कुछ नुस्खे हाथ-पैरों की देखभाल के लिए।
एड़ियाँ फटती हों तो अरंडी का तेल, गुलाब जल तथा नींबू का रस समान मात्रा में मिलाकर एड़ियों पर दिन में दो-तीन बार मलें।
मधुमक्खियों वाला मोम लेकर गर्म करें। पिघल जाए तो इसमें इसका आधा सरसों का तेल मिलाएं। अब किसी बरतन में पानी भरकर उसी में यह मिश्रण छान दें। जब यह पानी में नीचे बैठ जाए तो पानी फेंककर इसे किसी शीशी में रख लें। सोते समय रात में इस नुस्ख़े को एड़ियों में लगाने से एक सप्ताह में बिवाइयों में आराम मिल जाता है।
रात को सोने से पहले नारियल का तेल गुनगुना करके बिवाइयों में लगाएं तथा मोजे पहनकर सो जाएं। सबेरे गर्म पानी में पैरों को 15 मिनट तक डुबोएं तथा किसी ब्रश से हल्के-हल्के रगड़कर एड़ियाँ साफ़ करें। इसके उपरांत भीगे पैरों को कपड़े से सुखाकर कोई तैलीय चीज़ लगा लें।
एक चम्मच देशी मोम तथा एक चम्मच देशी घी गर्म करें। दोनों एकसार हो जाएं तो इस मिश्रण की गर्म-गर्म बूंदें बिवाइयों में टपकाएं। यह प्रयोग प्रतिदिन तब तक करें जब तक बिवाइयों से छुटकारा न मिल जाए।
जैतून का तेल सहने योग्य गर्म करके नाखूनों को कुछ देर तक उसमें डुबाए रहिए। ऐसा कुछ दिनों तक करने से आपके नाखून मज़बूत होंगे।
100 ग्राम सरसों के तेल में 25 ग्राम मोम डालकर गर्म करें तथा एक उबाल आने के बाद उतारकर ठण्डा होने से पूर्व ही किसी चौड़े मुँह के पात्र में रख लें। इसे वैसलीन की तरह इस्तेमाल करें, त्वचा नहीं फटेगी। यदि फट रही हो तो ठीक हो जाएगी।
पैरों में गट्टे (गोखरू) हों तो पीड़ित स्थान पर मेंहदी का गाढ़ा लेप लगाकर पट्टी बाँध दें। दो-तीन घण्टे बाद इसे खोल कर धो दें। कुछ दिनों के अन्तराल पर कुछ ही बार यह प्रयोग करने से गट्टे समाप्त हो जाएंगे।
सर्दी के मौसम में या पानी में काम करने से हाथ-पैरों की त्वचा फटती हो तो ग्लिसरीन में नींबू का रस मिलाकर मलना चाहिए।
नींबू के छिलके नाखूनों पर मलने से नाखून चमकदार होते हैं।
हथेलियों, कोहनी और एड़ियों का कालापन मिटाने और मैल हटाने के लिए नींबू के छिलकों को प्रभावित हिस्सों पर घिसकर गुनगुने पानी से धोना चाहिए।

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