इन 4 शक्तियों से मिलती है मनचाही सफलता
शक्ति के बिना जीवन का कोई भी मकसद पूरा करना असंभव है। यही कारण है कि इंसान शक्ति का संचय किसी न किसी रूप में करता है और अलग-अलग तरह की गुण और शक्तियों के द्वारा कामयाबी की ऊँचाईयों को छूता भी है। लेकिन शास्त्रों में शक्ति के ऐसे चार रूप बताए गए हैं, जो हर इंसान के सुखी, शांत और कामयाब जीवन के लिए बहुत जरूरी है।जानते हैं शक्ति यानी बल के ऐसे ही चार रूप जिसको पाना, बढ़ाना या बनाए रखना हर इंसान का लक्ष्य होना ही चाहिए -
देह बल - निरोग, ऊर्जावान, तेजस्वी देह यानी शरीर को सफल जीवन की पहली जरूरत है। यह खान-पान, रहन-सहन के संयम और अनुशासन के द्वारा ही संभव है। वहीं धार्मिक और आध्यात्मिक उपायों में हनुमान उपासना बहुत ही कारगर मानी गई है।
धन बल - शास्त्रों में सुखी जीवन के लिए धन को भी अहम माना गया है। जहां धन का अभाव व्यक्ति के तन, मन और विचारों से कमजोर बनाता है। वहीं धन संपन्नता व्यक्ति के आत्मविश्वास और सोच को मजबूत बनाती है। धन और ऐश्वर्य के लिए शास्त्रों में देवी लक्ष्मी की उपासना का महत्व बताया गया है।
बुद्धि बल - सफल, सुखी और शांत जीवन के लिए सबसे बड़ी ताकत बन जाता है- बुद्धि बल। क्योंकि बुद्धि की ताकत ही शरीर और धन बल को भी काबू कर करती है। बुद्धि के अभाव में शरीर से बलवान और धनवान भी दुर्बल हो जाता है। इसलिए बुद्धिबल के बिना शरीर और धन बल को भी बेमानी माना गया है। धार्मिक दृष्टि से भगवान श्री गणेश और सरस्वती की उपासना बुद्धि बल को बढ़ाने वाली होती है।
देव बल - ईश्वर का स्मरण एक ऐसी शक्ति है, जो अदृश्य रूप में भी शक्ति, ऊर्जा, एकाग्रता और आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला होता है। शास्त्रों में भगवान के मात्र नाम का ध्यान भी देवकृपा करने वाला माना गया है। यही कारण है कि जागते और सोते वक्त देव स्मरण व इष्ट की उपासना का धार्मिक परंपराओं में महत्व बताया गया है।

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