शुगर का परमानेंट इलाज / sugar Ka permanent ilaj

नमस्कार मित्रों
हमारी अप्रकृतिक और बिना संयम वाली जीवनशैली के कारण के कारण लोगों ने चारों तरफ से हमें घेर लिया है। जिनमें से एक रोग मुख्य है जिसका नाम है मधुमेह डायबिटीज या शुगर। दोस्तों आज के समय में भारत में लगभग हर घर में कम से कम एक व्यक्ति खासतौर से जिसकी उम्र 50 साल से ऊपर है वह डायबिटीज से पीड़ित है। 

इसका क्या कारण है कि इतनी भारी मात्रा में भारत में डायबिटीज के रोगी हैं और बहुत तेजी से इस रोग के रोगी बढ़ते ही जा रहे हैं। अगर आप ध्यान पूर्वक मनन करेंगे और सोचेंगे कि इसकी मुख्य वजह क्या है तो आप पाएंगे अप्रकृतिक और बिना संयम वाली जीवनशैली अर्थात मनुष्य ने प्रकृति के अनुरूप अपना जीवन यापन करना छोड़ दिया है। उदाहरण के तौर पर प्रकृति कहती है कि सुबह सूर्योदय से पहले उठो और मनुष्य सूर्योदय के घंटों बाद तक सोया रहता है। प्रकृति कहती है की प्राकृतिक खाना खाओ जैसे कि फल, हरी सब्जियां, दालें, विभिन्न प्रकार के अनाज आदि। लेकिन हम अपनी जीभ के गुलाम होने के कारण क्या खाते हैं पिज़्ज़ा, बर्गर, चाऊमीन, पास्ता, मैकरोनी, समोसा, टिक्की और मैदे से बनी हुई चीजें। 

अगर हमको मीठे खाने की इच्छा है तो हम को खाना चाहिए गुड़ और हम खा रहे हैं चीनी जोकि केमिकल्स से बनी हुई है और जिसकी न्यूट्रिशन वैल्यू जीरो है। हमें पीनी चाहिए लस्सी, छाछ, मट्ठा या फलों के जूस और हम पी रहे हैं कोल्ड ड्रिंक जैसे जहर। तो आप खुद ही सोचिए हमारा खान-पान कितना बदल चुका है। हम प्रकृति के अनुरूप नहीं जी रहे हैं। इसलिए विभिन्न प्रकार के रोग बढ़ते ही जा रहे हैं। आज के इस आर्टिकल में हम चर्चा करेंगे उन उपायों और आयुर्वेदिक उपचार की जिनसे मधुमेह के रोग को पूर्ण रूप से खत्म किया जा सके।

मधुमेह के स्थायी समाधान के आयुर्वेदिक उपाय / sugar Ka permanent ilaj


यहाँ पर कुछ ऐसी आयुर्वेदिक टिप्स दी जा रही जो मधुमेह का स्थायी समाधान देती है। ये टिप्स मधुमेह के स्थायी इलाज बहुत कारगर है।

आहार और खानपान

जैसा कि ऊपर बताया गया है की मधुमेह ऐसा रोग है जो कि गलत खानपान और प्रकृति के साथ तालमेल ना होने के कारण होता है। यहां पर प्रकृति के साथ तालमेल का मतलब प्राकृतिक आहार और प्राकृतिक जीवन चर्या है जैसे कि फल, हरी सब्जियां, दालें इत्यादि। यह सब प्राकृतिक आहार है और शारीरिक श्रम, योग, प्राणायाम, ध्यान, सुबह जल्दी उठना यह सब प्रकृति के अनुरूप जीवन शैली है। हमें अपना आहार प्रकृति के अनुरूप रखना चाहिए। ताजे फल, हरी सब्जियां, दालें, दूध, दही, मट्ठा, छाछ इत्यादि का सेवन करना चाहिए। फास्ट फूड जैसे कि चौमिन, पिज़्ज़ा, बर्गर, मैक्रोनी, ज्यादा चिकनाई युक्त पदार्थ, अधिक मिठाईयां, शादी पार्टी के व्यंजन आदि को बिल्कुल त्याग देना चाहिए। यदि ऐसा हम करेंगे तो शुगर की समस्या को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।

अवसाद और तनाव को रखें दूर

दोस्तों रिसर्च में सामने आया है और आप अनुभव भी कर कर देख लेना कि जिस समय आप तनाव ग्रसित होते हैं। उस समय शुगर का लेवल आपकी बॉडी में बढ़ जाता है इसलिए तनाव को अपने से दूर रखें तनाव होने पर योग प्राणायाम आदि की शरण में जाएं। ईश्वर का ध्यान करें जिससे कि तनाव से मुक्ति मिल सके।
अगर आप तनाव को अपने जीवन से दूर रखेंगे तो शुगर क्या चीज है और भी बीमारियां आपको घेर लेंगी। इसलिए तनाव और अवसाद को अपने जीवन से दूर रखने की कोशिश करें। और मैं पहले भी बता चुका हूं इसका स्थाई समाधान सिर्फ योग है। आपको योग की शरण में जाना पड़ेगा। अगर आप तनाव से मुक्ति चाहते हैं तो आयुर्वेद की शरण में आना पड़ेगा। एलोपैथिक डॉक्टर तो आपको दवाइयों के ढेरों ढेर दे देगा और यह दवाइयां आपको पूरे जीवन भर खानी पड़ेगी क्योंकि तनाव के लिए एलोपैथिक में कोई स्थाई समाधान नहीं है।
आप देखेंगे कि जैसे ही तनाव अवसाद आदि आपके जीवन से दूर चले जाते हैं तो आपका मधुमेह भी धीरे-धीरे नियंत्रित होने लगेगा।

सुबह जल्दी अर्थात सूर्योदय से पहले उठें

जैसे कि आपको बताया जा चुका है कि शुगर का रोग जीवन शैली का रोग है। अगर आप अपनी जीवन शैली में प्राकृतिक रूप से बदलाव करेंगे तो निश्चित ही शुगर का लेवल कम होता जाएगा और बिल्कुल बैलेंस में आ जाएगा। इसके लिए सबसे पहला ठोस कदम है कि आप सूर्योदय से पहले उठे। आयुर्वेद में ऐसा कहा जाता है कि हमारी जठराग्नि सूर्य के अनुरूप ही काम करती है। जैसे-जैसे सूर्य का प्रकाश तीव्र होता जाएगा हमारी जठराग्नि भी तीव्र होती जाएगी और जैसे-जैसे सूर्य का प्रकाश मंद बढ़ता जाएगा हमारी जठराग्नि मंद पड़ती जाएगी। इसलिए सबसे पहले यह निश्चित करें कि सुबह सूर्योदय से पहले उठे। सबसे अच्छा तो यह है कि आप 3:00 से 4:00 के बीच ब्रह्म मुहूर्त में उठें।

योगासन प्राणायाम और व्यायाम

मित्रों, मधुमेह के रोगी के लिए आसन, प्राणायाम, व्यायाम बहुत ही अमूल्य हैं। यदि शुगर का रोगी नियमित रूप से इनका पालन करता है तो इसमें शुगर के रोगी को बहुत लाभ मिलता है। आसनों में विशेष रूप से कई ऐसे आसान है जो शुगर के लेवल को कम करने के लिए बहुत ही उपयुक्त हैं जैसे कि मंडूकासन। मंडूकासन के लिए आप यूट्यूब पर बाबा रामदेव की वीडियो देख सकते हैं। उसमें उन्होंने मंडूकासन करने की पूर्ण विधि बताई हुई है।z मंडूकासन करने से प्राकृतिक रूप से हमारे शरीर में इंसुलिन बनने लगता है और आप सभी जानते हैं कि इंसुलिन शुगर के लेवल को नियंत्रण करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

परहेज अति आवश्यक

अगर आप परहेज नहीं करेंगे तो मधुमेह की समस्या को नियंत्रित नहीं किया जा सकता। यह लगभग असंभव है कि आप बिना परेज करें मधुमेह को नियंत्रित कर सके। इसमें आपको चीनी और चीनी से बनी हुई वस्तुओं का विशेष रूप से परहेज करना है। चीनी बॉडी में शुगर के लेवल को बहुत तेजी से बढ़ा देती है। इसके अलावा कुछ फल ऐसे हैं जो शुगर के लेवल को बढ़ाते हैं जैसे कि आम, केला आदि और कुछ फल ऐसे भी हैं जो शुगर के लेवल को कम करते हैं जैसे कि जामुन, अमरूद आदि। अधिक जानकारी के लिए आप गूगल पर या यूट्यूब पर सर्च कर सकते हैं कि कौन से फल मधुमेह में खाने चाहिए और किन फलों का मधुमेह में परहेज करना चाहिए। इसके अलावा मैदा, तली हुई चीजें, मिठाइयां और मैदे से बनी हुई चीजें अप्रत्यक्ष रूप से शरीर में शुगर के लेवल को बढ़ा देती है। आप सोच रहे होंगे कि मैदे में कौन सा मीठा होता है जो यह शुगर के लेवल को बढ़ाएगा। लेकिन मैदा शरीर में जाने के बाद हमारी पाचन क्रिया को बाधित करता है। उसे पचाने में शरीर के अंगों को काफी मेहनत करनी पड़ती है। शरीर के अंगों को अधिक काम करना पड़ता है। वे ज्यादा व्यस्त हो जाते हैं भोजन को पचाने में और शुगर के लेवल को कंट्रोल नहीं कर पाते और शुगर बढ़ जाती है।

प्राकृतिक जीवन शैली को अपनाए

आजकल हम देख रहे हैं कि सब कुछ, चाहे वह हमारा खाना हो, हमारे काम करने का तरीका, हमारा खाना खाने का समय, काम करने का समय, उठने का समय, सोने का समय सब कुछ अप्रकृतिक हो चुका है। मनुष्य प्राकृतिक नियमों का पालन नहीं कर रहा है। प्राकृतिक नियम जैसे कि सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठना, शौच आदि से निवृत्त होकर आसन, प्राणायाम, व्यायाम करना, फलाहार करना, दिन में शरीर से काम लेना यानी कि मेहनत का काम करना जिससे कि पसीने के माध्यम से शरीर के सारे टॉक्सिंस बाहर निकल जाते हैं और मांसपेशियां थकावट महसूस करती हैं जिससे कि रात को नींद जल्दी और गहरी आती है। यह सभी प्रकृति के अनुसार चलने वाले नियम है। लेकिन दुख की बात यह है कि आज के समय में बहुत कम लोग ही इन नियमों का पालन कर रहे हैं। इसी कारण से अधिकतर लोगों में बीमारियां आ चुकी हैं। चाहे वह शुगर हो, हाइपरटेंशन हो, किडनी के रोग हो, पेट के रोग हो, लीवर के रोग हो या चर्म रोग आदि हो। अगर हमको इन सभी बीमारियों से बचना है और खासतौर से शुगर और हाइपरटेंशन से बचना है तो हमें प्राकृतिक जीवन शैली को अपनाना ही होगा। प्राकृतिक जीवन शैली का अर्थ प्रकृति के अनुसार जीवन जीना जैसे कि समय पर उठना, समय पर खाना, समय पर काम करना और समय पर सोना। अगर हम प्राकृतिक जीवन शैली अपनाएंगे तो हम पाएंगे कि हमारा शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहेंगे। यहां पर मन का स्वस्थ होने से मतलब हमें किसी प्रकार की टेंशन नहीं होगी। हम हमेशा सकारात्मक ऊर्जा से घिरे रहेंगे जिससे कि हमारा मस्तिष्क भी अच्छे से काम कर पाएगा और हम अच्छे निर्णय ले पाएंगे।

मोटापा कम करें

शोध में यह पाया गया है कि मधुमेह का रोग उन लोगों को ज्यादा होता है जिनका वजन ज्यादा होता है। मोटापा कई बीमारियों की जड़ है लेकिन शुगर में इसका अहम रोल है। इसलिए मोटापे के शिकार लोगों को चाहिए कि वह पहले अपने मोटापे को कम करें। एक बार जब मोटापा कम हो जाएगा तो शुगर का प्रकोप भी धीरे-धीरे कम होता जाएगा। मोटापा दूर करने के लिए बहुत सी चीजें कर सकते हैं जैसे योगासन, प्राणायाम, व्यायाम करना, तली हुई चीजों से परहेज, अधिक चीनी नमक ना खाना, धूम्रपान और नशे से परहेज, समय पर सोना समय पर उठना, शारीरिक श्रम करना। इन सभी को अपनाने से निश्चित ही मोटापे के रोग में लाभ मिलता है और मोटापे के साथ-साथ शुगर मधुमेह में भी लाभ मिलता है।

मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार

मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए घरेलू उपचार।

जामुन

मधुमेह के लिए फलों में जामुन सबसे उपयोगी फल है। जामुन का सेवन मधुमेह में विशेष रूप से लाभप्रद है। जामुन के अलावा जामुन की गुठलियों का सेवन भी मधुमेह में बहुत ही लाभकारी है। जामुन की गुठलियों को सुखाकर उनका चूर्ण बनाकर रखें और इसका सेवन करते रहें।

गेंहू और चने की रोटी

आजकल देखा जा रहा है कि लोग गेहूं की रोटी खाते हैं लेकिन अगर आप गेहूं के आटे में चने का आटा भी मिलाएंगे और उसकी बनी रोटी खाएंगे तो यह मधुमेह को ठीक करने में और शुगर के लेवल को कम करने में यह बहुत सहायक होगी। दूसरा चने में पोषक तत्व भी काफी मात्रा में होते हैं जो शरीर को ताकत प्रदान करते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं।

गिलोय का सेवन

गिलोय को अमृता भी कहा जाता है क्योंकि यह अमृत के समान शरीर को नया जीवन देने वाली होती है। वैसे तो गिलोय को मुख्य रूप से बुखार और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए दिया जाता है लेकिन इसका प्रयोग मधुमेह के लिए भी किया जाता है। इसलिए मधुमेह के रोगियों को गिलोय का सेवन करना चाहिए।

करेला और करेले का रस

करेले का रस मधुमेह में विशेष रूप कारगर होता है। करेले का रस पीने से मधुमेह के रोगी का शुगर लेवल कम होने लगता है। मधुमेह के रोगी को करेले का जूस प्रतिदिन सुबह खाली पेट पीना चाहिए। तब इसका विशेष लाभ होता है।

नीम

जैसा की आप सब को बताया कि नीम बहुत ही कड़वा होता है। नीम एंटीबैक्टीरियल होता है और एंटीफंगल भी होता है। मधुमेह में इसका विशेष लाभ है। नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर पीना चाहिए। नीम की पत्तियों को पानी में तब तक उबालें की पानी आधा रह जाए या फिर नीम की पत्तियों का रस निकालकर पीना चाहिए।

त्रिफला का सेवन

पेट की बीमारियों में और चर्म रोगों में त्रिफला का विशेष महत्व है। मधुमेह में भी त्रिफला अच्छा काम करता है। मधुमेह के पेशेंट को त्रिफला का सेवन नित्य प्रतिदिन करना चाहिए। त्रिफला तीन चीजों से मिलकर बना होता है हरड़, आमला बहेड़ा और यह तीनों ही चीजें शुगर में लाभदायक है।

मेथी दाना

मेथी दाना रसोई में प्रयोग होने वाली एक साधारण सी जड़ी बूटी है जिसके बहुत से लाभ हैं। यह मधुमेह को नियंत्रित करने और रक्त में शुगर के लेवल को कम करने में प्रयोग की जाती है। 1 चम्मच मेथी दाना को रात भर पानी में भिगोकर रख दें। सुबह खाली पेट फूले हुए मेथी दाना को चबा चबाकर का या ऊपर से वह पानी पी ले। यह प्रयोग मधुमेह के रोग में बहुत लाभदायक है।

आमला का सेवन

आंवला में विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसका प्रयोग भी रक्त में शुगर के लेवल को कम करने के लिए किया जाता है। वैसे तो आमला की अनगिनत फायदे हैं और आयुर्वेद में इसे बहुत अच्छे रसायन के रूप में जाना जाता है। आंवला के गुणों की लिस्ट बहुत ही लंबी है। दो से तीन आंवला को बारीक पीस लें। पीसने के बाद इसका रस निकाल ले। इसको एक कप करेले के रस में मिलाकर पिए। शुगर में यह प्रयोग बहुत ही लाभकारी है। स्वस्थ व्यक्ति को भी आंवले का सेवन प्रतिदिन करना चाहिए।

निष्कर्ष
मित्रो, अगर आप sugar Ka permanent ilaj चाहते हैं तो प्राकृतिक जीवन शैली अपनानी होगी। मधुमेह की बीमारी अमर्यादित जीवनशैली की बीमारी है। इस बीमारी को ठीक करने के लिए या इस पर नियंत्रण पाने के लिए घरेलू उपचार से ज्यादा मर्यादित जीवन शैली की आवश्यकता है। समय पर उठना, व्यायाम, योगासन, बिना तनाव का जीवन, समय पर खाना यह सभी क्रियाएं मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए बहुत आवश्यक है। इनके साथ साथ यदि घरेलू उपचारों की सहायता ली जाए तो सोने पर सुहागा हो जाएगा। इस तरह मधुमेह बहुत जल्दी जड़ से खत्म हो जाएगा और sugar Ka permanent ilaj हो जाएगा।
धन्यवाद।
शुगर का परमानेंट इलाज / sugar Ka permanent ilaj शुगर का परमानेंट इलाज / sugar Ka permanent ilaj Reviewed by Chandra Sharma on May 29, 2020 Rating: 5

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