स्त्री की सबसे बड़ी शक्ति है सुंदरता, यौवन और...
स्त्री हो या पुरुष, सभी के पास कुछ गुण, कुछ शक्तियां होती हैं जिनसे वे अपने कार्य सिद्ध कर सकते हैं। वैसे तो हर व्यक्ति की अलग-अलग शक्तियां होती हैं लेकिन आचार्य चाणक्य ने बताया है कि किसी भी स्त्री की शक्ति उसकी सुंदरता, यौवन और मीठी वाणी होती है। चाणक्य कहते हैं-
बाहुवीर्यबलं राज्ञो ब्राह्मणो ब्रह्मविद् बली।
रूप-यौवन-माधुर्यं स्त्रीणां बलमनुत्तमम्।।
किसी भी राजा की शक्ति उसका स्वयं का बाहुबल है। ब्राह्मणों की ताकत उनका ज्ञान होता है। स्त्रियों की ताकत उनका सौंदर्य, यौवन और उनकी मीठी वाणी होती है।
आचार्य कहते हैं कि वैसे तो किसी भी राजा के अधीन उसकी सेना, मंत्री और अन्य राजा रहते हैं लेकिन उसका स्वयं का ताकतवर होना भी जरूरी है। यदि कोई राजा स्वयं शक्तिहीन है तो वह किसी पर राज नहीं कर सकता। राजा जितना शक्तिशाली होगा उतना ही अच्छा शासक रहता है। इसीलिए यह जरूरी है कि राजा का बाहुबल से भी शक्तिशाली हो।
किसी भी ब्राह्मण की शक्ति उसका ज्ञान है। ब्राह्मण जितना ज्ञानी होगा वह उतना ही अधिक सम्मान प्राप्त करेगा। ईश्वर और जीवन से संबंधित ज्ञान ही किसी भी ब्राह्मण की सबसे बड़ी शक्ति हो सकता है।
आचार्य चाणक्य कहते हैं किसी भी स्त्री का सौंदर्य और यौवन ही उसकी सबसे बड़ी शक्ति होती है। यदि कोई स्त्री सुंदर नहीं है लेकिन मधुर व्यवहार वाली है तब भी वह जीवन में कभी भी परेशानियों का सामना नहीं करती है। मधुर व्यवहार से ही स्त्री मान-सम्मान प्राप्त करती हैं।
स्त्री हो या पुरुष, सभी के पास कुछ गुण, कुछ शक्तियां होती हैं जिनसे वे अपने कार्य सिद्ध कर सकते हैं। वैसे तो हर व्यक्ति की अलग-अलग शक्तियां होती हैं लेकिन आचार्य चाणक्य ने बताया है कि किसी भी स्त्री की शक्ति उसकी सुंदरता, यौवन और मीठी वाणी होती है। चाणक्य कहते हैं-
बाहुवीर्यबलं राज्ञो ब्राह्मणो ब्रह्मविद् बली।
रूप-यौवन-माधुर्यं स्त्रीणां बलमनुत्तमम्।।
किसी भी राजा की शक्ति उसका स्वयं का बाहुबल है। ब्राह्मणों की ताकत उनका ज्ञान होता है। स्त्रियों की ताकत उनका सौंदर्य, यौवन और उनकी मीठी वाणी होती है।
आचार्य कहते हैं कि वैसे तो किसी भी राजा के अधीन उसकी सेना, मंत्री और अन्य राजा रहते हैं लेकिन उसका स्वयं का ताकतवर होना भी जरूरी है। यदि कोई राजा स्वयं शक्तिहीन है तो वह किसी पर राज नहीं कर सकता। राजा जितना शक्तिशाली होगा उतना ही अच्छा शासक रहता है। इसीलिए यह जरूरी है कि राजा का बाहुबल से भी शक्तिशाली हो।
किसी भी ब्राह्मण की शक्ति उसका ज्ञान है। ब्राह्मण जितना ज्ञानी होगा वह उतना ही अधिक सम्मान प्राप्त करेगा। ईश्वर और जीवन से संबंधित ज्ञान ही किसी भी ब्राह्मण की सबसे बड़ी शक्ति हो सकता है।
आचार्य चाणक्य कहते हैं किसी भी स्त्री का सौंदर्य और यौवन ही उसकी सबसे बड़ी शक्ति होती है। यदि कोई स्त्री सुंदर नहीं है लेकिन मधुर व्यवहार वाली है तब भी वह जीवन में कभी भी परेशानियों का सामना नहीं करती है। मधुर व्यवहार से ही स्त्री मान-सम्मान प्राप्त करती हैं।
चाणक्य नीति - स्त्री की सबसे बड़ी शक्ति है सुंदरता, यौवन और...
Reviewed by Naresh Ji
on
March 01, 2022
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