वीर्य कैसे बनता है

वीर्य कैसे बनता है

वीर्य कैसे बनता है 

वीर्य शरीर की बहुत मूल्यवान धातु है !भोजन से वीर्य बनने की प्रक्रिया बड़ी लम्बी है !
जो भोजन पचता है ,उसका पहले रस बनता है !पांच दिन उसका पाचन होकर रक्त बनता है !पांच दिन बाद रक्त से मांस ,उसमे से 5 -6 दिन बाद मेद बनता है और मेद से हड्डी ,और हड्डी से मज्जा ,मज्जा से अन्त में वीर्य बनता है !इस पूरी प्रक्रिया में 40 से 45 दिन का समय लगता है !स्त्री में जो यह धातु बनती है उसे रज कहते हैं !वैज्ञानिक लोग कहते हैं की हम जब पूरी तरीके से विटामिन युक्त भोजन करते हैं तो लगभग 40 से 45 दिन में हम 35 से 40 किलो भोजन करते हैं तब 800 ग्राम रक्त (खून) बनता है और 800 ग्राम रक्त से 15 या 20 ग्राम वीर्य बनता है 


वीर्य के संयम से शरीर में आश्चर्य जनक शक्ति उत्पन्न होती है जिसे प्राचीन लोगों ने ओज का नाम दिया है यही ओज मनुष्य को परम लाभ आत्म दर्शन कराने में सहायक बनता है !आप जहाँ -जहाँ किसी के जीवन में कुछ विशेषता ,चहरे पर तेज ,वाणी में बल ,कार्य करने में उत्साह वहां समझो की वीर्य का ही चमत्कार है और उस व्यक्ति ने वीर्य क्षरण को रोक लिया है !
अब ये समझो की व्यकित ने 40  से 45 जो वीर्य अर्जित किया वो एक बार के मैथुन क्रिया में गवां दिया अब इतने समझदार हैं की आप स्वयं को मजबूत और परमात्मा की प्राप्ति के लायक बना सकें !
वीर्य की कमाई का उदाहरण --
एक माली ने अपना तन मन लगाकर कई दिनों तक परिश्रम करके एक सुन्दर बगीचा तैयार किया ,जिसमे भांति भांति प्रकार के मधुर सुगन्धयुक्त पुष्प खिले !उन पुष्पों से बढ़िया इत्र तैयार किया !
फिर उसने क्या किया जानते हो ?
उस इत्र को गन्दी नाली में बहा दिया !अरे इतने दिनों में परिश्रम से तैयार किये हुए इत्र को ,जिसकी सुगंध से उसका घर महकने बाला था ,उसने नाली में बहा दिया !आप कहेंगे की ,वह माली बड़ा मुर्ख था .पागल था .....;मगर आप अपने आप में ही झांककर देखे ,उस माली को कहीं और जगह तलाश करने की जरुरत नहीं है क्योंकि हम में से ही कई लोग उस माली का उदाहरण हैं !
वीर्य बचपन से लेकर आज तक ,यानि 20 वर्षों में तैयार होकर ओज रूप में शरीर में विध्यमान रहकर तेज ,बल और स्फूर्ति देता रहा !अभी भी जो करीब 40 दिन की कमाई थी ,उसे यो ही सामान्य आवेग में आकर अविवेक पूर्ण खर्च कर देना कहाँ की बुध्दी मानी है !क्या यह उस माली जैसा कर्म नही है ?वह माली तो दो चार बार भूल करने बाद किसी के समझाने पर सुधर भी गया होगा फिर वो ही भूल नहीं दोहराई होगी परन्तु आज के समय में तो कई लोग वही भूल धोहराते रहते हैं और अंत में पछताना पड़ता है !क्षणिक सुख़ के लिए काम के वश में आकर व्यक्ति बड़े उत्साह से मैथुन रूपी कृत्य में पड़ता है !परन्तु कृत्य पूरा होते ही वह मुर्दे जैसा हो जाता है !और होगा ही उसे पता ही नही की सुख़ तो नही मिला केबल सुख़ का आभास हुआ परन्तु उसमे उसने 40 से 45 दिन की कमाई खो दी !
वीर्य कैसे बनता है वीर्य कैसे बनता है Reviewed by Naresh Ji on February 28, 2022 Rating: 5

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