ऐसी पत्नी ही सर्वश्रेष्ठ है जो पति को हमेशा सुख देती है...
मनुष्य जीवन के सभी 16 संस्कारों में एक सर्वाधिक महत्वपूर्ण संस्कार है विवाह। विवाह के बाद सिफ वर-वधू ही नहीं दोनों के परिवारों का भी जीवन बदल जाता है। पत्नी का स्वभाव अच्छा होगा तो वह ससुराल में सभी का मोह सकती है और सभी का जीवन सुखी हो सकता है। इसके विपरित पत्नी का स्वभाव होगा तो पति को अक्सर परेशानियों का ही सामना करना पड़ता है। इस संबंध में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि-
सत्य मधुर भाषे वचन, और चतुर शुचि होय।
पति प्यारी और पतिव्रता, त्रिया जानिए सोय।।
वहीं पत्नी अच्छी पत्नी है जो पवित्र, काम-काज में निपूण, पतिव्रता, पतिपरायण और सच बोलने वाली हैं।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि ऐसी पत्नी ही सर्वश्रेष्ठ है जो पति को सुख देने वाली है। जो पत्नी मन, वचन और कर्म से पवित्र होती है, कभी भी मन में बुरे विचार नहीं लाती है वही श्रेष्ठ है। पति से पत्नी किसी प्रकार का भेदभाव नहीं रखती हो, पति से कोई बात न छुपाती है। इसके साथ ही वह पतिव्रत धर्म का पालन करने वाली होनी चाहिए। घर के सभी कार्यों में दक्ष और चतुर होना चाहिए। जो पत्नी अपने पति से सदैव प्रेम करती है, सदैव सच बोलती है वहीं सर्वश्रेष्ठ पत्नी मानी जाती है। ऐसी पत्नी को पूरा मान-सम्मान देना चाहिए, उसका सदैव ध्यान रखना पति का कर्तव्य है।
चाणक्य नीति - ऐसी पत्नी ही सर्वश्रेष्ठ है जो पति को हमेशा सुख देती है...
Reviewed by Naresh Ji
on
March 01, 2022
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