ऐसे लोगों से आपको बचकर रहना चाहिए, क्योंकि...
हमारे आसपास कई लोग रहते हैं, सभी का स्वभाव, आदतें, रहन-सहन का तरीका, हाव-भाव, सोच-विचार हर बात एक-दूसरे से अलग होती है। कुछ लोग मन से और विचारों से पवित्र होते हैं वे कभी भी किसी अधार्मिक या गलत कार्य में नहीं फंसते। जबकि कुछ लोग विचारों से ही अपवित्र होते हैं, हमेशा ही अधार्मिक कार्य करते हैं और दूसरों को भी ऐसे मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं।
आचार्य चाणक्य बताते हैं कि हमारे आसपास कई लोग हैं कुछ अच्छे स्वभाव और अच्छे विचारों वाले हैं, कुछ दुष्ट स्वभाव के अधार्मिक लोग होते हैं। दुष्ट लोगों की संगति हमेशा ही दुखों और परेशानियों को बढ़ाने वाली ही होती है। सांप का सारा जहर केवल फन में ही होता है, मक्सी मुख से जहर फैलाती है और बिच्छु का केवल डंक जहरीला होता है जबकि दुष्ट स्वभाव वाला इंसान इन तीनों भयंकर जहरीले जीवों से भी ज्यादा जहरीला होता है।
चाणक्य के अनुसार दुष्ट स्वभाव वाला इंसान अपने घर-परिवार, समाज, मित्र, राष्ट्र आदि सभी के लिए नुकसान पहुंचाने वाला होता है। ऐसे लोग जहां रहते हैं वहीं जहर फैलाते हैं। घर-समाज का वातावरण अपने बुरे विचारों से दूषित करते हैं। अत: ऐसे लोगों की संगति से बचना चाहिए। यहां बुरे विचारों से तात्पर्य है ऐसे विचारों जो निजी स्वार्थ की पूर्ति के लिए दूसरों को हानि पहुंचाने वाले होते हैं। अधार्मिक मार्ग या गलत कार्य या बुरी आदतें जो समाज को क्षति पहुंचाती हैं इनसे स्वयं को दूर रखना चाहिए।
हमारे आसपास कई लोग रहते हैं, सभी का स्वभाव, आदतें, रहन-सहन का तरीका, हाव-भाव, सोच-विचार हर बात एक-दूसरे से अलग होती है। कुछ लोग मन से और विचारों से पवित्र होते हैं वे कभी भी किसी अधार्मिक या गलत कार्य में नहीं फंसते। जबकि कुछ लोग विचारों से ही अपवित्र होते हैं, हमेशा ही अधार्मिक कार्य करते हैं और दूसरों को भी ऐसे मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं।
आचार्य चाणक्य बताते हैं कि हमारे आसपास कई लोग हैं कुछ अच्छे स्वभाव और अच्छे विचारों वाले हैं, कुछ दुष्ट स्वभाव के अधार्मिक लोग होते हैं। दुष्ट लोगों की संगति हमेशा ही दुखों और परेशानियों को बढ़ाने वाली ही होती है। सांप का सारा जहर केवल फन में ही होता है, मक्सी मुख से जहर फैलाती है और बिच्छु का केवल डंक जहरीला होता है जबकि दुष्ट स्वभाव वाला इंसान इन तीनों भयंकर जहरीले जीवों से भी ज्यादा जहरीला होता है।
चाणक्य के अनुसार दुष्ट स्वभाव वाला इंसान अपने घर-परिवार, समाज, मित्र, राष्ट्र आदि सभी के लिए नुकसान पहुंचाने वाला होता है। ऐसे लोग जहां रहते हैं वहीं जहर फैलाते हैं। घर-समाज का वातावरण अपने बुरे विचारों से दूषित करते हैं। अत: ऐसे लोगों की संगति से बचना चाहिए। यहां बुरे विचारों से तात्पर्य है ऐसे विचारों जो निजी स्वार्थ की पूर्ति के लिए दूसरों को हानि पहुंचाने वाले होते हैं। अधार्मिक मार्ग या गलत कार्य या बुरी आदतें जो समाज को क्षति पहुंचाती हैं इनसे स्वयं को दूर रखना चाहिए।
चाणक्य नीति - ऐसे लोगों से आपको बचकर रहना चाहिए, क्योंकि...
Reviewed by Naresh Ji
on
March 02, 2022
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