tulsi ke fayde / तुलसी के औषधीय गुण

नमस्कार मित्रों
आज के इस आर्टिकल में हम बात करने जा रहे हैं तुलसी tulsi ke fayde के बारे में। तुलसी के पौधे को भारत में हर कोई जानता है। हिंदू धर्म में तुलसी पूजा भी की जाती है। वास्तव में पूजा करने का वैज्ञानिक कारण यह है कि यह गुणों का भंडार है और अनेक रोगों में इसका प्रयोग किया जाता है जैसे सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार, वायरल और बैक्टीरियल इनफेक्शन, गठिया, आंखों के रोग, सिरदर्द आदि में।
आगे हम आपको विस्तार से तुलसी के गुणों के बारे में बताने जा रहे हैं और किस किस रोग में तुलसी का किस प्रकार से प्रयोग किया जाना चाहिए यह सभी जानकारी आगे आपको इस आर्टिकल में मिलेगी।

tulsi ke fayde / तुलसी के औषधीय गुण और इसके लाभ

1. तुलसी की तासीर

तुलसी की तासीर गर्म होती है इसलिए पित्त प्रकृति वाले को इसका प्रयोग ध्यान से करना चाहिए। जिन व्यक्तियों के पेट में जलन होती है या जिनको एसिड बनता है। उन व्यक्तियों को दोपहर के समय तुलसी का प्रयोग नहीं करना चाहिए। ऐसे व्यक्ति सुबह और शाम को थोड़ी बहुत मात्रा में तुलसी का प्रयोग कर सकते हैं।वैसे भी अधिकतर तुलसी का प्रयोग सुबह और शाम को ही किया जाता है।

2. बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन में लाभदायक

आजकल अक्सर देखा गया है। बैक्टीरिया या वायरस का इन्फेक्शन बहुत जल्दी हो जाता है। इसका मुख्य कारण है कि हमारी रोग प्रतिरोधक शक्ति कमजोर हो गई है। सुबह शाम 5 - 5 तुलसी के पत्ते खाने से धीरे-धीरे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने लगती है। जिन व्यक्तियों को बार-बार बैक्टीरिया, वायरस आदि का संक्रमण होता रहता है। उनको तुलसी की पत्तियों का सेवन जरूर करना चाहिए।

3. तुलसी सूजन की समस्या को दूर करती है

जिन व्यक्तियों को सूजन की समस्या है। हाथों पर, पैरों पर या चेहरे पर। ऐसे व्यक्तियों को सुबह खाली पेट 5 से 6 पत्तियों का सेवन करना चाहिए। तुलसी की पत्तियों का सेवन आपके शरीर की सूजन को पेशाब के रास्ते से निकाल देता है।

4. गठिया बाय की समस्या में तुलसी के लाभ

गठिया की समस्या में तुलसी का सेवन लाभदायक है। जिन व्यक्तियों को जोड़ों में सूजन व दर्द परेशान करती है। ऐसे लोगों को तुलसी के पत्तों का काढ़ा प्रयोग करना चाहिए। इसमें तुलसी के पत्तों का रस भी प्रयोग कर सकते हैं। इस प्रयोग से आपके जोड़ों में जो सूजन है या गठिया की समस्या है। वह धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगी।

5. लीवर को मजबूती प्रदान करना

अगर लीवर ढंग से काम नहीं कर रहा है लिवर फैटी हो गया है या बड़ गया है। ऐसे व्यक्तियों को सुबह खाली पेट तुलसी की 5 से 6 पत्तियों का सेवन करना चाहिए। इस प्रयोग से लीवर पर जो फैट जम चुका है या वह बड़ा हो चुका है। ये समस्याएं धीरे-धीरे समाप्त हो जाएंगी।

6. लीवर को सुचारू रूप से चलाने में सहायता देना

कई व्यक्तियों को लीवर अच्छे से काम नहीं करता है। खाना खाते ही मल त्याग करने का मन करता है या खाना खाते ही मल त्याग करने जाना पड़ता है। ऐसे लोगों के लिए भी तुलसी का प्रयोग फायदेमंद है।

7. मधुमेह में लाभदायक

जो व्यक्ति शुगर की समस्या से परेशान हैं। ऐसे लोगों को तुलसी की पत्तियां सुबह शाम 5 से 6 पत्तियां सुबह शाम लेना लाभदायक है। तुलसी की पत्तियों को छाया में सुखाकर उसका पाउडर बनाकर सुबह और शाम खाना खाने से आधा घंटा पहले इसका सेवन करने से शुगर के रोग में लाभ होता है।

8. दमें और फेफड़ों की समस्या में लाभदायक

दमे की समस्या में और फेफड़ों की कमजोरी की समस्या में भी तुलसी लाभदायक है। यदि फेफड़ों में बलगम है या इंफेक्शन है या किसी प्रकार की सूजन है या एलर्जी की समस्या है। इस प्रकार के रोगियों को हल्दी का 1 इंच का टुकड़ा लेकर और तुलसी की पांच से छह पत्तियां लेकर दोनों चीजों को कूटकर एक कप पानी में डालकर उबालें। जब उबल उबल कर पानी आधा रह जाए। तब इस पानी को छानकर उसमें देसी खांड या शहद मिलाकर खाना खाने के लिए घंटे बाद सेवन करें।

9. खांसी के रोग को दूर करती है तुलसी

खांसी की समस्या में हल्दी का 1 इंच का टुकड़ा और अदरक का 1 इंच का टुकड़ा और तुलसी की पांच पत्तियां मिले कर उनको अच्छे से कूदकर उनका रस निकालकरएक चम्मच रस और उसमें थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाकर सुबह-शाम चाटने से खांसी की समस्या में आराम आता है। इस प्रयोग से किसी भी प्रकार की खांसी बिल्कुल ठीक होने लगती है। विशेष रूप से बलगम वाली खांसी तो बिल्कुल ठीक हो जाती है।

10. सर्दी जुकाम को दूर करने में लाभदायक

 जिन व्यक्तियों को बार बार सर्दी जुकाम परेशान करता है। ऐसे व्यक्तियों को 1 इंच का अदरक का टुकड़ा चार से पांच दाने कालीमिर्च पांच पतियों तुलसी की इन सबको पीसकर और इनका रस निकालकर और इसमें शहद मिलाकर सुबह-शाम इसका प्रयोग करने से सर्दी जुकाम में बहुत आराम मिलता है। यह प्रयोग करने से आपको बार बार सर्दी जुकाम नहीं होगा।

11. तनाव और अवसाद को दूर करने में लाभदायक

तनाव आजकल की जिंदगी में बढ़ता ही जा रहा है। जो व्यक्ति तनाव की समस्या से परेशान हैं। तुलसी की पांच पत्तियों का काढ़ा बनाकर उसमें देसी खांड मिलाकर के सुबह-शाम खाना खाने के 1 घंटे बाद प्रयोग करना है। यह प्रयोग सिर की नसों को तरावत देता है खुश्की खत्म करता है। कई बार सिर की नसें सिकुड़ जाती हैं। ऐसी अवस्था में भी तुलसी का यह प्रयोग बहुत फायदा करता है।

12. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है 

तुलसी कई लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। वे लोग बार-बार बीमार पड़ते रहते हैं। ऐसे लोगों को 5 से 6 पत्ते तुलसी के लेने है। इसका रस निकालकर उसमें एक चम्मच शहद मिलाकर सुबह शाम खाना खाने से 1 घंटे बाद इस्तेमाल करने से धीरे-धीरे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने लगती है। जिन लोगों का इम्यून सिस्टम थोड़ा कमजोर है। वह धीरे-धीरे मजबूत होता जाता है।

13. आंखों की रोशनी और आंखों के रोगों में फायदेमंद

तुलसी आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी बहुत लाभकारी है। जिन व्यक्तियों की आंखों पर चश्मा लगा हुआ है या जिनकी दृष्टि कमजोर हो चुकी है या मोतियाबिंद की समस्या है। ऐसे व्यक्तियों के लिए तुलसी की 5 से 6 पत्तियों का सुबह खाली पेट सेवन बहुत लाभदायक है। तुलसी की पत्तियों में विटामिन ए पाया जाता है। इसलिए तुलसी आंखों के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है।

14. सिर दर्द की समस्या में लाभकारी

सिर दर्द की समस्या में तुलसी लाभकारी है। जिन व्यक्तियों को सिर दर्द की समस्या ने परेशान कर रखा है। उन व्यक्तियों को पांच से छह तुलसी की पत्तियों का रस निकालकर एक चम्मच तिल के तेल में डालकर अच्छे से पकाने के बाद उसको ठंडा करने के बाद दोनों नासिका में दो-दो बूंदें डालनी है। इस प्रयोग से सिरदर्द के रोगी को राहत मिलती है। उसी तेल से माथे पर हल्की हाथों से मालिश करने से भी लाभ मिलता है।

15. मुंह की बदबू को दूर करती है तुलसी

मुंह से बदबू आना भी बहुत बड़ी समस्या है। इस समस्या की वजह से कई बार शर्मिंदगी महसूस होती है। मीटिंग के दौरान या इंटरव्यू के दौरान अच्छा महसूस नहीं होता है। पायरिया की शिकायत और मसूड़े में भी समस्याएं हैं। मसूड़े कमजोर हैं या मसूड़ों से खून निकलता रहता है। ऐसे व्यक्तियों को तुलसी का सेवन करना चाहिए। तुलसी की पत्तियों को छाया में सुखाकर के उनका पाउडर बनाकर मसूड़ों पर इस पाउडर का अच्छे से मसाज करने से यह सभी समस्याएं धीरे धीरे हो जाती हैं।

16. चर्म रोगों को दूर करने में सहायक

तुलसी चर्म रोगों में भी फायदा करती है। जिन लोगों को बार-बार पिंपल्स निकलते रहते हैं या मवाद वाले दाने निकलते रहते हैं। इन समस्याओं में 1 इंच का हल्दी का टुकड़ा और पांच से छह तुलसी की पत्तियां लेनी है इन दोनों को पीसकर के उस का रस निकालकर और उस रस में रोई को डुबोकर रवि के माध्यम से पिंपल्स वाली जगह पर इस रस को लगाएं और लगाने के बाद आधे घंटे बाद चेहरे को ताजे पानी से धो लें। इस प्रयोग से पिंपल की समस्या धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है।

17. त्वचा के संक्रमण को ठीक करने में सहायक

 त्वचा में संक्रमण जैसे कि दाद खाज खुजली आदि में भी तुलसी का प्रयोग लाभदायक है। एग्जिमा सोरायसिस आदि भी त्वचा के संक्रमण के उदाहरण है। ऐसे रोगों में पांच से छह पत्तियां तुलसी की ले करके उनको पीस करके उनका रस निकालकर नारियल तेल में मिलाकर जहां-जहां संक्रमण फैला हो वहां वहां उसको लगाएं। आप देखेंगे कि धीरे-धीरे त्वचा का संक्रमण और इससे जुड़ी बीमारियां ठीक होती जाएंगी।

18. पेट दर्द में तुरंत आराम के लाती है तुलसी

पेट दर्द में तुलसी लाभकारी है। ऐसा कई लोगों के साथ होता है जैसे ही व्यक्ति कोई चीज खाते हैं तो उनके पेट में दर्द होना शुरू हो जाता है। इसके बहुत सारे कारण हो सकते हैं एक कारण यह भी हो सकता है कि आमाशय में सूजन हो। इस रोग में आपको 5 से 6 पत्ते तुलसी के लेने हैं, 1 इंच का अदरक का टुकड़ा और चौथाई चम्मच अजवाइन। इन सभी को थोड़ा कूटकर एक कप पानी में उबालने के लिए रख दें। जब पानी उबल उबलकर आधा रह जाए। इस पानी को थोड़ा गुनगुना रहने पर थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाकर पीने से पेट दर्द में तुरंत आराम आ जाता है।

19. कैंसर रोग में भी फायदा देती है तुलसी

कैंसर रोग में भी तुलसी का अपना एक अलग महत्व है। कैंसर चाहे कोई भी हो। इस रोग के लिए 5 से 6 पत्ते तुलसी के, व्हीटग्रास, 2 से 3 इंच का गिलोय का टुकड़ा, इन तीनों को अच्छे से पीसकर इसका रस निकाल कर इस रस में स्वाद अनुसार थोड़ा सा शहद मिलाकर सुबह खाली पेट और शाम को भी खाली पेट लेना है। इस प्रयोग से कैंसर की कोशिकाएं सिकुड़ना शुरू हो जाती हैं और धीरे-धीरे रोगी स्वस्थ होने लग जाता है।

20. पथरी की समस्या से निजात दिलाने में सहायक

 जो व्यक्ति गुर्दे में पथरी की समस्या से जूझ रहे हैं। उन लोगों के लिए 5 से 6 पत्ते तुलसी के लेने है, पांच से छह पत्ती बबरी की लेनी है और एक पत्ता पत्थरचट का लेना है। इन तीनों को मिलाकर सुबह खाली पेट इनका सेवन करना है। इस प्रयोग से गुर्दे की पथरी पहुंच जल्दी निकल जाती है और व्यक्ति स्वस्थ हो जाता है।

21. गले के इन्फेक्शन और खराश आदि को ठीक करने में लाभकारी

गले के इन्फेक्शन, गले की खराश और टॉन्सिल आदि में भी तुलसी बहुत फायदा करती है। इस रोग को ठीक करने के लिए दो लोंग, दो काली मिर्च, पांच तुलसी की पत्तियां और 1 इंच का अदरक का टुकड़ा लेना है। इन सभी को अच्छे से कूट करके एक कप पानी में डालकर उबालना है। जब उबल उबलकर पानी आधा रह जाए। तो इस पानी को छानकर उसमें स्वादानुसार सेंधा नमक मिलाकर गरारे कर करके उस पानी को पी जाना है। इस प्रयोग को आपने सुबह और शाम को करना है। इस प्रयोग से गले का इन्फेक्शन, गले की खराश, टॉन्सिल आदि में बहुत लाभ मिलेगा।

निष्कर्ष

मित्रों, तुलसी के इन सभी गुणों tulsi ke fayde को देखते हुए इसको पूजा जाना और इसके प्रति प्रेम होना ही चाहिए। तुलसी बहुत शुभ मानी जाती है। इसका आध्यात्मिक और विज्ञानिक महत्व है। इसके साथ-साथ इस के अनेकों स्वास्थ्य लाभ है। यह हजारों रोगों में काम आने वाली है। अगर व्यक्ति निरोग है तब भी उसको तुलसी का सेवन करना चाहिए। पित्त प्रकृति वालों को आयुर्वेदिक सलाह से इसका सेवन करना चाहिए क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है। बाकी अन्य प्रकृति वालों को नित्य प्रतिदिन इसका सेवन करने से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और इसके साथ-साथ अनेक फायदे मिलते हैं।
धन्यवाद।
tulsi ke fayde / तुलसी के औषधीय गुण tulsi ke fayde / तुलसी के औषधीय गुण Reviewed by Chandra Sharma on June 09, 2020 Rating: 5

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