ऐसे स्वभाव वाली स्त्रियों पर विश्वास नहीं करना चाहिए
सामान्यत: विश्वास या भरोसे पर ही हमारा जीवन चलता है। हमारे आसपास कई लोग होते हैं, जिन पर हम विश्वास करते हैं। इंसानों के साथ ही कई अन्य जीव भी हैं जिन पर हम विश्वास रखते हैं। आचार्य चाणक्य ने बताया है कि हमें किस-किस पर भरोसा नहीं करना चाहिए ताकि जीवन सुखमय बना रहे।
आचार्य चाणक्य कहते हैं-
नदीनां शस्त्रपाणीनां नखीनां श्रृंगीणां तथा।
विश्वासो नैव कर्तव्य: स्त्रीषु राजकुलेषु च।।
इस संस्कृत श्लोक का अर्थ यही है कि हमें नदियों पर कभी विश्वास नहीं करना चाहिए। शस्त्रधारियों पर भरोसा करना खतरनाक हो सकता है। जिन जानवरों के नाखुन और सींग नुकिले होते हैं उन पर विश्वास करने वाले को जान का जोखिम बन सकता है। चंचल स्वभाव की स्त्रियों पर भी विश्वास नहीं करना चाहिए। इनके साथ ही किसी राज्यकुल के व्यक्ति, शासन से संबंधित लोगों का भी भरोसा नहीं करना चाहिए।
चाणक्य कहते हैं कि जिन नदियों के पुल कच्चे हैं, जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं उस नदी पर भरोसा नहीं करना चाहिए क्योंकि कोई नहीं जान सकता कि कब नदी के पानी का बहाव तेज हो जाए, उसकी दिशा बदल जाए। जिन जीवों के नाखुन और सिंग होते हैं उन पर भरोसा करना जानलेवा हो सकता है। क्योंकि ऐसे जीवों का कोई भरोसा नहीं होता कि वे कब बिगड़ जाए और नाखुन या सींगों से प्रहार कर दे। हमारे आसपास यदि कोई ऐसा व्यक्ति को जो अपने साथ हथियार रखता हो उस पर भी विश्वास नहीं करना चाहिए क्योंकि जब भी वह गुस्से या आवेश में होगा तब उस हथियार का उपयोग कर सकता है। जिन स्त्रियों का स्वभाव चंचल होता है उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। जिन लोगों का संबंध शासन से है उन पर विश्वास करना भी नुकसानदायक हो सकता है क्योंकि वे अपने स्वार्थ सिद्ध करने के लिए कभी भी आपको धोखा दे सकते हैं
सामान्यत: विश्वास या भरोसे पर ही हमारा जीवन चलता है। हमारे आसपास कई लोग होते हैं, जिन पर हम विश्वास करते हैं। इंसानों के साथ ही कई अन्य जीव भी हैं जिन पर हम विश्वास रखते हैं। आचार्य चाणक्य ने बताया है कि हमें किस-किस पर भरोसा नहीं करना चाहिए ताकि जीवन सुखमय बना रहे।
आचार्य चाणक्य कहते हैं-
नदीनां शस्त्रपाणीनां नखीनां श्रृंगीणां तथा।
विश्वासो नैव कर्तव्य: स्त्रीषु राजकुलेषु च।।
इस संस्कृत श्लोक का अर्थ यही है कि हमें नदियों पर कभी विश्वास नहीं करना चाहिए। शस्त्रधारियों पर भरोसा करना खतरनाक हो सकता है। जिन जानवरों के नाखुन और सींग नुकिले होते हैं उन पर विश्वास करने वाले को जान का जोखिम बन सकता है। चंचल स्वभाव की स्त्रियों पर भी विश्वास नहीं करना चाहिए। इनके साथ ही किसी राज्यकुल के व्यक्ति, शासन से संबंधित लोगों का भी भरोसा नहीं करना चाहिए।
चाणक्य कहते हैं कि जिन नदियों के पुल कच्चे हैं, जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं उस नदी पर भरोसा नहीं करना चाहिए क्योंकि कोई नहीं जान सकता कि कब नदी के पानी का बहाव तेज हो जाए, उसकी दिशा बदल जाए। जिन जीवों के नाखुन और सिंग होते हैं उन पर भरोसा करना जानलेवा हो सकता है। क्योंकि ऐसे जीवों का कोई भरोसा नहीं होता कि वे कब बिगड़ जाए और नाखुन या सींगों से प्रहार कर दे। हमारे आसपास यदि कोई ऐसा व्यक्ति को जो अपने साथ हथियार रखता हो उस पर भी विश्वास नहीं करना चाहिए क्योंकि जब भी वह गुस्से या आवेश में होगा तब उस हथियार का उपयोग कर सकता है। जिन स्त्रियों का स्वभाव चंचल होता है उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। जिन लोगों का संबंध शासन से है उन पर विश्वास करना भी नुकसानदायक हो सकता है क्योंकि वे अपने स्वार्थ सिद्ध करने के लिए कभी भी आपको धोखा दे सकते हैं
चाणक्य नीति - ऐसे स्वभाव वाली स्त्रियों पर विश्वास नहीं करना चाहिए
Reviewed by Naresh Ji
on
February 23, 2022
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