* आपकी रसोई के मसाले ही है, औषधि: आपकी रसोई में मेथी दाना, जीरा, हींग, अजवाइन वगैरह-वगैरह ऐसे कुल 108 औषधियां है। गरीब से गरीब आदमी की रसोई में भी यह औषधियां होती हैं, इनका भरपूर उपयोग कीजिए। एक औषधि के बारे में वागभट्ट जी कहते हैं कि जो सबसे महत्वपूर्ण होती है, वो है, दालचीनी।
दालचीनी के बारे में वागभट्ट जी कहते हैं कि वायु के जितने भी प्रकोप होते हैं। जैसे- अस्थमा ,दमा यह वायु की बीमारी। यह वात की बीमारी होती है तो इनको ख़त्म करने में, समाप्त करने में या इन बीमारियों को ठीक करने में बड़ी मदद करता है, दालचीनी।
वागभट्ट जी कहते हैं कि यह दमा अस्थमा इनको तो खत्म करेगा ही और वात के सभी रोगों को भी खत्म करेगा और साथ में कफ के रोगों को भी खत्म करेगा। कफ के रोग, जैसे- खांसी, सर्दी जुखाम, मोटापा, वजन बढ़ना, यह सब कफ के रोग है। तो दालचीनी कफ और वात के रोगों के लिए अति लाभदायक होता है। तो दालचीनी का भी आप उपयोग कर सकते हैं, अपनी बीमारी के हिसाब से।
दालचीनी का उपयोग करते समय बस इस बात ध्यान रखें, कि यह ज्यादा उपयोगी होती है, पाउडर के रूप में। कई बार हमने देखा है कि भोजन बनाते समय हम दालचीनी का पत्ता डाल देते हैं। जो छाल जैसी होती है। वो उतना उपयोग में नहीं आता, जितना पाउडर के रूप में उपयोग में आता है।
वागभट्ट जी कहते हैं, कि यदि दालचीनी का प्रयोग कर रहे हैं तो आप इसको गुड़ के साथ अच्छे से रगडिए अर्थात गुड़ के साथ अच्छे से पीसे और फिर इसको खाइए और ऊपर से थोड़ा-सा गर्म पानी पीजिए, बिल्कुल अद्भुत परिणाम मिलेगा।
अगर आप शहद ले सकते हैं, तो शहद के साथ इसका मर्दण यानी घिसना, रगड़ना। इसका शहद के साथ मर्दण करके फिर चाटिए और उसके बाद थोड़ा हल्का गुनगुना पानी पीजिए, तो आपके शरीर के कम से कम 50 रोग ये अकेला दालचीनी का प्रयोग हीं खत्म कर देगा।
रसोई घर में 108 औषधियों की सम्पत्ति
Reviewed by Chandra Sharma
on
August 27, 2020
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