कामयाबी चाहें तो चुने ऐसी राह
शास्त्रों में भावनाओं के स्तर पर इंसान के छ: दुश्मन बताए गए हैं - काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह और मत्सर। इनमें से मत्सर या ईर्ष्या का आज के प्रतियोगिता के दौर में हर व्यक्ति सामना करता है। असल में ईर्ष्या, जलन या डाह ऐसी आग माना गया है, जिससे व्यक्ति खुद ही जलता है।
अध्यात्मिक नजरिया है कि मन से जो विचार पैदा होता है, वही फिर से मन में जाकर अच्छे या बुरे नतीजे देता है। यही बात ईर्ष्या पर भी लागू होती है। जिसक बुरा असर व्यक्ति के चाल-चलन पर भी पड़ता है।
धर्म और अध्यात्म में इससे बचकर कामयाबी के उपाय यही बताए गए हैं कि
- अपनी काबिलियत और हालात को याद रख मेहनत और पुरूषार्थ का भाव रखें।
- हमेशा आगे बढऩे की सोच रखें।
- दूसरों के लिए प्रेम, सम्मान और दया का भाव रखे जिससे दूसरों से बदले में आप भी वैसा ही व्यवहार पाएंगे।
- किसी के रहन-सहन, पहनावे या खानपान से ईर्ष्या करने के स्थान पर खुद की क्षमताओं पर भरोसा रख उन्नति और प्रगति के बारे में सोचें।
कामयाबी चाहें तो चुने ऐसी राह
Reviewed by Naresh Ji
on
February 17, 2022
Rating:

No comments: