हार्ट अटैक और हृदय की सभी रोगों को दूर करने में वरदान है ये औषधि
* हार्ट अटैक से बचने के उपाय: अमेरिका की कम्पिनियां भारत में इलाज के नाम पर भारत के लोगो की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रही है। इसलिए आप अमेरिका की कम्पिनियों की दवांइए भी मत खाइए और सारी अमेरिकन कंपनी जो यहां पर धडल्लें से दवाइयां बेच रही है। जैसे- विक्स, जॉनसन एंड जॉनसन और भी बहुत-सी कम्पनी है, जो भारत में धंधा करने आई है। ऐसी कंपनी की दवाइयों पर आप कभी विश्वास मत कीजिए, क्योंकि; जो कंपनियां यहां पर धड़ल्ले से दवाइयों को बेच रही है, वह अमेरिका में पिछले 20 सालों से बंद है और अमेरिका की सरकार ने उन्हें जहर भी डिक्लेअर किया है और वह यहां पर धड़ल्ले से बेच रहे हैं।
ऐसे ही यदि आपको किसी को भी हार्टअटैक आते हैं और आप ऑपरेशन करवाते है, तो उस ऑपरेशन में डॉक्टर जो एक स्प्रिंग डालते है। जिसको स्टैंड भी कहते हैं। वह स्टैण्ड़ भी अमेरिका से आता है और इसकी कीमत 3 डॉलर के आसपास होती है और यहां लाकर वो ही कम्पनी स्टैण्ड़ को 2 - 3 लाख तक का देती है। वैसे तो यह स्टैंड का ऑपरेशन कभी सक्सेसफुल हुआ ही नहीं है, क्योंकि जब स्टैंड को हार्ट में ड़ाला जाता है, तो स्टैण्ड़ के आगे पीछे से ब्लॉकेज हो जाता है और कुछ समय हार्ट अटैक फिर आ जाता है। इसी चक्कर में आपके जिदंगी निकल जाती है और लाखों रुपए लग जाते हैं।
यदि आपको कभी भी हार्ट अटैक होने की आंशका लग रही हो, तो आयुर्वेदिक उपचार से इसका इलाज किया जा सकता है, जो कि बहुत सस्ता भी है और अनुकूल भी। वागभट्ट जी ने 3500 साल पहले अपनी दोनों पुस्तकों अष्टांग हृदय और अष्टांग संग्रह में हृदय की बीमारियों को ठीक करने के लिए सूत्र लिखे हैं।
पहला सूत्र यदि कभी भी हृदयाघात होता है, तो इसका मतलब रक्त में एसिडिटी बढ़ी हुई है यानी रक्त में अम्लता बढ़ी हुयी है। अम्लता दो तरह की होती है- पेट की और रक्त की अम्लता। पेट की अम्लता बढ़ने पर खट्टी-खट्टी डकार, मुंह का टेस्ट बिगड़ना और ज्यादा होने पर तो हाइपरएसिडिटी होती है और जब पेट की अम्लता रक्त मे चली जाती है, तब रक्त अम्लता होती हैं और जब रक्त में अम्लता आती है, तभी हार्ट अटैक होता है। इसके बिना हार्ट अटैक होता ही नहीं। यह आयुर्वेद का सबसे बढ़ा सच है, जिसको कोई डाक्टर आपको बताता नहीं, क्योंकि; इसका इलाज बहुत सरल होता है।
वाग्भट्ट जी कहते हैं कि यदि रक्त में अम्लता बढ़ गई है, तो ऐसी चीजों का उपयोग करो, जो क्षारीय होती है। केमिकल दो तरह के होते है- अम्लीय और क्षारीय। अम्ल और क्षार को मिलाने से न्यूट्रल हो जाता है। तो वागभट्ट जी कहते हैं कि जब आपके रक्त में अम्लता बढ़ी होती है। तब आप क्षारीय चीजें खाएं, तब रक्त की अम्लता न्यूट्रल हो जाएगी मतलब हार्ट अटैक की जिंदगी में संभावना खत्म हो जाएगी।
आपके रसोई घर में इतनी सारी चीजें होती है, जो क्षारीय होती है। अगर उन्हें खाना शुरू करो तो कभी भी हार्टअटैक नहीं आए और अगर कभी आ भी जाए, तो दोबारा आने का चांस ना रहे। जैसे- लौकी। लौकी से ज्यादा क्षारीय चीज कोई होती ही नहीं। लौकी का रस या कच्ची लोकी को खाओ जिससे अम्लता न्यूट्रल हो जाएगी। स्वामी रामदेव जी ने तो 3.25 लाख लोगों को ठीक कर दिया लौकी का रस पिला कर ही। जिनमें डॉक्टर भी है।
वागभट्ट जी कहते हैं कि रक्त की अम्लता कम करने की ताकत सबसे ज्यादा लोकी मे ही होती है। लोकी का रस सुबह के टाइम नाश्ते में 200gm पीने से रक्त अम्लता न्यूट्रल हो जाती है। यदि इसका क्षारपन और भी बढ़ाना हो तो तुलसी या पुदीने का रस इसमें मिलाकर पिया जा सकता है। इसके साथ काला नमक और सेंधा नमक भी क्षारीय होता है, आप रस में ये नमक भी ड़ाल सकते है। जबकि बाजार में उपलब्ध आयोडीन नमक अम्लीय होता है।
यदि आप लोकी के रस में तुलसी और पुदीने का रस मिलाकर काला नमक या सेंधा नमक ड़ालकर लगातार पीते है, तो 3 महीने के अंदर आपका ब्लॉकेज दूर हो जाएगा और हार्ट अटैक की सम्स्या खत्म हो जाएगी।
हार्ट अटैक और हृदय की सभी रोगों को दूर करने में वरदान है ये औषधि
Reviewed by Chandra Sharma
on
September 21, 2020
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