बस, इतना कर लें! मिल जाएगी शांति

बस, इतना कर लें! मिल जाएगी शांति
भारतीय धर्म की सबसे बड़ी खासियत है कि वह पुरानी, परंपरागत जड़-मान्यताओं और कट्टरपंथी ढकोसलों से मुक्त होने की इजाजत देता है। देशकाल परिस्थिति के अनुसार बदलाव करते हुए धर्म को पाला जाए, यह स्वीकृति और सुविधा धर्म देता है। अच्छा सोचें, अच्छा बोलें और अच्छा करें, सफल और सुखमय जीवन के लिए ये तीन सूत्र हैं। धर्म सिखाता है इन्हें कैसे किया जाए।


धर्म जानने के बाद एक सवाल यह भी खड़ा होता है कि अध्यात्म क्या है? यदि सीधे-सीधे समझा जाए तो धर्म शरीर है अध्यात्म आत्मा है। धर्म व्यवहार है तो अध्यात्म स्वभाव। धर्म एक क्रिया है और अध्यात्म उसका परिणाम। धर्म यदि पिता का प्यार है तो अध्यात्म मां की ममता।
असल में अध्यात्म का शाश्वत और स्वाभाविक स्वरूप ही समस्याओं और परेशानियों की उलझनों से थके-मांदे इंसान को नई ताजगी और स्फूर्ति दे सकता है। लेकिन आज के मशीनी युग में इंसान अध्यात्म से जुडऩे के गहन उपायों को अपनाने के बजाय कुछ सरल तरीकों से सुख और शांति की चाहत रखता है। इसलिए जानते हैं अध्यात्म का सुख पाने के कुछ स्वाभाविक और आसान उपाय -

- स्वस्थ रहने का हर उपाय करें।
- स्वयं भी प्रसन्न रहें और दूसरे को भी खुश करने का प्रयत्न करें।
- नित्य अपने ईश्वर से अच्छे विचार और कर्म के लिए प्रेरित करने हेतु प्रार्थना करें।
- अपना कर्तव्य कुशलता से पूरा करें और दूसरों की मदद के लिए तैयार रहें।
- कठिन परिस्थिति में ईश्वर को यादकर आत्मविश्वास और संयम बनाए रखें।
- प्रत्येक प्राणी को ईश्वर का अंश समझकर व्यवहार करें।
- कुदरत के नियमों का सम्मान करें।
बस, इतना कर लें! मिल जाएगी शांति बस, इतना कर लें! मिल जाएगी शांति Reviewed by Naresh Ji on February 17, 2022 Rating: 5

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