सही है या गलत, समझ नहीं आता, क्योंकि..

सही है या गलत, समझ नहीं आता, क्योंकि..

जीवन को सफल और सुखी बनाने के लिए अहम होता है - निर्णय। किंतु फैसला करने के लिए जरूरी है सही और गलत की समझ, जिसे विवेक कहते हैं। विवेक के अभाव में अच्छे या बुरे की पहचान करना मुश्किल हो जाता है। जिसके नतीजे में मिली असफलता जीवन में कलह और अशांति ला सकती है। क्या आप जानते हैं कि वक्त आने पर सही फैसला न ले पाने की कमजोरी आपके स्वभाव में मौजूद होती है। जानते हैं वह दोष और उससे बचने का उपाय-

यह ऐसी कमजोरी है जो धर्म के नजरिए से दोष भी मानी गई है। यह दोष है - क्रोध यानी गुस्सा। जी हां, क्रोध वह कारण है, जिससे विवेक खो जाता है। हिन्दू धर्म ग्रंथ गीता में क्रोध को दोष मानकर लिखा गया है -

क्रोधाद्भवति सम्मोह:।

जिसका सरल शब्दों में मतलब है क्रोध से विवेक यानी बुरे या भले को समझने वाली बुद्धि खत्म हो जाती है। जिससे अंत में नुकसान ही हाथ लगता है। यहां सवाल ये उठता है, कि क्रोध से कैसे बचें? जवाब है अगर क्रोध से बचना है तो इंसान इन दो उपायो को अपनाएं -

शास्त्रों के मुताबिक गुस्सा पैदा होने का कारण ज्ञान की कमी होती है। वहीं इसके बढऩे का कारण अभिमान होता है। इसलिए अगर जीवन में लगातार तरक्की और सुखों की चाहत है तो हर इंसान को हर तरह के ज्ञान को पाने की भरसक कोशिश करना चाहिए। साथ ही घमंड से बचकर भी रहे। इन दो उपायों से क्रोध भी काबू में रहेगा और सही क्या? गलत क्या? की समझ भी बनी रहेगी।

सही है या गलत, समझ नहीं आता, क्योंकि.. सही है या गलत, समझ नहीं आता, क्योंकि.. Reviewed by Naresh Ji on February 11, 2022 Rating: 5

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