चाणक्य नीति - मौत का दिन, समय और सब कुछ उसी दिन लिखा जाता हैं जब...

मौत का दिन, समय और सब कुछ उसी दिन लिखा जाता हैं जब...
हमेशा से ही ऐसा माना जाता है कि हमारा भाग्य पूर्व निर्धारित होता है। हमें मिलने वाली सभी सुविधाएं, सफलता-असफलता पहले से तय रहती है। आचार्य चाणक्य कहते हैं-

आयु: कर्म च वित्तं च विद्या निधनमेव च।
पंचैतानि हि सृज्यंते गर्भस्थस्यैव देहिन:।।


उम्र, कर्म, पैसा, शिक्षा और मृत्यु का समय यह पांचों बातें उसी समय निर्धारित हो जाती हैं जब व्यक्ति गर्भ में रहता है।

आचार्य चाणक्य कहते हैं जब किसी व्यक्ति का जन्म होता है उसी समय भगवान निर्धारित कर देते हैं कि वह कितने वर्ष जिएगा। व्यक्ति की मृत्यु कब और कैसे होगी? यह जन्म से पहले निर्धारित हो जाता है। कोई व्यक्ति किस प्रकार का कार्य करेगा और कितना धन प्राप्त करेगा यह भी पहले से ही तय रहता है। हमारी शिक्षा भी पूर्व में निश्चित हो जाती है। इन चार बातों के अतिरिक्त हमारी मृत्यु का दिन तक उसी समय निर्धारित हो जाता है जब हम गर्भ में होते हैं। मृत्यु किस प्रकार होगी यह भी पहले से निर्धारित हो जाता है। इन सभी बातों से यही सिद्ध होता है कि हमारा पूरा जीवन पहले से निर्धारित रहता है।

शास्त्रों में इन पांचों बातों के बाद भी यह बताया गया है कि हमारा पहला कर्तव्य है कर्म। कर्म से ही इन पांचों बातों को भी बदला जा सकता है। श्रीकृष्ण ने भी कर्म को ही प्रधान बताया है। अत: व्यक्ति को किसी भी परिस्थिति में कर्म को नहीं छोडऩा चाहिए। हमेशा धर्म के मार्ग पर चलते हुए कर्म करते रहना चाहिए। धार्मिक कर्मों से ही हमारा भाग्य बदल सकता है।
चाणक्य नीति - मौत का दिन, समय और सब कुछ उसी दिन लिखा जाता हैं जब...  चाणक्य नीति  - मौत का दिन, समय और सब कुछ उसी दिन लिखा जाता हैं जब... Reviewed by Naresh Ji on March 01, 2022 Rating: 5

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