कब्ज को दूर करने की सर्वश्रेष्ठ औषधि
* त्रिफला के उपयोग: त्रिफला एक ऐसी औषधि है, जो अलग-अलग समय पर लेने से अलग-अलग रोगों को ठीक करती है। जैसे- यदि आप रात को त्रिफला दूध के साथ ले रहे हैं या गर्म पानी के साथ, तो यह रेचक है। मानो, यह सबसे ज्यादा एक ही काम करेगा कि आपकी कब्जियत मिटा देगा। कितनी भी पुरानी कब्जियत क्यों ना हो, वह भी मिटा देगा।
वाग्भट्ट जी कहते हैं, कि वात नाशक, पित्त नाशक और कफ नाशक ऐसी चीजें दुनिया में एक साथ मिले तो बहुत रेयर। वो कहते हैं कि बहुत-सी चीजें हैं, दुनिया में जो वात का नाश करेगी, कोई पित्त का नाश करेगा, तो कोई कफ का। लेकिन कोई ऐसी चीजें भी अपनी रसोई में हैं, जो इन तीनों का नाश कर सकती है। उनमें से सबसे पहले आता है, 'आंवला', दूसरा 'हर्डय' और तीसरा है, 'बहेड़ा' और तीनों को मिलाकर बनता है, 'त्रिफला'।
त्रिफला में सबका अच्छा फल होता है, 'आंवला', फिर बहेड़ा, फिर हर्डय। यह दुनिया में सबसे अद्भुत चीज है। ज्यादातर लोग त्रिफला का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन मात्रा को ध्यान में रखकर कीजिए। त्रिफला सबसे अच्छा होता है, 1ः2ः3 के अनुपात में। पहला हर्डय एक अनुपात, दूसरा बहेड़ा 2 अनुपात और तीसरा आंवला 3 अनुपात में।
अगर आपको घर पर त्रिफला बनाना है तो हर्डय लेना 100gm, बहेड़ा लेना 200 gm और आंवला लेना 300 gm. तो इस प्रकार की मात्रा में आप जो चूर्ण तैयार करेंगे, वो कहते हैं कि यह अद्भुत होगा। वात, पित्त और कफ तीनों रोगों का नाश करने के लिए। यदि आप वात, पित्त और कफ तीनों रोगों से ग्रसित हैं तो आप त्रिफला का सेवन जरूर कीजिए।
त्रिफला लेने के 2 नियम होते हैं। एक रात को और दूसरा सुबह। यदि आपको सुबह त्रिफला खाना है तो गुड़ के साथ नहीं तो शहद के साथ, गुड या शहद और यदि आप त्रिफला रात को खाते हैं तो दूध के साथ या गर्म पानी के साथ। त्रिफला तो एक ही है। लेकिन वागभट्ट जी के अनुसार असर अलग-अलग टाइम पर अलग-अलग असर होता है। रात को जो आप त्रिफला खाएंगे, दूध के साथ या गर्म पानी के साथ। तो यह त्रिफला रेचक है यानी पेट को साफ करने वाला। बड़ी आंत की सफाई करने वाला, शरीर के सभी अंगों की सफाई करने वाला।
यदि आप सुबह त्रिफला खाते है, गुड़ या शहद के साथ। तो वो कहते है, कि यह पोषक का काम करता है। यानी शरीर को जो कुछ भी चाहिए। विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन डी या विटामिन के या कोई और विटामिन चाहिए या हमारे शरीर को माइक्रोन्यूट्रिएंट चाहिए। तो अगर शरीर को पोषकता चाहिए तो त्रिफला सुबह खाना अच्छा होता है। यदि कब्जे रहती है तो त्रिफला रात में खाना। दोनों ही समय में त्रिफला खाने के बिल्कुल ही अलग परिणाम आते हैं। तो जो लोग अपने आप को स्वस्थ महसूस करते हैं, वह लोग भी सुबह के समय त्रिफला का सेवन कर सकते है और यदि कुछ बीमारियां है, तो रात को।
वाग्भट्ट जी कहते हैं, कि वात नाशक, पित्त नाशक और कफ नाशक ऐसी चीजें दुनिया में एक साथ मिले तो बहुत रेयर। वो कहते हैं कि बहुत-सी चीजें हैं, दुनिया में जो वात का नाश करेगी, कोई पित्त का नाश करेगा, तो कोई कफ का। लेकिन कोई ऐसी चीजें भी अपनी रसोई में हैं, जो इन तीनों का नाश कर सकती है। उनमें से सबसे पहले आता है, 'आंवला', दूसरा 'हर्डय' और तीसरा है, 'बहेड़ा' और तीनों को मिलाकर बनता है, 'त्रिफला'।
त्रिफला में सबका अच्छा फल होता है, 'आंवला', फिर बहेड़ा, फिर हर्डय। यह दुनिया में सबसे अद्भुत चीज है। ज्यादातर लोग त्रिफला का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन मात्रा को ध्यान में रखकर कीजिए। त्रिफला सबसे अच्छा होता है, 1ः2ः3 के अनुपात में। पहला हर्डय एक अनुपात, दूसरा बहेड़ा 2 अनुपात और तीसरा आंवला 3 अनुपात में।
अगर आपको घर पर त्रिफला बनाना है तो हर्डय लेना 100gm, बहेड़ा लेना 200 gm और आंवला लेना 300 gm. तो इस प्रकार की मात्रा में आप जो चूर्ण तैयार करेंगे, वो कहते हैं कि यह अद्भुत होगा। वात, पित्त और कफ तीनों रोगों का नाश करने के लिए। यदि आप वात, पित्त और कफ तीनों रोगों से ग्रसित हैं तो आप त्रिफला का सेवन जरूर कीजिए।
त्रिफला लेने के 2 नियम होते हैं। एक रात को और दूसरा सुबह। यदि आपको सुबह त्रिफला खाना है तो गुड़ के साथ नहीं तो शहद के साथ, गुड या शहद और यदि आप त्रिफला रात को खाते हैं तो दूध के साथ या गर्म पानी के साथ। त्रिफला तो एक ही है। लेकिन वागभट्ट जी के अनुसार असर अलग-अलग टाइम पर अलग-अलग असर होता है। रात को जो आप त्रिफला खाएंगे, दूध के साथ या गर्म पानी के साथ। तो यह त्रिफला रेचक है यानी पेट को साफ करने वाला। बड़ी आंत की सफाई करने वाला, शरीर के सभी अंगों की सफाई करने वाला।
यदि आप सुबह त्रिफला खाते है, गुड़ या शहद के साथ। तो वो कहते है, कि यह पोषक का काम करता है। यानी शरीर को जो कुछ भी चाहिए। विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन डी या विटामिन के या कोई और विटामिन चाहिए या हमारे शरीर को माइक्रोन्यूट्रिएंट चाहिए। तो अगर शरीर को पोषकता चाहिए तो त्रिफला सुबह खाना अच्छा होता है। यदि कब्जे रहती है तो त्रिफला रात में खाना। दोनों ही समय में त्रिफला खाने के बिल्कुल ही अलग परिणाम आते हैं। तो जो लोग अपने आप को स्वस्थ महसूस करते हैं, वह लोग भी सुबह के समय त्रिफला का सेवन कर सकते है और यदि कुछ बीमारियां है, तो रात को।
कब्ज को दूर करने की सर्वश्रेष्ठ औषधि
Reviewed by Chandra Sharma
on
August 27, 2020
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