चिंता और निराशा दूर करते हैं ये सूत्र
हर इंसान के जीवन में ऐसे अनेक अवसर आते हैं, जब वह हालात से जूझता हुआ दिखाई देता है। कुछ लोग अपनी हिम्मत और जज्बे से समय को बदलकर अपना बना लेते हैं, तो कुछ टूटकर बिखर भी जाते हैं। किंतु जीवन के प्रति सही और सकारात्मक सोच रखी जाए तो हर मुश्किलों से पार पाना संभव है। शास्त्रों में ऐसे ही अनमोल सूत्रों को बताया गया है, जिनसे किसी भी अशांत स्थिति में इंसान अपना संतुलन बनाए रख सकता है।ऋग्वेद का एक बेहतरीन सूत्र है -
विश्वाउत त्वया वयं धारा उदन्या इव। अति गाहे महि द्विष:।।
जिसका सरल शब्दों में यही संदेश है कि जीवन में अनेक परेशानियां, मुसीबतें, जिम्मेदारियां या शत्रु रुकावटे पैदा करते हैं। किंतु ईश्वर व खुद पर भरोसे के दम पर इन पर काबू पाया जा सकता है। ठीक उसी तरह जैसे नाव से नदी पार की जाती है।
यहां दो सूत्र साफ हो जाते है हैं कि संकट और मुसीबतों से बाहर आने के लिए खुद पर विश्वास और भगवान के प्रति आस्था व श्रद्धा सबसे बड़ी ताकत है। यह शक्ति तभी संभव है जब इंसान शांत चित्त रहने का अभ्यास करें। क्योंकि अशांत मन से पैदा हुए तरह-तरह के दोषों, चिंता और घबराहट से इंसान डगमगा जाता है। इसके उल्टे शांत दिमाग से सोच, ऊर्जा और एकाग्रता के संतुलन द्वारा बुरे वक्त को भी आसानी से बदला जा सकता है।
चिंता और निराशा दूर करते हैं ये सूत्र
Reviewed by Naresh Ji
on
February 11, 2022
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