ऐसे लोगों से दूर ही रहें, यही आपके लिए अच्छा है...
हमारे आसपास रहने वाले लोगों में सभी प्रकार के लोग रहते हैं। कुछ लोग बुद्धिमान होते हैं तो कुछ बुद्धिहीन होते हैं। सभी लोगों का अलग-अलग स्वभाव होता है। इनमें से किन लोगों को हमें अपने साथ रखना चाहिए और किन लोगों को संपर्क नहीं रखना चाहिए इस संबंध में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि-
हमारे आसपास रहने वाले लोगों में सभी प्रकार के लोग रहते हैं। कुछ लोग बुद्धिमान होते हैं तो कुछ बुद्धिहीन होते हैं। सभी लोगों का अलग-अलग स्वभाव होता है। इनमें से किन लोगों को हमें अपने साथ रखना चाहिए और किन लोगों को संपर्क नहीं रखना चाहिए इस संबंध में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि-
मूर्खस्तु परिहत्र्तव्य: प्रत्यक्षो द्विपद: पशु:।
भिद्यते वाक्यशूलेन अद्वश्यं कण्टकं यथा।।
इस श्लोक का अर्थ है कि मूर्ख या बेवकूफ व्यक्ति दो पैर वाला जानवर ही है। अत: ऐसे लोगों को छोड़ देना चाहिए। क्योंकि बुद्धिहीन लोग अक्सर शब्दों के शूल से नुकसान पहुंचाते रहते हैं।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हमारे आसपास कई ऐसे लोग हैं जो अपनी बुद्धि का प्रयोग नहीं करते। ये लोग समय-समय पर मूर्खता पूर्ण कार्य करते रहते हैं। इस प्रकार के मूर्ख या बेवकूफ लोग किसी दो पैर वाले पशु के समान ही है, जिनमें सोचने-समझने की शक्ति नहीं होती है। इन लोगों का आचरण और स्वभाव भी दूषित ही होता है। हमेशा ही मूर्ख लोगों के द्वारा ऐसी बातें कही जाती हैं जो हमें किसी कांटे की चूभन के समान दर्द पहुंचाती है। अत: ऐसे लोगों से हमें दूर ही रहना चाहिए।
भिद्यते वाक्यशूलेन अद्वश्यं कण्टकं यथा।।
इस श्लोक का अर्थ है कि मूर्ख या बेवकूफ व्यक्ति दो पैर वाला जानवर ही है। अत: ऐसे लोगों को छोड़ देना चाहिए। क्योंकि बुद्धिहीन लोग अक्सर शब्दों के शूल से नुकसान पहुंचाते रहते हैं।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हमारे आसपास कई ऐसे लोग हैं जो अपनी बुद्धि का प्रयोग नहीं करते। ये लोग समय-समय पर मूर्खता पूर्ण कार्य करते रहते हैं। इस प्रकार के मूर्ख या बेवकूफ लोग किसी दो पैर वाले पशु के समान ही है, जिनमें सोचने-समझने की शक्ति नहीं होती है। इन लोगों का आचरण और स्वभाव भी दूषित ही होता है। हमेशा ही मूर्ख लोगों के द्वारा ऐसी बातें कही जाती हैं जो हमें किसी कांटे की चूभन के समान दर्द पहुंचाती है। अत: ऐसे लोगों से हमें दूर ही रहना चाहिए।
चाणक्य नीति - ऐसे लोगों से दूर ही रहें, यही आपके लिए अच्छा है...
Reviewed by Naresh Ji
on
March 01, 2022
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