चाणक्य नीति - जहां मूर्ख लोग नहीं रहते, वहां रहती हैं धन की देवी महालक्ष्मी

जहां मूर्ख लोग नहीं रहते, वहां रहती हैं धन की देवी महालक्ष्मी...हमेशा से ही धन सभी की अनिवार्य आवश्यकता रहा है। मात्र धन से ही सभी सुविधाएं जुटाई जा सकती हैं। धन अभाव में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कुछ लोग काफी मेहनत करते हैं लेकिन फिर भी वे धन की कमी से त्रस्त रहते हैं। इस संबंध आचार्य चाणक्य ने तीन मुख्य बातें बताई हैं। चाणक्य कहते हैं-





मूर्खा यत्र न पूज्यन्ते धान्यं यत्र सुसन्चितम्।
दाम्पत्ये कलहो नास्ति तत्र श्री: स्वयमागता।।

जिस देश या स्थान पर मूर्खों की पूजा नहीं होती, जहां हमेशा पर्याप्त मात्रा अन्न का भंडार रहता है, जिस घर में पति और पत्नी में झगड़े नहीं होते हैं वहां महालक्ष्मी सदैव निवास करती हैं।

आचार्य चाणक्य के अनुसार जिस घर में मूर्खों की अपेक्षा बुद्धिमान लोगों को उचित मान-सम्मान दिया जाता है, स्वागत किया जाता है वहां महालक्ष्मी सदैव निवास करती हैं। इसके अतिरिक्त जिन घरों अन्न के पर्याप्त भंडार रहते हैं, जिस घर से कोई भूखा या खाली हाथ नहीं जाता है, जहां सभी अतिथियों अच्छे से आदर सत्कार  किया जाता है, जहां सात्विक भोजन किया जाता है वहां धन की देवी महालक्ष्मी स्वयं विराजमान होती है। जिस घर में पति और पत्नी सदैव प्रेम से रहते हैं, जहां लड़ाई-झगड़ा नहीं होता है वहां से महालक्ष्मी कभी नहीं जाती हैं। जिन लोगों के साथ ये तीन बातें रहती हैं उन पर महालक्ष्मी सदैव कृपा बनाए रखती हैं।
चाणक्य नीति - जहां मूर्ख लोग नहीं रहते, वहां रहती हैं धन की देवी महालक्ष्मी  चाणक्य नीति - जहां मूर्ख लोग नहीं रहते, वहां रहती हैं धन की देवी महालक्ष्मी Reviewed by Naresh Ji on March 03, 2022 Rating: 5

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