देवी लक्ष्मी के बताए इन 3 उपायों से मिलता है धन
हिन्दू धर्म ग्रंथों में देवी लक्ष्मी को सुख, ऐश्वर्य और धन की देवी माना गया है। दरअसल, प्राचीन ऋषि-मुनियों ने ज्ञान और अनुभव के द्वारा सांसारिक जीवन में धन का महत्व जानकर ही इसे न केवल धर्म, काम और मोक्ष के साथ इंसानी जीवन के चार पुरुषार्थों में शामिल किया बल्कि इसे शक्ति और पवित्रता के साथ भी जोड़ा गया है।शक्ति का यही रूप महालक्ष्मी के रूप में पूजनीय है, वहीं इसे पाने के लिए पवित्रता को अपनाने पर जोर दिया गया है। जिसके लिए दरिद्रता यानी मन, वचन, कर्म में बुराईयों से दूर रहकर पवित्र आचरण, विचार और परिश्रम के द्वारा धन कमाया जाए। ऐसा धन ही यश, सम्मान और निरोगी जीवन देने वाला माना गया है।
व्यावहारिक जीवन में धन पाने और बढ़ाने के लिए इंसान अनेक तरीकों के बारे में विचार करता है, कुछ अपनाता भी है। जिनमें वह कभी सफल होता है तो कभी असफल भी। लेकिन शास्त्रों में धन पाने के कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं, जो धन के साथ-साथ हमेशा सुख, शांति और प्रतिष्ठा भी बढ़ाते हैं।
शास्त्रों के मुताबिक धन कमाने और बढ़ाने के ये उपाय स्वयं देवी लक्ष्मी द्वारा बताए गए हैं। इन उपायों को आधुनिक संदर्भ में सोच-विचार किया जाए तो यह बहुत ही खुशहाल बनाने वाले हैं। लिखा गया है कि -
धनमस्तीति वाणिज्यं किंचिस्तीति कर्षणम्।
सेवा न किंचिदस्तीति भिक्षा नैव च नैव च।।
सरल शब्दों में इसका अर्थ यह है कि अगर धन हो तो व्यवसाय करें। कम पैसा हो तो कृषि कार्य करें। अगर धन न हो तो कोई नौकरी करना ही बेहतर है। किंतु किसी भी हालात में धन पाने के लिए किसी के सामने भिक्षा न मांगे।
व्यावहारिक रूप से इन बातों का संकेत यही है कि हर इंसान को मेहनत और समर्पण के साथ धन कमाने और बढ़ाने की हरसंभव कोशिश करना चाहिए।

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