पति-पत्नी में प्रेम कायम रखना है तो यह जरुरी है....

पति-पत्नी में  प्रेम मकायम रखना है तो यह जरुरी है....
अक्सर पति-पत्नी के संबंधों में थोड़े समय बाद ही तनाव पैदा होने लग जाता है। गृहस्थी एक जंजाल लगने लगती है। ऐसा सिर्फ एक ही कारण से होता है। वो कारण है पति-पत्नी के विचारों का तालमेल नहीं होना। एक-दूसरे को समझे बिना ही अक्सर गृहस्थी शुरू हो जाती है, ना परिवार को समझा, ना एक दूसरे को।


भागवत के एक प्रसंग में देखिए, भगवान कृष्ण की पत्नी सत्यभामा द्रौपदी से पूछ रही है कि वो पांच पतियों को अपने वश में कैसे रखती है। कोई भी उसकी बात नहीं काटता। हर पति उसे उतना ही चाहता है। आखिर ऐसा कौन सा जादू है। द्रौपदी ने जो जवाब दिया वो आज हर एक गृहस्थ के लिए जरूरी है।

भागवत हमें इसके बारे में भी गंभीरता से समझाती है। एक प्रसंग है द्रोपदी भगवान कृष्ण की रानी सत्यभामा को समझा रही हैं कि महिला परिवार को प्रेम से कैसे चला सकती हैं। द्रौपदी कह रही है कि जो समझदार, परिपक्व और सुघढ़ गृहिणी होती है वो एक काम यह करे कि अपने परिवार के रिश्तों की पूरी जानकारी रखे। एक भी रिश्ता चूक गए तो वह रिश्ता अपमानित हो सकता है। प्रत्येक रिश्ते की जानकारी रखिए जो पुरूखों से चले आ रहे हैं। द्रौपदी कहती है कि मैं अपने पांडव परिवार के एक-एक रिश्ते से परिचित हूं। सबसे पहले मैंने इसका अध्ययन किया।

आप देखिए पांच हजार साल पहले चेतावनी दी जा रही है। अभी भी ऐसा होता है कभी घर में पुरूष का निधन हो जाए तो मालूम ही नहीं रहता कि कितनी बीमे की पालिसी और कहां इनवेस्टमेंट किया। स्त्रियों को पुरूष अपना काम बताने में आज भी शर्म करते हैं या फिर पता नही किस हीनता की अनुभूति करते हैं।

परिवार में प्रेम कायम रखना हो तो अपने जीवन में पारदर्शिता लाइए। अहंकार या अज्ञान के कारण कोई भी बात रहस्य ना रखें। परिवार के लोग एक दूसरे से दुराव-छुपाव रखने लगें तो प्रेम का अंत होना तय है। प्रेम को कायम रखने के लिए हमारे पारिवारिक जीवन में खुलापन होना जरूरी है। परिवार के साथ बैठकर अपनी बातें साझा करें, इससे प्रेम तो बढ़ेगा ही, साथ ही कई समस्याओं का निराकरण भी स्वत: ही हो जाएगा।
पति-पत्नी में प्रेम कायम रखना है तो यह जरुरी है.... पति-पत्नी में प्रेम कायम रखना है तो यह जरुरी है.... Reviewed by Naresh Ji on February 19, 2022 Rating: 5

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