कोई बड़ी बात नहीं, आप भी बन सकते हैं महान...
हर व्यक्ति की इच्छा होती है वह घर-परिवार, समाज और देश में ख्याति प्राप्त करें। हर जगह उसे मान-सम्मान प्राप्त हो और सभी उसका नाम बड़े आदर के साथ लें। इस संबंध में ऐसी मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति बड़े घर, संपन्न परिवार में जन्म लेता है तो उसे यह सब स्वत: ही प्राप्त हो जाता है।
समाज में ख्याति कैसे प्राप्त करें? कैसे बनें महान? कैसे मिलेगा आपको मान-सम्मान? इस संबंध में आचार्य चाणक्य ने बताया है कि किसी भी व्यक्ति के महान बनने के लिए जरूरी है उसके उल्लेखनीय कर्म। व्यक्ति केवल जन्म से महान नहीं बन सकता, इसके लिए उसे दृढ़ निश्चय के साथ महान कार्य करने होते हैं। केवल उच्च कुल में जन्म लेने मात्र से किसी भी व्यक्ति का कल्याण हो, ऐसा जरूरी नहीं है। अक्सर देखने में आता है कि विद्वान पिता का पुत्र यदि मूर्ख होगा तो वह जीवनभर उचित सम्मान प्राप्त नहीं कर सकेगा। इसके विपरित यदि निम्न परिवार में जन्म लेने के बाद कोई व्यक्ति समाज के लिए, राष्ट्र के लिए, परिवार के हित में उल्लेखनीय कार्य करता है तो वह महान बन सकता है।
किसी भी व्यक्ति के लिए जरूरी है कि वह लक्ष्य निर्धारित कर, दृढ़ निश्चय के साथ उसकी ओर चलता रहे। मार्ग में आने वाली विषम परिस्थितियां ही उसे महान बनाती है। जिन लोगों के जीवन में जितनी अधिक विषम परिस्थितियां आती हैं वह व्यक्ति उतना ही अधिक निखरता है, महान बनता है। इसके विपरित जो व्यक्ति परिस्थितियों से डर लक्ष्य से भटक जाता है वह जीवन में कभी भी उल्लेखनीय कार्य नहीं कर पाता। अत: परिस्थितियों का सामना करते हुए व्यक्ति दृढ़ निश्चय के साथ ही आगे की ओर बढ़ते रहना चाहिए।
हर व्यक्ति की इच्छा होती है वह घर-परिवार, समाज और देश में ख्याति प्राप्त करें। हर जगह उसे मान-सम्मान प्राप्त हो और सभी उसका नाम बड़े आदर के साथ लें। इस संबंध में ऐसी मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति बड़े घर, संपन्न परिवार में जन्म लेता है तो उसे यह सब स्वत: ही प्राप्त हो जाता है।
समाज में ख्याति कैसे प्राप्त करें? कैसे बनें महान? कैसे मिलेगा आपको मान-सम्मान? इस संबंध में आचार्य चाणक्य ने बताया है कि किसी भी व्यक्ति के महान बनने के लिए जरूरी है उसके उल्लेखनीय कर्म। व्यक्ति केवल जन्म से महान नहीं बन सकता, इसके लिए उसे दृढ़ निश्चय के साथ महान कार्य करने होते हैं। केवल उच्च कुल में जन्म लेने मात्र से किसी भी व्यक्ति का कल्याण हो, ऐसा जरूरी नहीं है। अक्सर देखने में आता है कि विद्वान पिता का पुत्र यदि मूर्ख होगा तो वह जीवनभर उचित सम्मान प्राप्त नहीं कर सकेगा। इसके विपरित यदि निम्न परिवार में जन्म लेने के बाद कोई व्यक्ति समाज के लिए, राष्ट्र के लिए, परिवार के हित में उल्लेखनीय कार्य करता है तो वह महान बन सकता है।
किसी भी व्यक्ति के लिए जरूरी है कि वह लक्ष्य निर्धारित कर, दृढ़ निश्चय के साथ उसकी ओर चलता रहे। मार्ग में आने वाली विषम परिस्थितियां ही उसे महान बनाती है। जिन लोगों के जीवन में जितनी अधिक विषम परिस्थितियां आती हैं वह व्यक्ति उतना ही अधिक निखरता है, महान बनता है। इसके विपरित जो व्यक्ति परिस्थितियों से डर लक्ष्य से भटक जाता है वह जीवन में कभी भी उल्लेखनीय कार्य नहीं कर पाता। अत: परिस्थितियों का सामना करते हुए व्यक्ति दृढ़ निश्चय के साथ ही आगे की ओर बढ़ते रहना चाहिए।
चाणक्य नीति- कोई बड़ी बात नहीं, आप भी बन सकते हैं महान...
Reviewed by Naresh Ji
on
February 22, 2022
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