pudina ke fayde / पुदीना के फायदे और इसके औषधीय गुण

नमस्कार मित्रों
आज के इस आर्टिकल में हम बात कर रहे हैं पुदीने pudina ke fayde की। यह सभी जगह पर आसानी से मिल जाता है। ज्यादातर लोग पुदीने की चटनी बना कर खाना पसंद करते हैं। मगर पुदीने के अंदर बहुत से ऐसे औषधीय गुण पाए जाते हैं जो हमारी बहुत सी बीमारियों को दूर करने में हमारी बहुत ज्यादा मदद करते हैं। इसीलिए बहुत सी औषधियों में पुदीने की पत्ती व पुदीने के पंचांग का इस्तेमाल किया जाता है।
इसी पुदीने से सत्व तैयार किया जाता है जिस सत्व को बहुत से कफ सिरप में डाला जाता है। तेल में डाला जाता है। टूथपेस्ट में डाला जाता है। टॉफी में डाला जाता है। साबुन में इस्तेमाल किया जाता है और टेलकम पाउडर में इस्तेमाल किया जाता है। बहुत सी ऐसी इचिंग वाली जो क्रीम होती है उन क्रीमों में भी उसका इस्तेमाल किया जाता है। खारिश खुजली हो जाती है तो लगाते है। यहां तक कि माउथ फ्रेशनर में और बहुत सी ऐसी औषधियों में, बहुत सी ऐसी बाहरी प्रयोग वाली चीजों में इसको डालकर सुगंधित बनाया जाता है क्योंकि इसके अंदर एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जिससे बहुत सी बीमारियों को दूर किया जाता है।

इसके अंदर मेंथोल पाया जाता है। विटामिन सी पाया जाता है। इसके अंदर बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। वायरस को खत्म करने के लिए एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं और तो और इसको चटनी के रूप में खाते है।

इसकी पत्तियों को तोड़कर सुखाकर रख लिया जाता है और जब भी कभी पेट से संबंधित बीमारियां तंग करती है। उसमें इसका इस्तेमाल किया जाता कौन हैं। कौन सी बीमारी में कैसे इस्तेमाल करना है? कब इस्तेमाल करना है? खाना खाने से पहले या खाना खाने के बाद?  इस आर्टिकल में आपको अच्छे से बताऊंगा।

pudina ke fayde / पुदीना के फायदे और इसके औषधीय गुण

1. पुदीने की तासीर

अब मैं आपको इसकी तासीर बताता हूं। इसकी तासीर गर्म होती है। यह हमारे वात विकारों में या वात से होने वाली बीमारियों में बहुत इस्तेमाल किया जाता है। कफ से होने वाली बीमारियों में बहुत इसका इस्तेमाल किया जाता है और बहुत अच्छा लाभ भी मिलता है।

2. पुदीने की मात्रा कितनी लेनी चाहिए

अब मैं आपको इसकी मात्रा बता देता हूं। इसकी पत्तियों की जो हम चटनी बनाकर खाते है। पांच से 10 ग्राम मतलब एक चम्मच से दो चम्मच तक हम इसका इस्तेमाल चटनी के रूप में कर सकते हैं। अगर इसकी पत्तियों को हम सुखाकर उसका पाउडर बनाकर इस्तेमाल करते हैं तो 3 से 6 ग्राम तक इसकी मात्रा बताई गई है। लगभग आधा चम्मच से लेकर चम्मच तक हम सुबह और आधा चम्मच से एक चम्मच श्याम को मतलब दिन में दो बार इसका इस्तेमाल करके लाभ उठा सकते हैं। कई बीमारियों में तीन बार भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। कौन सी बीमारियों में किया जाता है?  मैं आपको इस आर्टिकल में अच्छे से बताऊंगा ताकि आप उसी ढंग से इसका इस्तेमाल करके लाभ उठा सकें।

3. दस्त को रोकने में सहायक

कई बार ऐसा होता है कि हमें गलत खान-पान के कारण क्या होता है कि हमारे आमाशय में आंतों में संक्रमण हो जाता है। जिसकी वजह से में दस्त, पेचिश लग जाते हैं और शरीर में तेजी से पानी की कमी होने लग जाती है और कमजोरी आने लग जाती है। उस स्थिति में आप इसका इस्तेमाल चटनी के रूप में भी कर सकते हैं और इसकी पत्तियों को पीसकर एक कप पानी में एक चम्मच डालकर उसे अच्छे से उबाले जब पानी उबाल उबल कर आधा रह जाए। तब इसे नीचे उतारकर छानकर इसमें स्वादानुसार देसी खांड या थोड़ा सेंधा नमक दोनों में से कोई एक चीज मिलाकर इस को दिन में दो से तीन बार इस्तेमाल करने से दस्त व पेचिश बिल्कुल ठीक हो जाते हैं और आमाशय अंतरियो में जो हमारे सूजन और इंफेक्शन होता है वह दूर हो जाता है।

4. जलजीरा के रूप में स्वादिष्ट व्यंजन

इसकी पत्ती पति को तोड़कर पीस के पानी में घोलकर और भुना हुआ जीरा उसमें डाल के स्वाद अनुसार उसमें नमक या मीठा कुछ भी मिलाकर इस्तेमाल किया जाता है जिसे जलजीरा के नाम से जाना जाता है।

5. मूत्र संक्रमण को दूर करने में लाभदायक

कई बार क्या होता है। बहुत से लोगों को बार-बार मूत्र संक्रमण की शिकायत हो जाती है जिसे यूटीआई इनफेक्शन बोलते हैं। ऐसे लोगो को मूत्र जलन के साथ आता है या मूत्र बार-बार आता है। ये लोग बहुत परेशान होते हैं। तो ऐसे लोगों को कहना चाहूंगा। पुदीने की पत्ती को अच्छी तरह पीसकर चटनी बना ले और एक गिलास पानी में एक चम्मच चटनी डाल कर आधा नींबू का रस डालें और स्वाद अनुसार उसमें सेंधा नमक कि उसे जलजीरे के रूप में इस्तेमाल करने से मूत्राशय की थेली में या मूत्र पथ में कहीं भी संक्रमण होता है जिसे यूटीआई बोला जाता है। अर्थात यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन यह बिल्कुल खत्म हो जाता है और पेशाब की जलन वगैरह पेशाब भी खत्म हो जाती है। पेशाब बिल्कुल खुलकर आता है। पेशाब में कभी भी जलन वगैरह नहीं होती और यूटीआई इन्फेक्शन होना भी बंद हो जाता है।

6. मुंह की बदबू को दूर करने में सहायक

कई बार आपने देखा होगा बहुत से लोग आसपास में बैठ जाते हैं और जब वह बोलते हैं तो उनके मुंह से बदबू आती है। तो बड़ी परेशानी होती है और मजबूरी भी होती है। सामने वाले को कैसे कहें? अरे आपके मुंह से बदबू आ रही है। तो ऐसे लोग अगर पुदीने की पांच से छह पत्ती मुंह में डालकर चबाएं तो उनके मुंह से बदबू आने बंद हो जाती है क्योंकि ज्यादातर लोगों को पेट की खराबी के कारण या पायरिया की शिकायत के कारण मुंह से बदबू आती है। यह पायरिया को भी ख़त्म करता है और पेट की खराबी को भी दूर करने में हमारी मदद करता है।

अगर पत्ती चबाने में कोई आपत्ति हो तो कोई दिक्कत नहीं। उसका भी हल बताता हूं। एक कप पानी में इसकी 10 पत्तियां डाल कर अच्छे से पका लें और आधा कप रह जाने पर नीचे उतार कर ठंडा होने पर अच्छे से कुल्ला करें और उसे फेंक दें या कई लोग इसको पी भी जाते हैं। फेक भी सकते हैं या पी भी सकते है। जैसे आपको अच्छा लगे वैसे करके इसका लाभ उठा सकते हैं। तो उसको करने से भी क्या होता है कि हमारे मुंह से बदबू हमारे नहीं आती है। अब तीसरा इसकी पत्तियों को छाया में सुखा लें और उसका पाउडर बना लें। उसका पाउडर जब बन जाए तो उंगली की सहायता से उसमें हल्का सा सेंधा नमक मिलाकर उंगली की सहायता से सुबह-शाम दांतों पर मालिश करें। मसूड़ों पर मालिश करने से क्या होता है कि पायरी की शिकायत बिल्कुल जड़ से खत्म हो जाती है। मुंह से बदबू आना दूर हो जाती है।

7. पिंपल्स और चेहरे के दाग धब्बों को हटाने में सहायक

जिन लोगों को चेहरे पर बार-बार पिंपल्स निकल जाते हैं। जगह-जगह काले दाग हो जाते है। जिससे झाइयां बोला जाता है या जगह-जगह खारिश खुजली की शिकायत होती है। तो उन लोगों को कहना चाहूंगा। पुदीने की पत्ती की चटनी बनाकर उसको कपड़े में डालकर उसका रस निकाल ले और जितना रस है मान के चलिए की दो चम्मच पुदीने की पत्ती का रस निकाल लिया। उसमें दो चम्मच आपने एलोवेरा का रस मिलाकर उसमें रूई डूबो के चेहरे पर या ऐसी जगह पर जहां आपको समस्या हो। वहां लगाकर आधा घंटा छोड़ दे। आधे घंटे बाद हल्के गुनगुने पानी से धो दें। तो खारिश खुजली में, पिंपल्स में, काले दाग में बहुत अच्छा लाभ मिलता है।

8. वात प्रकृति के लोगों के लिए वरदान

जिन लोगों का वात प्रकृति वाला शरीर है और गलत खान-पान के कारण गलत रहन-सहन के कारण उनका वात दोष बढ़ गया है। जिसकी वजह से वह परेशान रहते हैं। पेट में हमेशा भारीपन रहता है। शरीर में हमेशा थकावट या दर्द की शिकायत रहती है। तो ऐसे लोगों को कहना चाहूंगा कि आप पुदीने की पत्ती का काढ़ा इस्तेमाल करने से बहुत अच्छा लाभ मिलेगा आपको। सुबह शाम इसका इस्तेमाल करें और खाना खाने के बाद इस्तेमाल करें। क्या करना है आपने, पुदीने की सूखी हुई पत्तियां लेनी है। एक चम्मच पत्ती लेकर एक कप पानी में डालकर उसे अच्छे से पकाना है। जो उबल उबल कर पानी आधा कप रह जाए। तो उसे नीचे उतार के उसमें स्वाद अनुसार देसी खांड या धागे वाली मिश्री का पाउडर या आप स्वाद अनुसार उसमें सेंधा नमक तीनों में से कोई एक चीज मिलाकर सुबह-शाम खाना खाने के बाद इस्तेमाल करने से सभी तरह के वात विकारों में लाभ मिलता है। वात विकार में शरीर में दर्द, अकड़ आहट और पेट में, शरीर में भारीपन ज्यादा तंग करता है क्योंकि वात के गुण ही यही है। तो इस प्रयोग से वह वात जो बढ़ गया है आपका दोस्त बन जाएगा। वह धीरे-धीरे अपनी संतुलित मात्रा में आकर वात प्रकृति में बदल जाता है और आप बिल्कुल ठीक हो जाते हैं।

9. कफ प्रकृति के लोगों के लिए भी फायदेमंद

जिन लोगों का कफ वाला शरीर है और कई बाहरी कारण से, अंदरूनी कारण से, गलत खान-पान के कारण, गलत रहन-सहन के कारण क्या होता है कि कफ बड़ जाने से कफ दोष में बदल जाता है। जिससे गले में खराश, छाती में बलगम, शरीर के जोड़ों में ढीलापन शरीर में कमजोरी बहुत ज्यादा महसूस होती है। ऐसे लोगों को कहना चाहूंगा कि पुदीने की पत्ती को पीसकर पेस्ट बना लें। एक चम्मच पेस्ट को एक कप पानी में डाल कर अच्छे से उबाल लें। उबल उबल कर जब पानी आधा कप रह जाए। उसे नीचे उतार कर ठंडा होने पर जब बिल्कुल ठंडा हो जाए। उसमें आप देसी खांड या शहद दोनों में से कोई एक ही स्वाद अनुसार मिलाकर सुबह-शाम भोजन के आधे घंटे बाद इस्तेमाल करने से बड़ा हुआ जो कफ दोष है वह कम हो जाता है। संतुलित मात्रा में आ जाते हैं और कफ प्रकृति में बदल जाता है जिससे कफ प्रकृति वाला अपने आप को निरोग महसूस करता है।

10. शरीर की गर्मी को शांत करने वाला

जिन लोगों के शरीर में हमेशा भड़क निकलती है। मुंह बार-बार सूखता है। बार-बार पानी की प्यास लगती है। हाथों से पैरों से ऐसे लगता है कि आग की लपटें निकलती है। मन करता ठंडी वस्तुओं पर हाथ रखु। ऐसे लोगों को कहना चाहूंगा। एक गिलास पानी में पुदीने की पत्ती की पेस्ट बनाकर, एक चम्मच पेस्ट उस पानी में घोलकर स्वादानुसार सेंधा नमक या देशी खांड दोनों में से कोई एक चीज मिलाकर सुबह खाली पेट और शाम को खाना खाने से आधा घंटा पहले इस्तेमाल करने से सभी तरह के दाव विकार में बहुत अच्छा लाभ मिलता है। हाथ पैर से भड़क निकलना, प्यास लगना ,ज्यादा पसीना आने में बहुत अच्छा लाभ मिलता है और यह सभी तकलीफ धीरे-धीरे दूर होते चली जाती है।

11. बाल झड़ने की समस्या को रोकने वाला

जिन लोगों के बाल झड़ रहे हैं। बालों की जड़ों में घुसी बहुत ज्यादा तंग करते जिसे डैंड्रफ के नाम से जानते हैं और तरह-तरह के केमिकल का इस्तेमाल करते है। मगर वह डैंड्रफ खत्म नहीं होता है। धीरे-धीरे बालों की जड़ें कमजोर होकर झड़ रही है। ऐसे लोगों को कहना चाहूंगा। पुदीने की पत्ती का पेस्ट बनाकर बालों की जड़ों में लगाएं। आधा घंटा छोड़कर उसको धो दें। ऐसा करने से बालों की जड़ों में जमा जो डैंड्रफ है वह खत्म हो जाएगा और बालों की जड़ों को ताकत मिलेगी और बालों की ग्रोथ भी अच्छी होने लग जाएगी। इसका इस्तेमाल एक हफ्ते में सिर्फ तीन बार इसका इस्तेमाल करने से बहुत अच्छा लाभ मिलता है।

12. सिर दर्द और माइग्रेन को दूर करने में सहायक

जिन लोगों के बार बार सिर में दर्द रहता है या माइग्रेन के दर्द से परेशान हैं। ऐसे लोगों को कहना चाहूंगा कि पुदीने की पत्ती चाहे गीली है चाहे सुखी है। सौ ग्राम पुदीने की पत्ती में 400 ग्राम नारियल का तेल मिलाकर किसी भी बर्तन में डालकर ढक्कन लगा दें। उस बर्तन का ढक्कन होना चाहिए और उसे धूप में छोड़ दे। 7 दिन तक ऐसा पड़ा रहने दे धूप में। आठवें दिन उसे लाकर किसी कपड़े में छानकर उस तेल को सुरक्षित रख ले। अब जैसे ही सिर में दर्द हो तो माथे में, सिर में तेल लगा सकते हैं। सिर के दर्द में बहुत अच्छा लाभ मिलेगा। यह तो हो गया मालिक का तरीका। इसी तेल को रूई की सहायता से या ड्रॉपर की सहायता से नाक में डालकर तीन बूंद बूंद दालें। ऐसा करने से क्या होता है कि सिर की नसों में जो कमजोरी है या सूजन है। जिसकी वजह से बार-बार सिर में दर्द होता है। बार बार माइग्रेन से परेशान रहते है। तो इस प्रयोग से यह रोग बिल्कुल दूर होता चला जाएगा और आप बिल्कुल स्वस्थ होते चले जाएंगे।

13. मुंह के छालों को दूर करता है

जिन लोगों के बार बार मुंह में छाले हो जाते हैं। मैं उनको बता दूं कि पेट की गर्मी के कारण छाले होते हैं। शरीर में विटामिन की कमी के कारण छाले होते हैं और सबसे बड़ी बात मैंने आपको बताया था पुदीने के अंदर विटामिन सी पाया जाता है तो इस को पीसकर पेस्ट बनाकर एक चम्मच इसका पेस्ट 1 गिलास पानी में घोलकर कुल्ला करके उसे फेंक देने से मुंह के छालों में लाभ मिलता है और दूसरे तौर पर इसका जो जलजीरा मैंने आपको बताया है तरीका तो उसको जलजीरे के रूप में ना इस्तेमाल करें। सिर्फ इसके पत्ती का पेस्ट बनाएं और एक गिलास पानी में वह पेस्ट देसी खांड एक चम्मच या धागे वाली जो मिश्री होती है। उन दोनों में से कोई एक चीज डालके उसको पीने से बहुत अच्छा लाभ मिलता है और पेट की गर्मी भी शांत हो जाती है और बार बार मुंह में छाले पड़ते हैं। वह दूर हो जाते हैं।

14. अस्थमा की समस्या को दूर करने में सहायक

जिन लोगों को अस्थमा एलर्जी की शिकायत होती है। बार-बार इनहेलर लेने की जरूरत पड़ती है। भाप लेने की जरूरत पड़ती है। तो मैं ऐसे लोगों को कहना चाहूंगा कि पुदीने की पत्ती को लेकर छाया में सुखाकर रख लें और जब वह सूख जाए। उसको पाउडर बनाकर रख लें और हल्दी की गांठ और सोंठ यह भी बराबर मात्रा में लेकर अर्थात 50 ग्राम हल्दी की गांठ 50 ग्राम आपने सोंठ लेनी है। इसको भी पीस के और पाउडर बनाकर किसी डिब्बे में डाल के रख ले। अब एक कप पानी में चौथाई चम्मच पुदीने का पाउडर और चौथाई चम्मच हल्दी और सोंठ का पाउडर उस में डाल कर अच्छे से पका लें। जब उबल उबल कर पानी आधा कप रह जाए। उसे नीचे उतार के छानकर उसमें स्वादानुसार शहद मिलाकर चाय की तरह पीने से अस्थमा एलर्जी में बहुत अच्छा लाभ मिलता है।

दूसरा इसका तरीका यह है कि अमृतधारा बनती है। इसका जो मैंने आपको बोला पेपर मिंट बनता है। इसे इसे सत्व पुदीना भी कहा जाता है। वह आपने क्या करना है कि 10 ग्राम पुदीना सत्व लेना है 10 ग्राम सत्व अजवायन लेना है 10 ग्राम सत्व कपूर जिसे भीमसेनी कपूर बोलते हैं। यह तीनों चीजें लेकर एक कांच के बोतल में डाल के रख ले और एक ही दिन में देखेंगे कि बिल्कुल लिक्विड फॉर्म में अपने आप आ जाएगा। इस मिश्रित सत्व की 3 से 6 बूंद एक कप पानी में डालकर उसे उबालना है। जब उबलेगा तो उसमें से जो भाप उठेगी। वह भाप आपने लेनी है। मुंह से बाप लेनी है और नाक से छोड़नी है। मुंह से भाप लेने से बहुत अच्छा लाभ मिलता है। 

इसी तरह अमृतधारा को रुमाल में दो से तीन बूंद छिड़क के नाक से या मुंह से सांस लेने से भी बहुत अच्छा आराम मिलता है। जूकाम में, सर्दी में और निमोनिया में बहुत अच्छा अमृत धारा से लाभ उठाया जाता है। निमोनिया में या अस्थमा एलर्जी में, जुकाम में अमृत धारा की 6 बूंद एक चम्मच गरम देसी घी में मिलाकर माथा, नाक, गला, छाती, पसली, पीठ पर अच्छे से मालिश करने से अस्थमा में, एलर्जी में, जुकाम में, निमोनिया में, साइनस में सब तरह के कफ विकारों में बहुत अच्छा लाभ मिलता है और वायरल इंफेक्शन या वायरस इन्फेक्शन से भी होने वाले जुकाम में सभी तरह के जैसे साइनस में निमोनिया में, छाती जाम हो जाने में भी अमृतधारा की मालिश करने से बहुत अच्छा लाभ मिलता है।

15. महिलाओं के मासिक धर्म की समस्याओं को दूर करने में लाभदायक

जिन महिलाओं को मासिक धर्म के समय पेट में दर्द होता है और वे बहुत परेशान होती हैं। तो ऐसी महिलाओं को कहना चाहूंगा कि पुदीने की सूखी पत्तियां एक चम्मच लेना है और अजवाइन आपने एक चम्मच लेना है और एक कप पानी में डाल कर अच्छे से उबालना है। जब पानी उबाल उबाल के आधा कप रह जाए। उसे नीचे उतार के उस में छानकर उसमें स्वाद अनुसार सेंधा नमक या शहद दोनों में से कोई एक ही डाल के सुबह-शाम खाना खाने के 1 घंटे बाद इस्तेमाल करने से बहुत अच्छा लाभ मिलता है। उस समय सिंपल गर्म पानी से भी इसकी सिकाई करें और यह जो मैंने आपको काढ़ा बनाएं बताया है। वह बनाकर सुबह-शाम इस्तेमाल करने से बहुत अच्छा लाभ मिलता है और आपको पेन किलर की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।

16. संग्रहणी रोग को ठीक करने में लाभदायक

जिन लोगों को आईबीएस की शिकायत है। जिस हम संग्रहनी कहते हैं या इरिटेबल बाउल सिंड्रोम के नाम से जाना जाता है। उनकी आंते ठीक ढंग से काम नहीं करती है। पाचन नहीं करती है ढंग से। जिसकी वजह से उनका पेट ठीक रहता नहीं है और दिन प्रतिदिन दिन प्रतिदिन हड्डियों में और शरीर में कमजोरी आती चली जाती  है और मल त्याग करने के लिए उनको कई बार जाना पड़ता है। ऐसे लोगों के लिए दिन में भोजन के साथ एक चम्मच चटनी जरूर इस्तेमाल करें और आपको बहुत अच्छा लाभ मिलेगा और अंतरिया भी ताकतवर होती चली जाएंगी। पाचन शक्ति भी बढ़ती चली जाएगी और आईपीएस की शिकायत भी दूर होते चली जाएगी।

17. गठिया बाय के रोगों को ठीक करने में सहायक

जिन लोगों को बार-बार जोड़ों में दर्द व सूजन तंग करती है। चाहे वह रूमेटाइड अर्थराइटिस के कारण है चाहे वह ओस्टियोआर्थराइटिस के कारण या मांस पेशियों में ऐठन आ गई है। सूजन आ गई है। दर्द से परेशान हैं। ऐसे लोगों को कहना चाहूंगा 100 ml तिल का तेल लेना है।  उस में अपने 20 ग्राम पुदीना सत्व लेना है और 20 ग्राम कपूर सत्व लेना है और 20 ग्राम अजवायन सत्व लेना है और उसमें मिलाकर किसी शीशी में डालकर रख लें और आप देखेंगे कि अगले ही दिन वह तेल बनकर तैयार हो जाएगा। शरीर में कहीं भी मांसपेशियों का दर्द है जोड़ों का दर्द है आप उसमें मालिश करेंगे तो आपको 100 परसेंट आराम मिलेगा और आपको किसी भी पेन किलर की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी।

निष्कर्ष

मित्रों, पुदीने के इतने सारे फायदे pudina ke fayde जानने के बाद को पुदीने का इस्तेमाल विशेष रूप से गर्मियों में जरूर करना चाहिए। भारत में अधिकतर पुदीने का प्रयोग चटनी के रूप में किया जाता है। हमने अक्सर देखा है कि गर्मियों में अपच, गैस पेट दर्द, भूख न लगना, एसिडिटी आदि समस्याएं हो जाती हैं। खाने के साथ पुदीने की चटनी का प्रयोग करने से यह समस्या नहीं होती है। पुदीने के बहुत फायदे हैं। इसके साथ ही पुदीने के 1-2 दोष भी हैं। सबसे पहला ध्यान रखने वाली बात यह है कि आवश्यकता से अधिक इसका इस्तेमाल ना करें। दूसरा जिन लोगों को पित्त की थैली में सूजन है या पित्त की थैली में पथरी की समस्या है। ऐसे लोगों को पुदीने का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। जिन लोगों को गुर्दे में संक्रमण है या किसी भी तरीके की खराबी है गुर्दे में। उन लोगों को भी पुदीने का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
धन्यवाद।
pudina ke fayde / पुदीना के फायदे और इसके औषधीय गुण pudina ke fayde / पुदीना के फायदे और इसके औषधीय गुण Reviewed by Chandra Sharma on June 17, 2020 Rating: 5

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