* गोमूत्र के उपयोग: जिन बच्चों की नाक बहुत बहती है, बार -बार सर्दी होती है, बार-बार जुकाम होते हैं तो उनकी नाक में एक-एक बूंद गाय के देसी घी के डाल दीजिए, सर्दी जुकाम एकदम से गायब हो जाएगा। यदि आप अच्छी नींद लेना चाहते हैं, तो रात में गाय के देसी घी की एक-एक बूंद दोनों नाक में डाल कर सो जाइए, बहुत गहरी नींद आएगी। यदि आपको खर्राटे बंद करने हैं। बहुत से लोगों को रात को सोते समय खर्राटे आते हैं, तो वह लोग भी गाय के देसी घी की एक-एक बूंद नाक में डाल ले। लगातार तीन-चार दिन डालने से उनके खर्राटे लेने की आदत बिल्कुल छूट जाएगी।
यदि आपके बाल झड़ते हैं, तो गाय के दूध की दही बनाओ और फिर दही को तांबे के बर्तन में 5 - 6 दिन रखा रहने दो। जब वह दही हरी-हरी हो जाए, तब उस दही को बालों में लगाओ और 1 घंटे के बाद शिकाकाई से बालों को धो लो। हफ्ते में ऐसा 4 बार करने से बाल टूटना एक हफ्ते में ही बंद हो जाएगे। भविष्य में बाल ना टूटे अच्छे रहें, दुरुस्त रहें तो महीने में एक या दो बार गाय के मूत्र से बाल धो ले। बहुत अच्छा कंडीशनर है। नेचुरल ऑर्गेनिक कंडीशनर है, गाय का मूत्र।
जैसे आप कंडीशनर यूज करते हैं, तो उसकी जगह गाय के मूत्र का यूज कर लीजिए। गाय के मूत्र में थोड़ा पानी मिलाकर कंडीशनर की तरह इस्तेमाल कीजिए। इससे आपके बाल भविष्य में ना टूटूगे और ना ही झड़ेगे। बिल्कुल दुरस्त रहेगें। बच्चों की पसलियों में यदि कफ जमा हो। तब ऐसे बच्चों को एक चम्मच गोमूत्र पिला दो, तब एक ही दिन में सारा कफ बाहर निकल जाएगा।
मूत्र पिंड के जितने भी रोग होते है, जैसे- किडनी की तकलीफ के, किडनी फेलियर के। इन सब में बहुत अच्छी दवा है, गोमूत्र। गोमूत्र का आधा कप किडनी फेलियर के सब रोग में बहुत उपयोगी होता है। मूत्र के कोई भी रोग हो, गोमूत्र का उपयोग किया जा सकता है। जैसे- पेशाब थोड़ा-थोड़ा आता है। गोमूत्र पीने से पेशाब पूरा खुल कर आने लग जाता है। यदि पेशाब करने में भी जलन हो रही है, तो गोमूत्र पीने से पेशाब में जलन खत्म हो जाती है।
इसके साथ ही कई बार पेशाब लाल रंग का आता है, तो गोमूत्र पीना से पेशाब का कलर ठीक हो जाता हैं। मूत्र के लगभग 22 रोग केवल गोमूत्र पीने से ही ठीक हो जाते है। कब्ज में भी गोमूत्र राहत दिला देता है। केवल तीन दिन आधा-आधा कप गोमूत्र पीने से कब्ज से छुटकारा मिल जाता है।
वात पित्त और कफ के रोगों में भी गोमूत्र एक औषधि के रूप में काम करता है। बस एक बात का ध्यान रखना है, कि पित्त के रोगी जब भी गोमूत्र को ले तब वह घी का उपयोग ज्यादा करें। यह लोग अगर गोमूत्र पिए, पित्त ठीक करने के लिए तो तब घी ज्यादा खाएं।
जिन लोगों के त्वचा पर सफेद-सफेद धब्बे होते हैं, वो लोग गाय के मूत्र से मालिश करेंगे तो उन लोगों के सफेद धब्बे सब चले जाएंगे। आंखों के नीचे यदि डार्क सर्कल है तो वह लोग भी आंखों के नीचे सर्कल पर गाय का मूत्र लगा सकते हैं। जिससे उनको फायदा मिलेगा। खाज, खुजली, एक्जिमा, पर भी थोड़ी-सी मालिश करने से यह सब खत्म हो जाता है। इस प्रकार गाय का मूत्र अद्भुत है। इसका उपयोग करके आप अपने रोगों से छुटकारा पा सकते है।
देसी गाय के घी के अनगिनत लाभ
Reviewed by Chandra Sharma
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August 26, 2020
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