उपयोगी चीजों की मार्केटिंग आपको और हमें स्वयं करनी पड़ेगी, बर्बादी लाने वाली व अनुपयोगी चीजों की मार्केटिंग के लिए बड़ी बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी व विज्ञापन एजेंसियां हैं।
उपयोगी चीजों की मार्केटिंग आपको और हमें स्वयं करनी पड़ेगी, बर्बादी लाने वाली व अनुपयोगी चीजों की मार्केटिंग के लिए बड़ी बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी व विज्ञापन एजेंसियां हैं।*
आत्मीय भाइयों बहनों,
आजकल आपकी यह बहन नित्य आपको पत्र लिखकर जगा रही है, क्योंकि हम आपका व आपके परिवार का भला चाहते हैं व देश का भला चाहते हैं।
पैक्ड केमिकल युक्त जूस, मैगी और अन्य जंक फूड, चॉकलेट और अन्य जल्दी न सड़े इसलिए केमिकल मिलाए चिप्स फ्राइड पापड़, कुरकुरे नमकीन इत्यादि का विज्ञापन आये दिन यत्र तत्र सर्वत्र आपको मिलेगा। जो आपको व आपके परिवार को बीमार करने वाला व आप सब की इम्यूनिटी घटाने वाला है। इससे कम्पनियों को फायदा है लेकिन आप सबका भारी नुकसान है।
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मक्के व बाजरे की रोटी, सरसो व हरे साग, लस्सी व देशी स्वास्थ्यकर पेय, हमारे प्राचीन भोजन व पकवान का विज्ञापन करने कोई कम्पनी नहीं आएगी न टीवी पर इनका विज्ञापन आएगा। यह पुष्टिकारक, यौवन सुरक्षित रखने वाला, इम्युनिटी बढाने वाला है। इससे आपका फायदा है, कम्पनियों का नहीं। आत: इन सब चीज़ों का विज्ञापन वह नहीं करेंगे, हमे और आपको करना पड़ेगा।
*भारतीय किचन एक छोटा चिकित्सालय है*, जिसे बंद करने की मल्टीनेशनल कम्पनियों की साजिश को हम सबको मिलकर नाकाम करना है।
देशी व्यंजन बनाये, उसे फेसबुक व व्हाट्सएप पर खूबसूरती से डेकोरेट कर शेयर करें। उसकी गुणवत्ता बताएं व लोगो को अवेयर करें। शोशल मीडिया पर भारतीय स्वास्थ्यकर भोजनों को प्रमोट करें।
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याद तो होगा, जब चूल्हे पर भोजन बनता था तो *दादी नानी* पहले उसे चूल्हे की अग्नि में मन्त्र पढ़कर स्वाहा करके भगवान को भोग लगाती थी। ऐसा करने से भोजन की ऊर्जा (एनर्जी) बढ़ जाती थी।
यह *आधुनिक गैस चूल्हे* पर भी सम्भव है, जिसे बलिवैश्व यज्ञ कहते हैं। इसकी सुंदर आसान विधि👉🏻 *परमपूज्य गुरुदेव पण्डित श्रीराम शर्मा आचार्य* जी ने बतलाई है। जैसा खाये अन्न वैसा होवे मन। अनाज व फल सब्जी को पानी से धोकर बाहर की अशुद्धि दूर होती है। खाद्यान्न के ऊर्जा की शुद्धि हवन व मन्त्र से होती है।
भोजन पकने के बाद एक तांबे की छोटी तश्तरी या कटोरी को गैस की अग्नि में गर्म कर उसमें जो भी सादा या मीठा भोजन बना है। उसकी पांच आहुतियां निम्नलिखित तरीके से देकर उसे भोजन प्रसाद बना दे।
ॐ भूर्भुवः स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योन: प्रचोदयात स्वाहा इदं "ब्राह्मणेभ्यो" इदं न मम
ॐ भूर्भुवः स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योन: प्रचोदयात स्वाहा इदं "देवेभ्यो" इदं न मम
ॐ भूर्भुवः स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योन: प्रचोदयात स्वाहा इदं "ऋषिभ्यो" इदं न मम
ॐ भूर्भुवः स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योन: प्रचोदयात स्वाहा इदं "नरेभ्यो" इदं न मम
ॐ भूर्भुवः स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योन: प्रचोदयात स्वाहा इदं "भूतेभ्यो" इदं न मम
इन पाँच आहुतियों से समस्त स्थूल, सूक्ष्म, जीव, वनस्पति , देव व मानव तुष्ट होते हैं। घर मे सुख शांति रहती है।
स्वयं भी इससे लाभान्वित हो व दुसरो को भी यह पत्र शेयर करें। आपके व आपके परिवार के उज्जवल भविष्य व स्वास्थ्य की कामना करती हूँ।
Reviewed by Naresh Ji
on
March 04, 2022
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