाता था। ताकि, वह जल्दी मरे।

      अंग्रेजों की सरकार ने इसके लिए कानून भी बनाया था। हमारे देश के अमर शहीद भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, तात्या टोपे, अमजद खान ऐसे सारे क्रांतिकारियों को जेलों में अंग्रेजों ने चावल, दाल, रोटी, और चाय सब एल्युमिनियम के पात्रो में देते थे। ताकि, इनके शरीर में एल्युमिनियम जाए और यह क्रांतिकारी जल्दी मरे। इस आधार पर अंग्रेज यह कानून बनाकर चलाया करते थे। अंग्रेजों के जाने के 63 साल के बाद भी हमारे देश की जेलों में अभी भी कैदियों को एल्युमिनियम के बर्तनों में ही खाना मिलता है, क्योंकि; अंग्रेजों के समय का जेलों का कानून अभी तक बदला नहीं गया है।

      आप सोचिए, कि कैदियों को जल्दी मारने के लिए अंग्रेज एल्युमिनियम के पात्रों में भोजन को दिया करते थे और कैदियों की मजबूरी होती थी, उसमें भोजन खाने की। लेकिन हमने तो अपने घर में प्रेशर कुकर लाकर, अपनी इच्छा से अपने शौक से, अपने मरने का इंतजाम किया हुआ है। यह है, विदेशी टेक्नोलॉजी।

      प्रेशर कुकर में खाना तो जल्दी बन जाता है। लेकिन यह खाना जल्दी बनना कोई बड़ी बात नहीं है। प्रेशर कुकर में दाल 20 मिनट में बनती है और मिट्टी की हांडी में वही दाल बनाते हैं, तो ज्यादा से ज्यादा 40 मिनट में बनेगी। सिर्फ 20 मिनट का ही अंतर आता है, इससे ज्यादा का नहीं। लेकिन मिट्टी की हांडी में बनी दाल में जो माइक्रोन्यूट्रिएंट्स होंगे और जो उसका स्वाद होगा, वह कभी भी आपको प्रेशर कुकर की दाल में नहीं मिल सकता। इसी प्रकार मिट्टी की हाडी में पका हुए दूध, यदि आप पिएंगे तो उसका भी स्वाद आपको किसी एल्युमिनियम पात्रों से नहीं मिल सकता। मिट्टी की हांडी में बने भोजन का स्वाद और क्वालिटी  बहुत अच्छा मिलेगी, क्योंकि; मिट्टी में कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, सल्फेट, आयरन, जिंक ऐसे 18 माइक्रोन्यूट्रिएंटस होते हैं। जिनकी आपके शरीर को आवश्यकता होती है। इसलिए विदेशों की तकनीकी को छोडिए और अपने भारत की सभ्यता को फिर से अपनाइए और एक लंबा और स्वस्थ जीवन जिए।
एलुमिनियम के बर्तनों का इस्तेमाल है बहुत खतरनाक एलुमिनियम के बर्तनों का इस्तेमाल है बहुत खतरनाक Reviewed by Chandra Sharma on September 21, 2020 Rating: 5

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