अगर जवानी में किए ऐसे काम तो..
वर्तमान में हर शख्स खासतौर पर युवा पीढ़ी में सुख-सुविधा के आधुनिक साजो-सामान का गहरा प्रभाव है। इससे किसी सही लक्ष्य को साधने में रूचि लेने के बजाय अति महत्वाकांक्षा अनेक युवाओं को भटका रही है। वह कईं मौकों पर छोटे रास्तों से अस्थाई सुख देने वाली वस्तुओं या साधनों को पा भी लेते हैं। किंतु कुछ समय के बाद वास्तविक सुख से दूर यह ऐशो-आराम खत्म होने पर बेचैनी या निराशा फिर से सामने खड़ी होती है।
सवाल यही उठता है कि आज का युवा ऐसा क्या करे कि उसे स्थाई सुख भी मिले और आने वाला कल चिंता और अनिश्चितता से दूर हो? जवाब मिलता है धर्म सूत्रों में -
धर्म शिक्षाओं में कहा गया है कि युवाओं को भौतिक सुखों को प्राप्त करने की कोशिश तो करना चाहिए, लेकिन उनके पीछे बेतहाशा दौड़ न लगाए। धर्म की दृष्टि से ऐसा करने का सबसे बेहतर तरीका है - दूसरों को सुख देने के बारे में विचार करें। इससे मन में पैदा होने वाली सुख पाने की लालसा या चाहत कम होती है। भौतिक सुख-सुविधाओं के प्रति आकर्षण मिटाने का यही सटीक उपाय है।
शास्त्रों में जवानी को ऐसा समय बताया गया है, जो ऊर्जा से भरपूर होता है। जिसने इस ऊर्जा को सही दिशा में खर्च करने की आदत और अभ्यास कर लिया, तो उसका शेष जीवन खासतौर पर बुढ़ापा सुकूनभरा गुज़र जाएगा। यह समय न केवल स्वयं के शारीरिक, मानसिक और वैचारिक बल को बढ़ाने का होता है, बल्कि अपनी शक्ति से दूसरों की सेवा और मदद से यश, सम्मान, आत्मबल और बेहतर कल बनाने का भी होता है।
इस तरह व्यावहारिक जीवन की यह बात सही साबित होती है कि अपने लिये तो सभी जीते हैं, लेकिन वास्तविक जीवन दूसरों के लिए जीना ही है। इससे मिलने वाला प्रतिफल ही जीवन के अंतिम पड़ाव यानि बुढापे में भी अपनों और परायों को भी आपके नजदीक रखेगा। स्थायी सुख और शांति चाहें तो जरूर ऐसी आदत पर गौर करें।
अगर जवानी में किए ऐसे काम तो..
Reviewed by Naresh Ji
on
February 17, 2022
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