यदि किसी भी काम में बार-बार लगता है डर, तो क्या करें...
किसी भी कार्य में सफलता के लिए जरूरी है कि आप हर कदम निडरता के साथ आगे बढ़ते रहे। लक्ष्य तक पहुंचने के लिए जरूरी है मन में किसी भी प्रकार का डर या संशय न हो। जब किसी व्यक्ति के मन में डर आता है तो वह सफलता से दूर हो जाता है।
जीवन में सभी के लिए कोई न कोई लक्ष्य अवश्य ही निर्धारित रहता है। लक्ष्य तक पहुंचने के मार्ग में कई प्रकार की बाधाएं आती हैं जो कि हमारे मन में कई प्रकार की शंका और डर की भावनाओं को जागृत कर देती है। लक्ष्य कैसे प्राप्त किया जाएं? इस प्रश्न के उत्तर में आचार्य चाणक्य ने बताया है कि यदि आप सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, निर्धारित लक्ष्य तक पहुंचना चाहते हैं तो डर को अपने पास मत आने दीजिए। जैसे डर आपके पास आए उसे उसी क्षण खत्म कर दो। अन्यथा डर आपको खत्म कर देगा।
चाणक्य के अनुसार डर ही हमें कमजोर बना देता है। जिस व्यक्ति के मन में भय आ जाए वह कभी भी लक्ष्य तक पहुंच नहीं सकता है। सफलता उसी को मिलती है जो निर्भय होकर दृढ़ता के साथ अपने मार्ग पर चलता रहे। डर भावना आने पर व्यक्ति के कदम स्वत: मार्ग से हटने लगते हैं, डगमगाने लगते हैं। ऐसे में शत्रुओं या कमजोरियों द्वारा डरे हुए व्यक्ति पर आक्रमण कर दिया जाता है और वह हार जाता है। हमारी कमजोरियों को कभी भी खुद हावी नहीं होने देना चाहिए। जबकि डर कमजोरियों को बढ़ता है और मनोबल को तोड़ता है। अत: जैसे ही डर आपके पास आए आप उसे खत्म कर दीजिए।
चाणक्य नीति - यदि किसी भी काम में बार-बार लगता है डर, तो क्या करें...
Reviewed by Naresh Ji
on
February 22, 2022
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