Prepaid Smart Meter: भारत में जब से केंद्र में भाजपा की सरकार बनी है, तब से देश को आधुनिकता की ओर ले जाने का काम जोर शोर से किया जा रहा है। इस श्रे में सबसे पहले डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दिया गया था, तो वहीं अब देश भर में प्रीपेड स्मार्ट मीटर (Prepaid Smart Meter) लगाए जाने की तैयारी चल रही है।
यह स्मार्ट मीटर सामान्य बिजली के मीटर से बिल्कुल अलग होंगे, जिन्हें हर महीने रिचार्ज करवाने अनिवार्य होगा। इस स्मार्ट मीटर को आप मोबाइल रिचार्ज की तरह समझ सकते हैं, जिसमें बैलेंस रहने तक आप सेवाओं यानि बिजली का लाभ उठा सकते हैं। तो आइए विस्तार से जानते हैं स्मार्ट मीटर के बारे में, जो साल 2025 तक हर घर की शान बन जाएगा।
क्या है प्रीपेड स्मार्ट मीटर? (What is Prepaid Smart Meter?)
भारत में बिजली चोरी की समस्या बहुत ज्यादा होती है, जिसकी वजह से बिजली मंत्रालय को हर साल काफी नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में केंद्र सरकार ने बिजली मंत्रालय की सलाह पर प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का प्रस्ताव स्वीकार किया है, जो बिजली चोरी के मामलों में कमी लाने के साथ साथ नुकसान की भरपाई करने का काम करेगा।
दरअसल बिजली मंत्रालय की तरफ से यह सुझाव दिया गया था कि प्रत्येक राज्य में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगवाए जाए, जिन्हें हर महीने रिचार्ज करना अनिवार्य होगा। ऐसे में जब तक स्मार्ट मीटर में रिचार्ज होगा, बिजली विभाग द्वारा पावर की सप्लाई जारी रहेगी। वहीं जब रिचार्ज खत्म हो जाएगा, तो पावर सप्लाई को तुरंत बंद कर दिया जाएगा।
यह स्मार्ट मीटर का कंसेप्ट बिल्कुल मोबाइल या टीवी रिचार्ज पर आधारित है, जिसमें ग्राहक रिचार्ज होने पर तमाम सेवाओं का लाभ उठा सकता है और रिचार्ज खत्म होने पर कंपनी द्वारा सेवाएं रोक दी जाती है। बिजली मंत्रालय भी स्मार्ट मीटर के जरिए रिसर्च के बदले पावर सुविधा मुहैया करवाना चाहता है, ताकि बिजली चोरी के मामलों में कमी आए।
स्मार्ट मीटर लगवाने के लिए शुरू होगी योजना
केंद्र सरकार ने हर घर स्मार्ट मीटर लगवाने के लिए ‘रिवेम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम’ शुरू की है, जिसके तहत सबसे पहले छत्तीसगढ़ के रायपुर शहर में प्रीपेड स्मार्ट मीटर (Prepaid Smart Meter) लगवाने का काम शुरू किया जाएगा। इस मेगा प्रोजेक्ट को लेकर केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से 31 दिसंबर 2022 तक बिजली विभाग से जुड़ी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट मांगी है, जिसके बाद देश भर में स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू किया जाएगा।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए छत्तीसगढ़ की तरफ से केंद्र सरकार को सबसे पहले प्रस्ताव भेजा गया था, इसलिए स्मार्ट मीटर लगाए जाने की शुरुआत छत्तीसगढ़ राज्य से की जाएगी। इस मेगा प्रोजेक्ट के तहत केंद्र सरकार ने साल 2025 तक पूरे भारत में स्मार्ट मीटर लगवाने की समय सीमा निर्धारित की है, जिसमें 9,500 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।
कृषि कनेक्शन योजना से बाहर
रिवेम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के तहत कृषि कनेक्शन को बाहर रखा जाएगा, क्योंकि राज्य सरकार की तरफ से किसानों को पहले से ही सब्सिडी पर बिजली उपलब्ध करवाई जाती है। ऐसे में कृषि कार्य से जुड़े बिजली के मीटर को स्मार्ट मीटर से नहीं बदला जाएगा और उन्हें इस मेगा स्कीम से बाहर रखा गया है।
इन जगहों पर सबसे पहले लगेंगे स्मार्ट मीटर
आपको बता दें कि इस स्कीम के तहत उन राज्यों और शहरों में स्मार्ट मीटर सबसे पहले लगाए जाएंगे, जहां शहरी उपभोक्ताओं की संख्या 50 प्रतिशत से ज्यादा है और जहां बिजली की चोरी की वजह से बिजली मंत्रालय को 15 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान होता है।
जिन राज्यों या शहरों में अर्बन कंज्यूमर ज्यादा होते हैं, वहां घर और ऑफिस समेत दुकानों में कूलर और एसी जैसे उपकरण ज्यादा इस्तेमाल किए जाते हैं। वहीं सकल तकनीकी और वाणिज्यिक (Aggregate Technical And Commercial) यानि AT&C के तहत लोग बिजली की चोरी और बिल का भुगतान करने में हेराफेरी करते हैं।
ऐसे में बिजली मंत्रालय को नुकसान झेलना पड़ता है, जिसकी वजह से देश भर नें प्रीपेड स्मार्ट मीटर (Prepaid Smart Meter) लगाए जाने की योजना शुरू की गई है। केंद्र सरकार की तरफ से साल 2025 तक भारत के लगभग हर घर में स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसके लिए राज्य सरकारों से रिपोर्ट मांगी गई है।
2025 तक हर घर में लगेगा Prepaid Smart Meter, मोबाइल की तरह रिचार्ज करवाने पर सप्लाई होगी बिजली
Reviewed by Aakash Rajput
on
April 01, 2022
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