खड़े होकर खाना खाने के नुकसान

खड़े होकर खाना खाने के नुकसान

* खाना हमेशा जमीन पर बैठकर ही खाएं: वागभट्ट जी कहते हैं कि खाना आप जब भी खाएं तो जमीन पर बैठकर ही खाएं। इससे आपके शरीर को बहुत फायदा होता है। आयुर्वेद में इसको सुखासन कहा जाता है। 
   वागभट्ट जी कहते हैं कि जब आप खाना जमीन पर बैठकर  खाते हैं। तब आपके शरीर की जठर अग्नि की तीव्रता सबसे ज्यादा मेंटेन रहती है। हालांकि इस अग्नि की तीव्रता अधिक रहती है। लेकिन सुखासन की स्थिति में बिल्कुल मेंटेन रहती है।

      आप यदि कुर्सी पर बैठते हैं तो इसकी तीव्रता और कम हो जाती है और यदि खड़े होते है, तो इसकी तीव्रता और भी कम हो जाती है। इसका कारण यह होता है, कि हमारे शरीर में कई चक्र होते हैं। एक चक्र मानव शरीर में पीछे होता है, जहां पर हिप ज्वाइंटस और मन के ज्वाइंटस मिलते है। यह सबसे महत्वपूर्ण चक्र होता है। ये प्रदीप्त होता है, तभी मन दीप्त होता है और इसका जठर पर बिल्कुल सीधा असर होता है और ये असर यदि आप महसूस करना चाहते हैं, तो केवल जमीन पर बैठकर ही खाएं।

      बैठने का तरीकें में भोजन की थाली को चौकी पर रखकर और खुद जमीन पर बैठकर ही खाए। वागभट्ट जी ने इसके अलावा एक और आसन बताया है जिसमें बैठकर आप खाना खा सकते हैं। वो है, जैसे- गाय का दूध निकालते हुए हम लोग बैठते हैं, उस स्थिति में भी हम बैठकर खाना खा सकते हैं। 

    लेकिन यह उन लोगों के लिए है, जो श्रम ज्यादा करते हैं। जो सबसे ज्यादा अच्छा माना जाता है और जो व्यक्ति परिश्रम थोड़ा कम करते हैं, वह लोग जमीन पर बैठकर यानी सुखासन की स्थिति में ही बैठकर खाना खाएं।
खड़े होकर खाना खाने के नुकसान खड़े होकर खाना खाने के नुकसान Reviewed by Chandra Sharma on August 28, 2020 Rating: 5

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