किसी की गलतियों के गड़े मुर्दे मत उखाड़िये, यदि वह व्यक्ति सुधरना चाहता है तो उसकी हृदय से हर सम्भव मदद कीजिये।*

किसी की गलतियों के गड़े मुर्दे मत उखाड़िये, यदि वह व्यक्ति सुधरना चाहता है तो उसकी हृदय से हर सम्भव मदद कीजिये।*


मनुष्य अनगढ़ व गलतियों का पुतला होता है, लेक़िन भूलवश या आवेशग्रस्त गलती करके सुधारने वाला और भविष्य में वह गलती न दोहराने वाला महान होता है।




यदि कोई सच्चे मन से सुधरने का प्रयास करे, तो उसकी सहायता करें। उसकी पिछली गलतियों को याद करा करा के उसे अपमानित न करें। जब भगवान बुद्ध व भगवान नारद ने क्रमशः अंगुलिमाल व रत्नाकर डाकू को सुधरने का अवसर दिया है। तो हमें भी उनकी तरह लोगो को सुधरने का मौका देना चाहिए, उनकी सहायता करनी चाहिए।


विश्वामित्र को उनके पिछले दोष नहीं गिनाए जाते, अपितु उनके सुधरने व तपस्वी बनने के बाद किये उनके महान योगदान के लिए याद किया जाता है। 


गड़े मुर्दे किसी की गलतियों के मत उखाड़िये, यदि वह व्यक्ति सुधरना चाहता है तो उसे मदद कीजिये। यही युगनिर्माण है, अनगढ़ को सुगढ़ बनाना, बिगड़े को सुधरने में सहायक बनना। 

किसी की गलतियों के गड़े मुर्दे मत उखाड़िये, यदि वह व्यक्ति सुधरना चाहता है तो उसकी हृदय से हर सम्भव मदद कीजिये।* किसी की गलतियों के गड़े मुर्दे मत उखाड़िये, यदि वह व्यक्ति सुधरना चाहता है तो उसकी हृदय से हर सम्भव मदद कीजिये।* Reviewed by Naresh Ji on March 07, 2022 Rating: 5

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