रिफाइंड स्वाथ्य के लिए बहुत हानिकारक है। जानिए


* रिफाइंड ऑयल के नुकसान: हिंदुस्तान में रिफाइंड तेल कब से आया, आज से 50 साल पहले तो कोई भी नहीं जानता था, कि रिफाइंड तेल क्या होता है। यह पिछले 20 - 25 वर्षों में आए हैं, रिफाइंड तेल। कुछ कंपनियां निकली है, इस देश में और कुछ कंपनियां विदेश से आई। दोनों ने मिलकर रिफाइंड तेल का चक्कर चलाया। रिफाइंड तेल बहुत अच्छा कहकर बहुत अच्छा है और यह बहुत अच्छा है, तो किसी ने माना नहीं तो डॉक्टरों से कहलवाया। बहुत बड़े-बड़े डॉक्टर से कहलवाया।

      जो डॉक्टर अपने मरीजों से कहते हैं कि तेल हमेशा रिफाइंड ही खाना। अलग-अलग ब्रांड के तेल बताते हैं। जैसे- सनफ्लॉवर, सफौला आदि। खासकर मुंबई के कुछ डॉक्टरों ने जो इस प्रिस्क्रिप्शन के साथ यह कहना नहीं भूलते कि तेल सफौला का ही खाना या तेल ये ही खाना। यदि डॉक्टर साहब से पूछा जाए कि डॉक्टर साहब आपका सफौला से क्या रिश्ता है, जो आप हर मरीज को कहते हैं कि तेल सफौला का ही खाना। ये क्यों नहीं कहते कि तेल तिल का ही खाना, यह क्यों नहीं कहते कि तेल नारियल का ही खाना, सरसों का ही खाना। कहां से आया सफौला। भारत में तो नारियल का तेल, तिल का तेल और सरसों का तेल ही होता है। हिंदुस्तान में सफौला कहां से आया।

      इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि सफौला कंपनी के मैनेजर उनको आए दिन कुछ ना कुछ उपहार देते रहते हैं। तो यह है, मेन कारण। लेकिन जब सफौला के तेल का जांच परीक्षण हुआ, लेबोरेटरी में टेस्ट हुआ। तो इसमें दिल्ली के एम्स के कई डॉक्टरों को इसमें इंटरेस्ट हुआ कि बात तो यह गहरी है, इस पर काम कर कर देखना चाहिए। तो उन डॉक्टरों ने जो कुछ भी बताया रीसर्च के रूप में। जो कुछ भी बताया है, कि तेल में जैसे ही आप वास को निकालेंगे, उसका चिपचिपापन हटाएंगे, तो वह तेल ही नहीं रह जाता। तेल के सभी महत्वपूर्ण घटक निकल जाते हैं। और डबल रिफाइनरी तेल में तो कुछ भी नहीं बचता और हम लोग उसको खा रहे हैं। 

      तेल के माध्यम से शरीर को जो कुछ भी चाहिए, वो रिफाइनरी तेल से नहीं मिल पाता। तेल से शरीर को एचडीएल प्राप्त होता है। यह सिर्फ तेलो से ही शरीर को प्राप्त होता है। वैसे तो यह शरीर में लीवर में बनता है, लेकिन उसके लिए भी यदि हम तेल खाते हैं, तब। अगर तेल नहीं खाएंगे तो बनेगा भी नहीं। तो शुद्ध तेल अगर आप खाते हैं, तो आपके लीवर की मद्द से आपके शरीर में एचडीएल की स्थिति बेहतर स्थिति में रहेगी और यह एचडीएल ही है, जो वात की स्थिति को कंट्रोल में रख सकता है।

      आधुनिक विज्ञान का यह एचडीएल और 3500 साल पहले विज्ञान वाग्भट्ट  चिकित्सा का यह तेल यह दोनों एक ही चीजें है। तो आप शुद्ध तेल खाए तो एचडीएल अच्छा रहेगा और एचडीएल अच्छा रहेगा तो जिंदगी भर हार्ट अटैक आने की संभावना भी नहीं रहेगी। अपना निसंकोच अपना जीवन बिता सकते हैं।
रिफाइंड स्वाथ्य के लिए बहुत हानिकारक है। जानिए रिफाइंड स्वाथ्य के लिए बहुत हानिकारक है। जानिए Reviewed by Chandra Sharma on August 26, 2020 Rating: 5

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