त्वचा संबंधी रोग
खाज खुजली
खाज-खुजली एक संक्रामक रोग है। जिसके कारण त्वचा पर
छोटी-छोटी फुन्सियां निकल आती हैं और उनमें से पानी भी निकलता है। यह शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती हैं। कभी-कभी पेट साफ न होने से, कब्ज रहने से तथा खून में अशुद्धि होने से भी ये खूजली पैदा होती है। एक-दूसरे के कपड़े पहनने से भी यह रोग बढ़ता है। खुजली की तकलीफ रात के समय अधिक होती है। इसकी घरेलू चिकित्सा निम्न लिखित ढंग से होती है।
1) नारियल के तेल में थोड़ा सा कपूर मिलाकर गरम करें और खुजली वाले स्थान पर लगायें।
2) गाय के घी में कुछ लहसुन मिलाकर गरम करें और उसकी मालिश खुजली वाले स्थान पर करें।
3) नींबू के रस में पके हुये केले को मसलकर खुजली वाले स्थान पर लगायें।
4) सरसों के तेल में हरी मिर्च को जलाकर उस तेल की मालिश करें।
5) सरसों के तेल में लहसुन को गरम करके तथा उसमें थोड़ी हल्दी मिलाकर तेल ठंडा होने पर मालिश करें।
6) भूने हुये सुहागे को पानी में मिलाकर लगाने से खुजली में आराम मिलता है।
7) नारियल के तेल में आँवले की गुठली की राख मिलाकर लगायें।
8) अजवायन का तेल खाज-खुजली पर लगाने से भी काफी आराम मिलाता है।
9) सरसों के तेल में नीम की छाल तथा चाल मोगरा दोनों को पकायें और उससे मालिश करें।
10) सरसों के तेल में थोड़ा सा तेजपत्ता व थोड़ा सा बांवची मिलाकर मरहम की तरह खाज खुजली पर लगायें।
11) गाय के घी में आँवला + गंधक + कपूर + नीला थोथा बराबर मात्रा में मिलाकर खाज-खुजली पर लगायें बहुत जल्दी आराम मिलेगा।
12) देशी गाय के गोबर-गोमूत्र का खाज-खुजली पर लेप करने से बहुत जल्दी आराम मिलता है।
13) नीम की छाल और त्रिफला चूर्ण, उसवा, कुटकी और गोरख मुंडी समान मात्रा में लेकर पानी में भिगों दें और उसे आग पर पकायें और उसकी भाप द्वारा अर्क तैयार करें इस अर्क रूई के फाहे से खाज-खुजली वाले हिस्सों पर लगायें।
14) करंज, नीम, तथा निरगुंडी तीनों की छाल को पीसकर पानी में मिलाकर खाज-खुजली वाले स्थान पर लगायें।
15) दूध, हरड, सेंधा नमक, वन तुलसी और चकवड इन सबको समान मात्रा में लेकर पीसें और खाज-खुजली पर लगायें।
16) बथुये के रस में तिल का तेल मिलाकर गर्म करें। जब उसका पानी जल जायें तो खाज-खुजली के स्थान पर लगायें।
17) तिल के तेल में हल्दी को मिलाकर लगाने से चर्म रोग नहीं होता।
18) नीला थोथा, मिट्टी का तेल तथा नींबू का रस मिलाकर लगाने से खाज-खुजली ठीक होती है।
19) दो चम्मच नारियल के तेल में एक चम्मच टमाटर का रस मिलाकर मालिश करने के बाद गर्म पानी से स्नान करें।खुजली में आराम मिलेगा।
20) सूखे सिघांडे के पावडर को नींबू के रस में मिलाकर लगाने से चर्म रोगों में आराम मिलता है।
फोड़ा फुन्सी
खून में विकार होने से फोडे फुन्सी निकलते हैं। वर्षा ऋतु में अधिक आम खाने से या गंदे पानी में घुमने से फोड़े फुन्सी निकलते हैं। फुन्सीयां पहले लाल रहती है। फिर उन में दर्द भी रहता है कभी-कभी इनमें मवाद और गंदा खून भी भर जाता है। और अधिक जलन और खुजली भी होती है। इसके घरेलू नुस्खे निम्न लिखित हैं।
1) गाजर का रस फोडे-फुन्सीयों पर लगाने से काफी आराम मिलता है।
2) लौंग को चंदन के साथ घिसकर लगाने से फुन्सियों में लाभ होता है।
3) आटे में हल्दी और देशी गाय का घी मिलाकर पुल्टीस बांधने से फोडे-फुन्सी जल्दी पक जाते हैं और मवाद निकल जाता है।
4) थोड़ी हल्दी को शहद में मिलाकर चाटने से भी फोड़े-फुन्सी में आराम मिलताहै।
5) सरसों के तेल मेंजरा सी हल्दी और केले की जड़ का पाउडर मिलाकर लगायें।
6) चंदन घिसकर लगाने से भी फुन्सीयों में आराम मिलता है।
7) मेहंदी के उबले हुये पानी को फुन्सीयों पर लगाने से आराम मिलेगा।
8) थोड़ा सा बथुआ, थोड़ी सौंठ और जरा सा नमक तीनों को पीसकर मिलायें फिर काली मिट्टी में मिलाकर फोड़े-फुन्सियों पर लेप करें।
9) अंगूर की पत्तियों का रस फोडे-फुन्सियों पर लगायें। करेल का रस फुन्सियों पर लगाने से भी आराम मिलता है। अनन्नास का गुदा लगाने से भी आराम मिलता है।
10) फोडे-फुन्सियों पर लौंग घिसकर लगाने से भी आराम मिलता है। लौंग और हल्दी दोनों को मिलाकर लगाने से भी आराम मिलता है।
11) नीम की पत्तियों की पुल्टीस बांधने से तथा नीम की छाल का पानी लगाने से फोडे-फुसी जल्दी ठीक हो जाते हैं।
12) करंज, नीम और निरगुंडी की छाल को पीसकर फोडे-फुन्सियों परलगायें।
13) नीम की पत्तियां, हींग और लहसुन-इनको सिर पर पीसकर फोडे फुन्सियों पर लगाये।
14) जौ का आटा, मुलहठी, देशी घी, तीनों को मिलाकर मरहम की तरह फोड़े-फुन्सियों पर लगायें।
15) गाजर, पालक और बथुये का रस बराबर मात्रा में मिलाकर फोडे फुन्सियों पर लगायें।

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