प्रश्न - सत्संग की क्या उपयोगिता है?
उत्तर- सत्संग अर्थ होता है- सत्य के साथ संगति करना।
👉🏼 *जैसी संगत वैसी रंगत* वाली कहावत आपने सुनी होगी..तो जब आप सत्य का संगत बनाएंगे तो सत्य आपके भीतर प्रवेश करेगा।
👉🏼 *बच्चे को एक प्रयोग घर में सत्संग पर करके दिखाएं - एक सफेद/हल्के पीले मटर के दाने को सौंफ़ वाली डिबिया बन्द करके 15 दिन रख दो। 15वें दिन तक वो मटर हरी हो जाएगी, उसमें सौंफ की खुशबू आएगी। अर्थात जिस तरह सौंफ की संगत ने मटर की रंगत बदल दी, ऐसे ही जिस प्रकार के *व्यक्तियों/दोस्तों के समूह में आप संगत(उठते-बैठते-गपशप)* करते हो, या जिस प्रकार के *टीवी सीरियल फ़िल्म की आप संगत(देखते-सुनते)* करते हो या जिस प्रकार के *साहित्य की आप संगत(पढ़ते)* हो, उनके गुण अच्छे या बुरे स्वतः भीतर प्रवेश करने लगते हैं।
👉🏼 *सत्संग(सत्य की संगत) करने के उपाय* -
1- अच्छी जीवनोपयोगी और सही मार्गदर्शन करने वाली पुस्तको का स्वाध्याय करना।
2- अच्छी सोच और नेक नियत लोगों का समूह ज्वाइन करना, उनके साथ जीवनोपयोगी और समस्या समाधान परक स्वाध्याय करना या कोई एक पढ़े तो बाकी लोग सुनें। अच्छे अच्छे शब्दों और प्रेरणादायक प्रज्ञा गीत गाना। ब्रह्म सत्य है और आत्मज्ञान पाना ही लक्ष्य है इस पर चर्चा परिचर्चा करना।
3- आत्मउत्थान और राष्ट्रचरित्र निर्माण हेतु योजना बनाना और उन पर चर्चा करना।
4- देवपूजन - श्रेष्ठता का वरण करना, सत्संकल्प बोलना और दोहरवाना। भली सोच और नेकनीयत लोगो का संगठन बनाकर आसपास समाज सेवा की गतिविधियां चलाना।
5- सामूहिक योग-ध्यान-प्राणायाम और आयुर्वेदिक ज्ञान की अवेयरनेस बढ़ाना और लोगों को सिखाना।
ऐसे कार्य जो जीवन मे ऊर्जा का संचार करें, किसी के जीवन को सही राह बतायें इनकी चर्चा परिचर्चा को सत्संग कहते हैं।
👉🏼 *सत्संग के फ़ायदे*:-
1- जीवन में भटकोगे नहीं
2- जीवन मे प्रकाश रहेगा
3- तनावमुक्त रहोगे
4- मन हल्का प्रफुल्लति रहेगा
5- उमंग उल्ल्लास जगेगा तो स्वास्थ्य लाभ मिलेगा
6- घर को व्यवस्थित ज्ञान के माध्यम से मैनेज कर सकोगे
7- जीवन प्रबंधन से जीवन सुखमय होगा
8- कभी भी किसी के गलत बहकावे में नहीं आओगे
9- घर के रिश्ते बेहतर बनेंगे
10- मन का सुकून ऑफिस के कार्य को अच्छे से करने में मदद करेगा
11- आध्यात्मिक उन्नति होगी, तो सर्वत्र खुशहाली होगी
12- सत्संग की महिमा यह है कि यह मनुष्य का चरित्र बदलने की क्षमता रखता है।
👉🏼 *क्या सत्संग नहीं है*
1- फ़िल्मी धुनों पर अर्थहीन भजन गाना
2- बेमतलब की बिन सर पैर की धार्मिक कहानियां बोलना
3- जिस बात से किसी को लाभ न हो उसे दोहराना
4- धार्मिक भावना से लोगो को एकजुट करके वहां चुगली चपाटी करना
5- किटी पार्टी करना
सत्संग के जितने फायदे हैं, उतने ही कुसंग(बुरी संगत/असत्य के संगत) से हानि है। अतः संगत अच्छी पुस्तको, अच्छे वेबसाइट, अच्छे यूट्यूब कंटेंट, अच्छे टीवी फ़िल्म और अच्छे लोगों की करें।
Reviewed by Naresh Ji
on
March 04, 2022
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