पैदल भ्रमण दिनचर्या का एक अंग हो


पैदल भ्रमण दिनचर्या का एक अंग हो

भारत में प्राचीन काल से ही पैदल चलने का प्रचलन है | इसीका परिणाम है कि हमारे देश के लोग उतने मोटे व बीमार नहीं होते जितने पाश्चात्य देशों के होते हैं | बच्चे हों या बुजुर्ग, महिला हो या पुरुष सभी आयु-वर्ग के व्यकित्यों के लिए प्रात: पैदल भ्रमण नि:शुल्क औषधि है।


पूज्यश्री कहते है : “प्रात: ब्राह्ममुहूर्त में वातावरण में निसर्ग की शुद्ध एवं शक्तियुक्त वायु का बाहुल्य होता है, जो स्वास्थ्य के लिए हितकारी है |

 

भ्रमण शरीर के पृष्ट-भाग कि मांसपेशियों को मजबूत प्रदान करता है | यह रक्तवाहिकाओं को खोल देता है, जिससे मांसपेशियों में ऑक्सीजन और पोषक तत्त्वों की मात्रा बढ़ जाती है | पैदल भ्रमण पीठ के निचले भाग की मांसपेशियों में जमा विषाक्त द्रव्यों को निकालकर लचीलापन प्रदान करता है | यह कैंसर, ह्रदयरोग, कमर-दर्द, श्वास आदि रोगों में लाभदायी है | शोधकर्ताओं के अनुसार पैदल चलने से शरीर में एंडोर्फिन नामक रसायन की मात्रा बढती है जो प्राकृतिक दर्द-निरोधक है | प्रचुर मात्रा में भ्रमण चिंता, उदासी, थकान, उत्साह का अभाव आदि तनाव के लक्षणों में काफी कमी ला देता है | इससे एकाग्रता, प्रश्न हल करने की शक्ति, स्मृति व संज्ञानात्मक क्रियाओं में वृद्धि होती है |

पैदल भ्रमण दिनचर्या का एक अंग हो पैदल भ्रमण दिनचर्या का एक अंग हो Reviewed by Naresh Ji on February 16, 2022 Rating: 5

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