ऐसे लोगों के नाराज होने पर आपको कोई फर्क नहीं पड़ेगा...
किसी भी व्यक्ति के परिवार के अतिरिक्त उसके आसपास हमेशा ही कई लोग रहते हैं। कुछ लोगों हमारे करीब होते हैं तो कुछ केवल जान-पहचान वाले। कभी-कभी ये लोग किसी वाद-विवाद या अन्य किसी कारण के चलते नाराज भी हो जाते हैं। इस परिस्थिति के संबंध में आचार्य चाणक्य ने सटीक नीति बताई है।
आचार्य कहते हैं कि-
रुष्ट भये भय तुष्ट में, नहीं धनागम होय।
दण्ड सहाय न करि सकै, का रिसाय करु सोय।।
जिस व्यक्ति के नाराज होने से हमें कोई डर नहीं है, किसी के खुश होने पर हमें कोई लाभ नहीं हो सकता, जो हमें न तो कुछ दे सकता है और ना ही कोई कृपा कर सकता है, ऐसे लोगों नाराज हो जाए तब भी क्या हो सकता है?
आचार्य चाणक्य के अनुसार हमें उन लोगों के नाराज होने से कोई प्रभाव नहीं पड़ता है जिनके नाराज होने पर भी हमारा कोई अहित नहीं होता। कुछ लोगों ऐसे होते हैं जिनके नाराज होने पर यह भय रहता है कि वे हमारा कुछ अहित कर सकते हैं जबकि कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनके क्रोध से भी हमारा कुछ नहीं बिगड़ सकते। इसी प्रकार जो लोग खुश होने पर भी हमारे लिए कुछ अच्छा कर नहीं सकते, जिनसे हमें किसी प्रकार का कोई लाभ प्राप्त नहीं हो सकता, वे लोग यदि गुस्सा भी हो जाए तो यह कोई गंभीर विषय नहीं है।
कोई व्यक्ति यदि हमें कुछ देने योग्य है, हमारी मदद करने योग्य है, हमारे दुखों को कम कर सकता है, हमें परेशानियों से मुक्ति दिला सकता है तो इन लोगों को नाराज नहीं होने देना चाहिए। जबकि जो लोग किसी प्रकार से हमारे कार्य सिद्ध नहीं कर सकते है और ना ही हम पर किसी प्रकार की कृपा करने में भी असमर्थ हैं उनके नाराज होने पर भी हमारा कुछ बिगड़ नहीं सकता है। अत: इस प्रकार के लोगों के रुष्ट होने पर भी हमें ज्यादा सोचना नहीं चाहिए।
किसी भी व्यक्ति के परिवार के अतिरिक्त उसके आसपास हमेशा ही कई लोग रहते हैं। कुछ लोगों हमारे करीब होते हैं तो कुछ केवल जान-पहचान वाले। कभी-कभी ये लोग किसी वाद-विवाद या अन्य किसी कारण के चलते नाराज भी हो जाते हैं। इस परिस्थिति के संबंध में आचार्य चाणक्य ने सटीक नीति बताई है।
आचार्य कहते हैं कि-
रुष्ट भये भय तुष्ट में, नहीं धनागम होय।
दण्ड सहाय न करि सकै, का रिसाय करु सोय।।
जिस व्यक्ति के नाराज होने से हमें कोई डर नहीं है, किसी के खुश होने पर हमें कोई लाभ नहीं हो सकता, जो हमें न तो कुछ दे सकता है और ना ही कोई कृपा कर सकता है, ऐसे लोगों नाराज हो जाए तब भी क्या हो सकता है?
आचार्य चाणक्य के अनुसार हमें उन लोगों के नाराज होने से कोई प्रभाव नहीं पड़ता है जिनके नाराज होने पर भी हमारा कोई अहित नहीं होता। कुछ लोगों ऐसे होते हैं जिनके नाराज होने पर यह भय रहता है कि वे हमारा कुछ अहित कर सकते हैं जबकि कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनके क्रोध से भी हमारा कुछ नहीं बिगड़ सकते। इसी प्रकार जो लोग खुश होने पर भी हमारे लिए कुछ अच्छा कर नहीं सकते, जिनसे हमें किसी प्रकार का कोई लाभ प्राप्त नहीं हो सकता, वे लोग यदि गुस्सा भी हो जाए तो यह कोई गंभीर विषय नहीं है।
कोई व्यक्ति यदि हमें कुछ देने योग्य है, हमारी मदद करने योग्य है, हमारे दुखों को कम कर सकता है, हमें परेशानियों से मुक्ति दिला सकता है तो इन लोगों को नाराज नहीं होने देना चाहिए। जबकि जो लोग किसी प्रकार से हमारे कार्य सिद्ध नहीं कर सकते है और ना ही हम पर किसी प्रकार की कृपा करने में भी असमर्थ हैं उनके नाराज होने पर भी हमारा कुछ बिगड़ नहीं सकता है। अत: इस प्रकार के लोगों के रुष्ट होने पर भी हमें ज्यादा सोचना नहीं चाहिए।
चाणक्य नीति - ऐसे लोगों के नाराज होने पर आपको कोई फर्क नहीं
Reviewed by Naresh Ji
on
March 01, 2022
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