बुद्धि फेर देती हैं ये बातें..! इनसे बचकर रहें
हर धर्म में अच्छी और बुरी ताकतों के बीच संघर्ष में अच्छाई की जीत और उसे अपनाने को ही जीवन में अपने साथ दूसरों के सुखों का सूत्र बताया गया है। हर इंसान जीवन में व्यक्तिगत रूप से भी व्यावहारिक जीवन में हर रोज अच्छे-बुरे को चुनने की मानसिक जद्दोजहद में लगा रहता है।सुख की चाहत में इंसान की यह कवायद उसके मन को अस्थिर और अशांत भी करती है। मन की शांति और स्थायी सुख पाने के लिये ही हिन्दू धर्मग्रंथ श्रीमद्भावतगीता में एक छोटा-सा सूत्र बताया गया है।
लिखा गया है कि -
'मन: स्वबुद्ध्यामलय नियम्य'
जिसका अर्थ है कि अपनी पवित्र बुद्धि से ही मन को साधें। इसमें बुद्धि की पावनता द्वारा कर्म, वचन और व्यवहार में बुराई से बचने का संकेत है। यह तभी संभव है जब यहां बताए जा रहे कुछ बुरे काम और भावों से इंसान बचकर रहे। जानते हैं शास्त्रों में बताई ये बुरी बातें -
अहं, कर्महीनता, नफरत यानी घृणा, बुरे संस्कार और आचरण, मान-सम्मान की लालसा, राग, मोह, आसक्ति, ईष्र्या, द्वेष, स्त्री प्रसंग, स्वार्थ भाव के कारण मन व ह्दय से उदार न होना, दुराग्रह, झूठा दंभ।
स्वभाव, व्यवहार से जुड़ी ये सारी बातें इंसान के बुद्धि और विवेक पर सीधे ही बुरा असर डालती है, जिससे जीवन में आए बुरे बदलाव दु:ख और पीड़ा का कारण बन सकते हैं। इसलिए संयम और समझ के साथ इन बुरी बातों से बचने की यथासंभव कोशिश करें।

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