गृहस्थी पर संकट का संकेत हैं ये 6 बातें

गृहस्थी पर संकट का संकेत हैं ये 6 बातें

हिन्दू धर्मशास्त्रों की दृष्टि से गृहस्थ जीवन चार पुरुषार्थों को पाने का अहम चरण है। सुखी, शांत और लंबे गृहस्थ जीवन के लिए आपसी विश्वास, सहयोग, संतोष, मन और विचारों में तालमेल जैसी बातें जरूरी होती है। चूंकि काल पर किसी का काबू नहीं होता, इसलिए अच्छा या बुरा समय भी गृहस्थ जीवन में आता है। जिसके लिए हर व्यक्ति को पूरी तरह से तैयार रहना चाहिए। शास्त्रों में कुछ ऐसी ही बातें लिखी हैं जो व्यक्ति को परिवार पर आने वाले संकट के संकेत देती हैं। जिनको पहचान कर समय रहते गृहस्थी को कलह से बचाया जा सकता है।


जानते हैं वह 6 बातें जिनसे गृहस्थ जीवन में उथल-पुथल मच सकती हैं -

बुद्धिहीन पुत्र - ऐसे पुत्र के गलत कामों, खराब आचरण और गंदे चरित्र से परिवार भी लज्जित और संकट में पड़ जाता है।

कलहप्रिय स्त्री - अशांत स्वभाव की स्त्री से घर में कलह पैदा होता है। आपसी कटुता से गृहस्थी की गाड़ी डगमगा जाती है।

रोग - बार-बार बीमारी का प्रकोप परिवार के हर सदस्य पर मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से बुरा असर डालता है।

दारिद्रय - घर या परिवार के सदस्यों में किसी भी रूप में अपवित्रता दरिद्रता के संकेत है, जिससे परिवार विपत्तियों में पड़ सकता है।

कुअन्न का भोजन - आहार शुद्धि ही तन, मन, व्यवहार और विचार को पवित्र बनाती है। किंतु घर में अशुद्ध या मांसाहार भोजन के रूप में अपवित्रता परेशानियों का कारण बन सकती है।

कलंक - परिवार और व्यक्ति की प्रतिष्ठा व मान-सम्मान एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। इसलिए किसी भी व्यक्ति के गलत आचरण, चरित्र से लगा कलंक परिवार में बिखराव ला सकता है।

धर्म उपदेशों में बताई इन बातों को अगर आप भी गृहस्थ जीवन में घटता देखें तो सावधान होकर इनको सुलझाने की हर संभव प्रयत्न करे।

गृहस्थी पर संकट का संकेत हैं ये 6 बातें गृहस्थी पर संकट का संकेत हैं ये 6 बातें Reviewed by Naresh Ji on February 11, 2022 Rating: 5

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